Saturday, April 20, 2024
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1994 में चुराई गई मूर्तियों को 29 वर्षों के बाद श्री रंगनाथ मंदिर लाया गया

Ranganatha Bhagwan Temple at Gundi: दक्षिण भारत के मंदिर की तर्ज पर स्थापत्य कला से 1840 में रंगनाथ मंदिर का हुआ है निर्माण

Bihar/Ara: बिहार में सभी कानूनी प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद करीब 29 वर्षों से कैद श्री हनुमान जी व श्री रामानुज स्वामी की रिहाई हो गयी। भोजपुर जिले के कृष्णगढ़ थाने में पिछले करीब 29 वर्षों से कैद श्री हनुमान जी व श्री रामानुज स्वामी की रिहाई मंगलवार के दिन । इसे लेकर ग्रामीणों व हनुमान भक्तों में खुशी छा गयी है। सभी कानूनी प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद मंगलवार की शाम थाने के मालखाने में कैद अष्टधातु निर्मित हनुमान जी की कीमती मूर्तियों को निकाला गया। इसके बाद हनुमान जी व श्री रामानुज स्वामी को गंगाजल से स्नान करा नया वस्त्र धारण कराया गया। फिर पूजा-अर्चना करने के साथ गाजे- बाजे के बीच जयकारे के साथ दोनों मूर्तियों को गुंडी गांव स्थित ऐतिहासिक श्री रंगनाथ मंदिर लाया गया।

डॉ. शैलेंद्र कुमार
Holi Anand
Dr. Prabhat Prakash
Vishvaraj Hospital, Arrah
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इसके पूर्व थाना परिसर में हनुमान जी व श्री रामानुज स्वामी को आसन पर विराजमान कर थानाध्यक्ष ब्रजेश सिंह व श्रद्धालुओं की ओर से फूल-माला चढ़ाया गया व आरती-पूजन कर थाने से शाम पांच बजे श्रद्धापूर्वक विदा किया गया। थाने से सजाये गये पिकअप से मूर्तियां लाने के दौरान जय श्री राम-जय हनुमान के जयकारे से पूरा ग्रामीण इलाका गुंजायमान हो रहा था। ढाई दशक से अधिक समय तक थाने के मालखाने में कैद हनुमान जी की मूर्ति अपने पूर्व के स्थान मंदिर में आने से गुंडी गांव के साथ आसपास के ग्रामीणों व श्रद्धालुओं में खुशी की लहर देखी गई।

Ranganatha Bhagwan Temple at Gundi मंदिर में मूर्ति ले जाने के बाद श्रद्धालुओं की मांग पर पूरे गांव में मूर्ति घुमायी गयी। इस दौरान गांव की महिलाएं हनुमान जी का दर्शन कर निहाल हो गयीं। मंदिर के 80 साल के कार्यकर्ता बबन सिंह को तो अपनी आंखों पर सहज विश्वास ही नहीं हो रहा था कि उनके भगवान सचमुच मंदिर में पहुंच गये हैं। रात तक श्रद्धालुओं का हुजूम भगवान के दर्शन को जमा था। उत्साह देखते ही बन रहा था।

Ranganatha Bhagwan Temple at Gundi:गुंडी गांव के श्री रंगनाथ भगवान के मंदिर से 1994 में चुराई गई थीं मूर्तियां

बता दें कि वर्ष 1994 के जून माह में कृष्णगढ़ थाना क्षेत्र के गुंडी गांव स्थित श्री रंगनाथ भगवान के मंदिर से चोरों ने इस कीमती मूर्तियों को चुरा लिया था। करीब एक सप्ताह बाद पुलिस ने इस मूर्ति को गौसगंज के पास स्थित एक बगीचा के कुएं से बरामद किया था। उस समय कीमती मूर्तियों की जमानत के लिए न्यायालय की ओर से 42 लाख रुपये के जमानतदार की मांग की गई थी। तब इतनी राशि का जमानतदार नहीं मिलने से मूर्तियां कृष्णगढ़ थाने के मालखाने में पड़ी रहीं।
दक्षिण भारत के मंदिर की तर्ज पर स्थापत्य कला से 1840 में रंगनाथ मंदिर का हुआ है निर्माण

बता दें कि गुंडी स्थित श्री रंगनाथ भगवान के मंदिर का निर्माण कार्य 1840 ई. में मद्रास के नंद गुनेरी मठ के मठाधीश की अगुवाई में पूरा हुआ था। दक्षिण भारत के मंदिर की तर्ज पर स्थापत्य कला से दर्शनीय मंदिर का निर्माण होने के बाद इसमें श्री रंगनाथ भगवान, माता गोदम्बा, श्री वेंकटेश भगवान, राम-लक्ष्मण, माता जानकी, गणेश , गरूड़ जी व अन्य देवी-देवताओं की मूर्ति की स्थापना कर पूजा-अर्चना शुरू हुई थी। बाद में मठ की ओर से पूजा-अर्चना में कोताही बरते जाने के बाद इस मंदिर की जिम्मेवारी वर्ष 2007 में श्री भगवान राम जी को सौंप दी गई थी।

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Vikas singh
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