लीजेंड बक्शी कुलदीप नारायण सिन्हा मेमोरियल कल्चरल सोसायटी के तत्वाधान में आयोजित 106 वां छह दिवसीय कृष्ण जन्मोत्सव संगीत समारोह सह झूलनोत्सव की अंतिम निशा का उद्घाटनअंतर्राष्ट्रीय तबला वादक पंडित अरविंद कुमार आजाद ने किया। अंतराष्ट्रीय तबला वादक के व्याख्यान और कथक प्रस्तुति के साथ ही यह आयोजन संपन्न हुआ।
अरविंद कुमार आजाद ने व्याख्यानमाला को संगीत में रियाज के महत्व पर केँद्रित करते हुऐ कहा कि संगीत में रियाज का अन्य महत्वपूर्ण स्थान है। जो रियाज करेगा, वही राज करेगा। संगीत केवल तकनीकी पक्ष पर ही नहीं बुद्धिमता पर भी ध्यान देना आवश्यक है। बनारस घराने में अनगिनत मूर्धन्य विभूतियां हुई। संगीत में साधना को सर्वस्व मानना चाहिये। अनुशासन और प्रतिबद्धता ही रियाज का मानक है।
पंडित अरविंद कुमार आजाद
वही संगीत में उपज की महत्ता को बताते हुआ पंडित अरविंद ने कहा कि कला में उपज कलाकार की कल्पनाशीलता का परिचायक है। कलाकार बनने के लिए उपज करने की कला आवश्यक होता है।
वहीं इस डिजिटल समारोह में युवा कथक नर्तक अमित कुमार व राजा कुमार ने पारंपरिक कथक में गणेश वंदना, झपताल में ऊपज, ठाट, आमद, टुकड़ा, परन, तिहाई व कथानक कालिया दमन प्रस्तुत कर समां बांध दिया। सुंदर वस्त्र विन्यास व भाव भंगिमाओं के प्रदर्शन से द्वय नर्तकों ने खासा प्रभावित किया।
इस अवसर पर अतिथि, वक्ता, कलाकार व मीडियाकर्मियों को सांस्कृतिक सेवा के लिए सम्मानित किया गया। संचालन गुरू बक्शी विकास व धन्यवाद ज्ञापन आदित्या ने किया।
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