Friday, March 29, 2024
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मनुष्य के शरीर-मन और भावना को स्थिर व नियंत्रित करता है योग

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर एनएसएस इकाई-वन की स्वयं सेविकाओं ने घरों में किया योगा
आरा। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई-1 महंथ महादेवानन्द महिला कांलेज की स्वयं सेविकाओ के द्वारा अपने-अपने घर पर योगा किया।इस अवसर पर प्रोग्राम आॅफिसर डॉ. विजय लक्ष्मी ने स्वयंसेविकाओं को बताया प्राचीन काल से ही आत्मा परमात्मा के मिलन को योग कहा जाता रहा है। योग के द्वारा लोग अपने आप को निरोग रख सकते है। जिसकी महत्ता को समझते हुए पूरे विश्व में संयुक्त राष्ट्र संघ ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता प्रदान किया है।

इसके बाद से विश्व के लगभग सभी देश योग को अपना लिया योग हमारे जीवन की शक्ति, ध्यान करने की क्षमता और उत्पादकता को बढ़ाता है। योग मनुष्य के शरीर, मन और भावना को स्थिर और नियंत्रित भी करता है। कहा जाता है कि एक व्यक्ति को योग के द्वारा स्वयं के साथ मिलना है। जब पूरी तरह अनुशासित होकर अपने मन से सभी इच्छाओं से नियन्त्रण प्राप्त कर लेते हैं। तब हम अपने आप को जान पाते है। योग मनुष्य को सफल बनाने में भी उसकी मदद करता है। वहीं नियमित रुप से किया गया योग अभ्यास मनुष्य को एक बेहतर शारीरिक, मानसिक एवं बौद्धिक स्वास्थ्य की तरफ ले जाता है।

डॉ. शैलेंद्र कुमार
Holi Anand
Dr. Prabhat Prakash
Vishvaraj Hospital, Arrah
डॉ. शैलेंद्र कुमार
Holi Anand
Dr. Prabhat Prakash
Vishvaraj Hospital, Arrah

मनुष्य के शरीर-मन और भावना को स्थिर व नियंत्रित करता है योग

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हमारा स्वास्थ्य ही असली धन है न कि सोने और चांदी के टुकड़े, इसलिए योग के द्वारा इसे बनाये रखे। शांतिपूर्ण जीवन जीने के लिए योग और ध्यान अपनाये सभी बीमारियों का उपचार योग और स्वस्थ जीवन शैली में निहित है। योग का नियमित अभ्यास कराये, जीवन को खुशहाल और स्वस्थ बनाये। योग एक महत्वपूर्ण क्रिया है, जो न सिर्फ हमें एक स्वस्थ, सुंदर और आर्कषक शरीर प्रदान करता है, बल्कि हमे तमाम तरह के रोगों से भी दूर करता है।

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योग हमारी भारतीय संस्कृति का भी एक प्रमुख हिस्सा रहा है। योग की महत्वता को बड़े-बड़े विद्धान और योग गुरुओं ने बताया है। यह मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक तीनों रुप से काफी महत्वपूर्ण है।नियमित योग अभ्यास करने से मनुष्य को तनाव से दूर रहने में तो मद्द मिलती ही है साथ ही बुरे दौर से उभरने में भी मद्द मिलती है। योग मनुष्य को एक खुशहाल और समृद्ध जीवन प्रदान करने में अपनी प्रमुख भूमिका निभाता है। योगा करने वाली स्वयंसेविकाओं में श्वेता कुमारी, प्रियांशी, आशा, अंकिता इत्यादि थी।

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KRISHNA KUMAR
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Journalist
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