Thursday, April 18, 2024
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बीपी व पल्स देखे बिना ही महिला मरीज को रेफर कर दिया पटना

बीपी व पल्स देखे बिना ही महिला मरीज को रेफर कर दिया पटना
इलाज में लापरवाही बरतने पर मरीज के परिजनों ने जमकर काटा बवाल
स्वास्थ्य कर्मियों पर इलाज नही करने एवं गाली गलौज करने का लगाया आरोप
हंगामे के दौरान स्टेट से जांच के लिए आई तीन सदस्यीय टीम भी मीडियाकर्मियों से उलझी
समाचार संकलन कर रही महिला मीडिया कर्मी से कैमरा छिनने का किया असफल प्रयास
प्रभारी अधीक्षक बोले: डयूटी पर तैनात चिकित्सक व कर्मियों से मांगा गया है स्पष्टीकरण
सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में मंगलवार की दोपहर घटी घटना
आरा। शहर के टाउन थाना क्षेत्र के सदर अस्पताल इमरजेंसी वार्ड में इलाज में लापरवाही बरतने को लेकर मरीज के परिजनों ने जमकर बवाल काटा। इस दौरान मरीज के परिजनो एवं स्वास्थ्यकर्मियों व सुरक्षाकर्मियों के बीच नोकझोंक एवं धक्का-मुक्की हुई। घटना को लेकर इमरजेंसी वार्ड में अफरा-तफरी मची रही। इस दौरान स्टेट से आई तीन सदस्यीय एसेसर फॉर एसेसमेंट जांच टीम भी खबर संकलन कर रहें मीडिया कर्मियों से उलझ पड़ी और एक महिला मीडियाकर्मी का कैमरा छीनने का असफल प्रयास किया। इसको लेकर वहां मौजूद मीडियाकर्मियों एवं जांच टीम के बीच कहासुनी भी हुई। सूचना पाकर सदर अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डॉ.अरुण कुमार इमरजेंसी वार्ड पहुंचे और मरीज के परिजनों को समझा-बुझाकर किसी तरह मामले को शांत कराया।

जानकारी के अनुसार उक्त मरीज अजीमाबाद थाना क्षेत्र के बड़गांव गांव निवासी सुनील सिंह की 23 वर्षीया पुत्री करिश्मा कुमारी है। इधर, मरीज के भाई राणा प्रताप सिंह ने बताया कि उसकी बहन करिश्मा कुमारी का सोमवार की शाम करीब 6 बजे अचानक तबीयत बिगड़ गई और उसकी अवाज बंद हो गई। आनन-फानन में परिजन उसे अगिआंव पीएचसी ले गए। जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उसे आरा रेफर कर दिया गया। वहां एंबुलेंस उपलब्ध नहीं हो पाया। परिजन किसी तरह उसे इलाज के लिए बाइक द्वारा आरा सदर अस्पताल ले आए। जहां उसे इमरजेंसी वार्ड में भर्ती किया गया। जहां मौजूद डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा बिना इलाज किए एवं बीपी व पल्स देखे ही उसे पटना रेफर कर दिया गया। जब उन्होंने इसकी शिकायत की तो स्वास्थ्य कर्मी द्वारा उन्हें धक्का देकर गाली-गलौज की गई। जिसके बाद परिजन भड़क उठे और सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में जमकर बवाल काटा। मरीज के परिजन द्वारा जब सदर अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक के सरकारी नंबर पर इसकी शिकायत की तो, उन्होंने कहा कि आप अस्पताल प्रबंधक से बात कीजिए। इसके बाद उन्होंने अस्पताल प्रबंधक को काॅल कर इसकी शिकायत की, तो उन्होंने कहा कि आप इंतजार कीजिए अभी मैं गाड़ी चला रहा हूं। हंगामे की सूचना मिलते ही पुलिस की चीता टीम सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में पहुंची और परिजनों से मिलकर उन्हें समझा-बुझाकर मामले को शांत कराया। वही इस मामले में सदर अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक डॉ.अरुण कुमार ने बताया कि जिस समय यह घटना घटी, उस समय मैं कोर्ट में गवाही देने आया था। जैसे ही मुझे फोन पर सूचना मिली। मैं फौरन सदर अस्पताल पहुंचा तो मैंने देखा कि एक लड़की बेड पर पड़ी थी। जिसे हाफ की शिकायत थी। जिसके बाद उसे फौरन मैंने रेड जोन में भर्ती किया। उसके बाद मैंने खुद उसका बीपी एवं पल्स नापा और मामले को शांत कराया। उन्होंने बताया कि इस घटना को लेकर मैंने ओपीडी में ऑन ड्यूटी ईएनटी के डॉक्टर से भी स्पष्टीकरण मांगा है, कि किस कारण वह अपने ड्यूटी पर मौजूद नहीं थे। इसके अलावे इमरजेंसी में ऑन ड्यूटी चिकित्सक एवं स्वास्थ्य कर्मियों से भी स्पष्टीकरण मांगी गई है कि आखिर उनके रहते हुए हंगामा कैसे बढ़ा?

डॉ. शैलेंद्र कुमार
Holi Anand
Dr. Prabhat Prakash
Vishvaraj Hospital, Arrah
डॉ. शैलेंद्र कुमार
Holi Anand
Dr. Prabhat Prakash
Vishvaraj Hospital, Arrah
MD WASIM
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Journalist
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