लगभग 200 गांव दैनिक जरूरत के लिए है आश्रित
गोदामों में बर्बाद हो रहा सामान
छोटे और फुटपाथी दूकानदार भुखमरी के कगार पर
रिपोर्ट-कौशल मिश्र
आरा। बिहिया निगेटिव होकर घर लौटे कोरोना संक्रमित मरीज सामान्य जिंदगी बिता रहे है लेकिन बिहिया की व्यवसायिक गतिविधियाँ सामान्य नही हुई है।इसपर आज भी प्रशासन का पहरा लगा है।व्यवसायी तथा आमलोग कराह रहे है।दुकान और व्यवसायिक प्रतिष्ठान बन्द होने से लोगो को दैनिक जरूरत का सामान मुश्किल से मिल पा रहा है।छोटे छोटे फुटपाथी दुकानदार भुखमरी के कगार पर है।थोक बिक्रेताओं का सामान गोदाम में सड़ने की स्थिति में है।कई लोग सब्जी बेचकर खर्च चलाने का असफल कोशिश करते देखे जा रहे है।
कोरोना संक्रमित मरीज मिलने के बाद बिहिया को कोंटेन्मेंट जोन घोषित किया गया था।यहां आने जाने वाले रास्तों को सील कर पुलिस और दण्डाधिकारी का पहरा लगा दिया गया था जो अब नही दिख रहे।पर दुकान और व्यवसायिक प्रतिष्ठान के खोलने पर प्रशासन चुपी साधे बैठ है।कंटेन्मेंट जोन घोषित किए जाने का रविवार को 15 वां दिन गुजर रहा है। पर लगता है बिहिया का कोई माई बाप नही है।इसको लेकर व्यवसायियों और आमलोगों में आक्रोश देखा जा रहा है।
व्यवसायियों ने लगाई केंद्रीय मंत्री से गुहार
व्यवसायियों ने इसको लेकर एक आवेदन क्षेत्रीय सांसद व केंद्रीय मंत्री आरके सिंह को मेल कर मदद की गुहार लगाई गयी है।आवेदन में कहा गया है कि कोरोना संक्रमण के बचाव के लिए सरकार के गाइड लाइन का हम पालन कर रहे है।बिहिया के अलावे अन्य जगहों पर संक्रमित मरीज मिलने के बाद कोंटेन्मेंट जोन घोषित किया गया था पर सब जगह रियायतें दी जा रही है पर बिहिया को नही।बिहिया व्यवसायिक दृष्टिकोण से अग्रिम पंक्ति में है।बिहिया की आबादी के अलावे लगभग 200 गांव अपनी दैनिक जरूरत के लिए बिहिया पर आश्रित है।
इस मुद्दे पर दो बार प्रशासन और व्यवसायियों की बैठक भी हुई।प्रशासन के मांगने पर कागजात भी जमा किए गए लेकिन आजतक दुकान खोलने की अनुमति नही दी गयी।आवेदन में कहा गया है कि बात करने पर बीडीओ साहेब एसडीएम से बात करने को बोल रहे है और एसडीएम चुप्पी साधे हुए है।स्थिति भयावह होती जा रही है।आवेदन में आवश्यक कदम उठाने की गुहार लगाई गयी है।