Mahayagya in Pandeypur: रामनवमी महोत्सव के बाद हेलीकॉप्टर से पूरे यज्ञ क्षेत्र में होगा पुष्प वर्षा
धर्म सम्मेलन में पचास हजार से ज्यादा लोग- भारत के कोने-कोने से संत-महात्मा का जमवाड़ा
बिहार/भोजपुर: खबरे आपकी शाहपुर प्रखंड के पांडेपुर यज्ञ स्थल पर आयोजित धर्म सम्मेलन की सारी तैयारियां पूरी कर ली गई। भारत के कोने-कोने से संत महात्मा का यज्ञस्थल पर जमवाड़ा लग चुका हैं खासकर यज्ञ में हिस्सा लेने के लिए बिहार, झारखंड व उत्तर प्रदेश आदि जगहों से काफी संख्या में लोग जुट चुके हैं। धर्म सम्मेलन के साथ रामनवमी महा महोत्सव को लेकर हेलीकॉप्टर से यज्ञ स्थल सहित पूरे क्षेत्र में पुष्प वर्षा की जाएगी। जिसको देखने के लिए पूरे आसपास के क्षेत्र के लोग काफी उत्साहित हैं। हेलीकॉप्टर को उतरने के लिए यज्ञस्थल के समीप हेलीपैड का निर्माण किया गया है। और चारों तरफ से घेर दिया गया है ताकि कोई परेशानी ना हो।
Mahayagya in Pandeypur: रात्रि में देवमय दृश्य की हो रही अनुभूति
यज्ञ के मुख्य आयोजक अखिलेश पांडे के नेतृत्व में सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता तन मन से जुटे हुए हैं। परिक्रमा करने हेतु महिला तथा पुरुष मध्य रात्रि तक जुट रहे हैं। रात्रि का दृश्य ही अलग दिखाई दे रहा है जैसे देवता भी मानो हर्षित हो आनंद की छटा बिखेर रहें हो। बड़े-बड़े पंडालों में प्रसाद बांटे जा रहे हैं। जिसमें सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता श्रद्धालुओं को प्रसाद खिला रहे हैं।आसपास के 51 गांवों के लोग उसमें अपनी सेवा दे रहे हैं।
Mahayagya in Pandeypur यज्ञ स्थल के चारों तरफ अलग-अलग कीर्तन मंडली द्वारा हरि नाम संकीर्तन किया जा रहा है। यज्ञ स्थल से कई किलोमीटर दूर तक यातायात संभालने के लिए लोग लगे हुए हैं।यज्ञ स्थल से चार किलोमीटर दूर तक मेला सा नजारा बन गया है। चारों तरफ आसपास के क्षेत्र के लोग अलग-अलग दुकान सजाए हुए हैं। शाम होते ही लोग अपने-अपने घरों से पैदल तथा गाड़ियों से बाल बच्चे सहित यज्ञ स्थल पर घूमने के लिए आ रहे हैं।
धर्म सम्मेलन सुबह 10 बजे ही प्रारंभ हो जायेगा। जिसमें भारत के कोने-कोने से आए संत महात्मा अपने मुखारविंद से अमृत वर्षा करेंगे। धर्म सम्मेलन को लेकर 50 हजार से अधिक संख्या में लोगों के आने का अनुमान है। श्री जीयर स्वामी जी महाराज के प्रवचन सुनने के लिए काफी संख्या में लोग जुट रहे हैं। बहुत बड़ा पंडाल भी छोटा पड़ जा रहा है। अयोध्या नाथ स्वामी जी महाराज के देखरेख में सभी कार्यकर्ता कार्य कर रहे हैं।
श्री जीयर स्वामी जी महाराज ने प्रवचन के दौरान कहा कि बुरी आदतों को सुधारना ही भगवान का भजन है – जीयर स्वामी अनीति उपद्रव द्वारा इक्ट्ठा धन ज्यादा दिनों तक नही टिकता। माता देवहुति ने अपने पुत्र भगवान कपिलदेव जी से पूछा कि आत्मोद्धार कैसे हो सकता है। उन्होंने बताया कि आत्मोद्धार का सबसे सरल तथा सहज उपाय यह है कि मन को जगत् के साथ साथ जगदीश में भी जोड़िए।
मन को केवल जगदीश में जोड़ना संभव नही है। उसी प्रकार से जगदीश में यदि संबंध जोड़ लेते हैं तो सही मायने में हमें जगत का संबंध पास कर लेगा। जगत् का व्यवहार हमें पास कर देगा। अगर जगदीश से संबंध में पास नही करते हैं तो व्यवहार से जगत् से पास होने के बाद भी फेल माने जाएंगे। इसलिए जगत् की व्यवस्था में रहें लेकिन जगदीश से संबध जोड़ कर रहें। कहीं किसी कारण से जाने अनजाने में बुरी आदत जो हो उसको त्यागीए। हरपल, हर क्षण उसके जीवन का कार्य हमारा भजन बन जाएगा।
श्रीमद्भागवत महापुराण में बताया गया है बंधन और मोक्ष का कारण मन है। यदि जगदीश में फंसा हुआ है तो मोक्ष है। यदि मन कहीं जगत् में फंसा हुआ है तो बंधन है। मोक्ष का सरल और सहज साधन मन है। मन को अपने आप में दुनिया से समेट लिए तो ठीक है। यदि मन को दुनिया में लगा दिए तो कहीं न कहीं उलझन में फंसना जरूरी है।सत्य ही नारायण हैं, नारायण ही सत्य हैं।
भक्ति को पुष्ट करने के लिए 15 साधन बताया गया है। पहला यम नियमादि का पालन करना। वाणी भी सत्य होना चाहिए, भोजन भी सत्य होना चाहिए, व्यवहार भी सत्य होना चाहिए। हमारी धारणा, ध्यान भी सत् होना चाहिए, इसी का नाम सत्य है। क्योंकि नारायण ही सत्य हैं, सत्य ही नारायण हैं। अगर नारायण से हमारा प्रेम नही हुआ तो हमारे द्वारा जो सत्य बोला गया है सत्य बोलने पर भी उसका फल प्राप्त नही होगा।