Bihar Alliance : बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर शुक्रवार को लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की।
- हाइलाइट: Bihar Alliance
- बिहार गठबंधन में मदन यादव को भी बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। उन्हें प्रदेश की जिम्मेदारी सौंपी गई है
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर शुक्रवार को लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने ‘बिहार गठबंधन’ नामक एक नए थर्ड फ्रंट की स्थापना की है, जिसमें राष्ट्रवादी जनलोक पार्टी (सत्य) समेत कई छोटे दल शामिल हैं। यह गठबंधन बिहार की राजनीतिक परिदृश्य में एक नई दिशा देने का प्रयास कर रहा है। पटना में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रवादी जनलोक पार्टी (सत्य) के प्रवक्ता प्रकाश सिंह ने इस गठबंधन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि तेजप्रताप यादव को इस गठबंधन का मुख्यमंत्री का चेहरा बनाया गया है, और सभी दल एक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम के तहत चुनाव लड़ेंगे।
इससे पहले, तेजप्रताप यादव ‘टीम तेज प्रताप यादव’ के नाम से प्रचार कर रहे थे, लेकिन अब उन्होंने ‘बिहार गठबंधन’ का गठन कर लिया है, जो कि उनके राजनीतिक करियर में एक महत्वपूर्ण मोड़ है। इस गठबंधन में शामिल दलों का उद्देश्य एकजुट होकर चुनावी मैदान में उतरना है। तेजप्रताप यादव की राजनीतिक यात्रा में यह नया अध्याय उनके लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है।
Bihar Alliance : शाहपुर विधानसभा से चुनाव लड़ेंगे मदन यादव
बिहार गठबंधन में मदन यादव को भी बड़ी जिम्मेदारी दी गई है। उन्हें प्रदेश स्तर की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जो कि इस गठबंधन की रणनीति को और मजबूत बनाती है। तेजप्रताप यादव ने पहले ही घोषणा की है कि मदन यादव भोजपुर जिले के शाहपुर विधानसभा से चुनाव लड़ेंगे। यह कदम इस बात का संकेत है कि तेजप्रताप अपने सहयोगियों को भी आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं और उन्हें चुनावी मैदान में उतारने का प्रयास कर रहे हैं।
हालांकि, तेजप्रताप यादव के परिवार में चल रहे विवादों ने उनकी राजनीतिक यात्रा को प्रभावित किया है। उन्हें आरजेडी से निष्कासित किया गया है, और यह विवाद उनके परिवार के भीतर गहराई तक फैला हुआ है। तेजप्रताप ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि वे महुआ से चुनाव लड़ेंगे, और उन्होंने इसे अपनी कर्मभूमि बताया है। उनका यह भी कहना है कि अगर कोई और महुआ से चुनाव लड़ेगा, तो जनता उसे हरा देगी।
तेजप्रताप के परिवार में विवाद की शुरुआत 24 मई को हुई थी, जब उनके फेसबुक पर अनुष्का के साथ उनके 12 साल के रिश्ते की बात सामने आई। इस खुलासे के बाद लालू प्रसाद यादव ने तुरंत एक्शन लिया और 25 मई को तेजप्रताप को घर और पार्टी से 6 साल के लिए निकाल दिया। इस निर्णय ने परिवार के भीतर तनाव को और बढ़ा दिया, और लालू प्रसाद यादव ने तेजप्रताप से सारे रिश्ते भी तोड़ लिए।
इस प्रकार, तेजप्रताप यादव की राजनीतिक यात्रा में यह नया मोड़ उनके लिए एक चुनौती और अवसर दोनों है। ‘बिहार गठबंधन’ के माध्यम से वे एक नई पहचान बनाने का प्रयास कर रहे हैं, जबकि उनके पारिवारिक विवाद उनके लिए एक बड़ी बाधा बनकर उभरे हैं। अब देखना यह है कि वे इस नई राजनीतिक यात्रा में कितनी सफलता प्राप्त कर पाते हैं और अपने परिवार के विवादों को कैसे संभालते हैं।
बिहार की राजनीति में इस समय कई बदलाव हो रहे हैं, और तेजप्रताप यादव का यह कदम निश्चित रूप से चुनावी परिदृश्य को प्रभावित करेगा। ‘बिहार गठबंधन’ का गठन एक नई राजनीतिक धारा को जन्म दे सकता है, इस गठबंधन के माध्यम से तेजप्रताप यादव और उनके सहयोगी बिहार की राजनीति में एक महत्वपूर्ण बदलाव लाने का प्रयास कर रहे हैं।



