डीजीपी रहे गुप्तेश्वर पांडे के वीआरएस लेने के बाद शाहपुर विधानसभा चुनावी प्रत्याशियों Shahpur BJP workers में बेचैनी
यहां इतना सन्नाटा क्यों है भाई!
आरा। (Shahpur BJP workers) डीजीपी गुप्तेश्वर पांडे के वीआरएस के बाद शाहपुर में राजनीतिक घटनाक्रम पलपल बदल रहा है। सभी चुप है कोई जो पहले काफी मुखर थे वो लोग कुछ बोलने को तैयार नहीं है। एक पार्टी के नेता ने कहा भाई यहां इतना सन्नाटा क्यों है! भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने अपने पहले वर्चुअल संदेश में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को संदेश दिया था कि राजनीति कोई पार्ट टाइम जॉब नही है। लिहाजा भाजपा के जो कार्यकर्ता है दिन-रात जमीनी स्तर पर काम मे जुटकर मेहनत करते रहे।
लेकिन प्रदेश के डीजीपी रहे गुप्तेश्वर पांडे के वीआरएस लेने के बाद शाहपुर विधानसभा से चुनाव लड़ने की अटकलों के बीच क्षेत्र के वैसे नेताओं जो चुनावी प्रत्याशी होने का दावा करते रहे है कि बेचैनी बढ़ गई है। यह बेचैनी तबतक रहने वाली है जबतक यह फैसला नही हो जाता कि श्री पांडे को लेकर एनडीए गठबंधन का रुख किया रहता है। इधर स्थानीय (Shahpur BJP workers) पार्टी कार्यकर्ताओं व समर्थकों की सलाह एवं रायशुमारी उम्मीदवार के चयन में अहम रहेगी इसकी भी चर्चा शीर्ष नेतृत्व करते आ रहा है।
भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व के संकेत पर इस बार भाजपा बिहार विधानसभा चुनाव में बाहरी हवा-हवाई पैरासूट प्रत्याशियों के चयन नही करने को लेकर चयन का स्वरूप पूरी तरह बदल दिया है। पार्टी ने प्रत्याशियों का चयन कार्यकर्ताओं की मर्जी से करने का निर्णय लिया है। इसी को ध्यान में रखते हुए शाहपुर भाजपा के जमीनी कार्यकर्ता पटना में डटे हुए है। शाहपुर विधानसभा भाजपा के मंडल अध्यक्ष, बूथ,शक्ति केंद्र भाजपा के समर्पित जमीनी कार्यकर्ता प्रत्याशी चयन को लेकर अपनी अनुशंसा हेतु पूरा जोर लगा दिए है।
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