Friday, November 22, 2024
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मास्टर माइंड और लाइनर समेत पांच अपराधी गिरफ्तार

Mahadev Prasad murder case-किराना व्यवसायी हत्याकांड का खुलासाः

लूटपाट के प्रयास के दौरान पहचान लिये जाने पर मारी गयी थी व्यवसायी को गोली

अपराधिक घटना को अंजाम देने की साजिश रचते पकड़े गये पांचों बदमाश

हत्या में इस्तेमाल देसी पिस्टल, 11 गोली और पांच मोबाइल बरामद

23 दिसंबर की रात नगर थाना क्षेत्र के अहिरपुरवा के समीप की गयी थी हत्या

पड़ोस में रहने वाले संतोष ने व्यवसायी को दागी थी तीन गोलियां

आरा शहर के टाउन थाना क्षेत्र के अहिरपुरवा निवासी किराना व्यवसायी महादेव प्रसाद की हत्या का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। लूटपाट के प्रयास के दौरान पहचान लिये जाने के कारण अपराधियों द्वारा उनको गोली मार दी गयी थी। हत्या कांड के मास्टर माइंड और लाइनर सहित घटना में शामिल सभी पांच अपराधियों की गिरफ्तारी के बाद इसका खुलासा हुआ है। इस मामले में पुलिस ने पांच पांच बदमाशों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें नगर थाना क्षेत्र के धरहरा निवासी संतोष कुमार उर्फ संतोष चौधरी उर्फ योगी, अहिरपुरवा निवासी सनोज यादव, मनीष कुमार, हनुमान टोला निवासी शिवशंकर कुमार और इब्राहिम नगर निवासी विकास महतो शामिल हैं। इनके पास से एक देसी कट्टा, अलग-अलग बोर की 11 गोलियां और पांच मोबाइल बरामद किये गये हैं। सभी को मंगलवार को नगर थाना क्षेत्र के धरहरा स्थित जमीरा मोड़ के पास आपराधिक घटना की साजिश रचते पकड़ा गया है।

एसपी विनय तिवारी ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि संतोष चौधरी उर्फ योगी और सनोज यादव व्यवसायी के पड़ोसी हैं। दोनों को व्यवसायी के पास काफी पैसे होने की आशंका थी। दोनों ने शिवशंकर और मनीष के साथ मिलकर व्यवसायी से लूटपाट की प्लानिंग की। 23 दिसंबर की रात लूट के उद्देश्य से ही व्यवसायी को रास्ते में घेरा था। इस दौरान संतोष चौधरी व्यवसायी का बैग छीनने लगा। लेकिन व्यवसायी ने उसको पहचान लिया। इससे संतोष चौधरी काफी घबरा गया और उसने व्यवसायी को तीन गोलियां दाग दी। बाद में उनकी मौत हो गयी थी। 

Mahadev Prasad murder case: संतोष मास्टर माइंड: दो लाख रुपये होने के संदेह में दिया गया घटना को अंजाम

Mahadev Prasad murder case

खबरे आपकी आरा। एसपी ने बताया कि किराना व्यवसायी महादेव साह की धरहरा स्थित दुकान के पास संतोष चौधरी उर्फ योगी का घर है। जबकि सनोज यादव का घर व्यवसायी के मकान के पास है। दोनों को इस बात की आशंका थी कि व्यवसायी के पास काफी पैसा रहता है। जानकारी थी कि वह अक्सर काफी पैसे लेकर घर आते जाते हैं। इसको लेकर सनोज यादव और संतोष चौधरी ने मिलकर षडयंत्र रचा। इसमें शिवशंकर, मनीष कुमार और विकास महतो को शामिल कर लिया गया। विकास द्वारा हथियार और बाइक उपलब्ध कराये गये थे। 23 दिसंबर को दोनों को उम्मीद थी कि व्यवसायी दो लाख रुपये लेकर घर लौट रहे हैं। उसके सभी ने व्यवसायी से लूटपाट की प्लानिंग की। उसके तहत संतोष चौधरी और शिवशंकर अपाची बाइक से व्यवसायी के पीछे लग गये। जबकि सनोज और मनीष लाइनर का काम कर रहे थे। इसी दौरान रास्ते में मौका देख संतोष चौधरी और शिवशंकर ने व्यवसायी को रोक लिया और उनसे रुपए से रुपये से भरा बैग छीनने लगे। तभी बाइक गिर गयी और व्यवसायी ने संतोष चौधरी को पहचान लिया। एसपी ने बताया कि संतोष ने पहले लूट जैसी कोई घटना नहीं किया था। इस कारण व्यवसायी द्वारा पहचाने जाने पर वह काफी नर्वस हो गया और उसने ताबड़तोड़ तीन गोलियां व्यवसायी पर दाग दी। इसके बाद सभी भाग निकले। एसपी ने बताया कि अपराधियों का उद्देश्य हत्या करना नहीं, बल्कि बल्कि पैसे लूटना था। 

सीसीटीवी फुटेज तकनीकी जांच अपराधियों तक पहुंची पुलिस

Mahadev Prasad murder case आरा। किराना व्यवसायी हत्याकांड का खुलासा करने में पुलिस को तकनीकी जांच से काफी मदद मिली। सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल सर्विलांस के जरिये पुलिस अपराधियों तक पहुंच सकी। इसमें डीआईयू टीम की भूमिका अहम रही। एसपी ने बताया कि घटना काफी संवेदनशील थी। इस मामले में व्यवसायी के पुत्र द्वारा अज्ञात अपराधियों के खिलाफ प्राथमिकी करायी गई थी। हत्या का कारण स्पष्ट नहीं हो रहा था। इसे लेकर महादेव प्रसाद के जीवन के बारे में पता लगाया। लेकिन उनसे किसी के साथ विवाद की बात सामने नहीं आई। केस पूरी तरह से ब्लाइंड था। इसको लेकर डीआईयू टीम ने काफी मेहनत की। टीम को घटना के बाद चार दिनों तक कुछ नहीं मिला था। हालांकि बाद में परत दर परत घटना का इनपुट मिलने लगा। इसी क्रम में घटनास्थल सहित आसपास के सीसीटीवी के फुटेज खंगाले गये। हाल में इस तरह की घटना में शामिल अपराधियों का इतिहास और लोकेशन ट्रेस किया गया। कुछ अपराधियों के मोबाइल की सीडीआर निकाली गयी। तब घटना में शामिव इन सभी अपराधियों की पहचान हो सकी। इसके बाद सभी को गिरफ्तार कर लिया गया।

15 दिनों में होगा चार्जशीट, पुलिस टीम को किया थायेगा पुरस्कृत

एसपी विनय तिवारी ने बताया कि घटनास्थल से मिले खोखा और बरामद पिस्टल की एफएसएल से जांच कराई जाएगी। 15 दिनों के अंदर चार्जशीट दाखिल कर लिया जाएगा। जल्द ही मामले में अनुसंधान पूरा कर अपराधियों को त्वरित सजा दिलाई जाएगी। उन्होंने कहा कि सराहनीय काम करने वाली टीम में शामिल सभी पुलिस कर्मियों को पुरस्कृत किया जाएगा। टीम में एएसपी हिमांशु, नगर थाना के प्रभारी थाना अध्यक्ष विजय कुमार, दारोगा अविनाश कुमार, डीआईयू टीम के दारोगा कुमार रजनीकांत, अवधेश कुमार, जवान अविनाश कुमार, धर्मेंद्र कुमार और सुकेश कुमार शामिल थे।

ट्रैक्टर चोरी में जेल जा चुका है संतोष चौधरी

एसपी ने बताया कि हत्या के मामले में गिरफ्तार धरहरा निवासी संतोष चौधरी का पुराना आपराधिक इतिहास रहा है। वह ट्रैक्टर चोरी समेत अन्य मामले में जेल जा चुका है। अन्य अपराधियों का भी अपराधिक इतिहास खंगाला जा रहा है।

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