Saturday, April 20, 2024
No menu items!
Homeमनोरंजनकलारस के बिना जीवन की कल्पना निरर्थक- बक्शी विकास

रस के बिना जीवन की कल्पना निरर्थक- बक्शी विकास

अंतर्राष्ट्रीय ऑनलाइन वेबीनार में मशहूर कथक नर्तक गुरु बक्शी विकास (Bakshi vikash) ने आठ रसों पर आधारित रचनाओं को प्रस्तुत किया

आरा। Bakshi vikash रस के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। भाव से सृजित रस आस्वादन मन करता है। रस की सृष्टि भाव से होती हैं, जो चरमोत्कर्ष पर जा कर आनंद में समाहित होता है। उक्त बातें कथक गुरु बक्शी विकास ने “रस का मानव जीवन पर प्रभाव” विषय पर व्याख्यान प्रस्तुत करते हुऐ कहा। तीन दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय ऑनलाइन वेबीनार में मशहूर कथक नर्तक गुरु बक्शी विकास ने रस सिद्धांत के शास्त्र और प्रायोगिक दोनों पक्षों को विस्तार से समझाया और कथक की विभिन्न प्रस्तुतियों में शृंगार रस, हास्य, करुण, वीर, रौद्र, वीभत्स, भयानक व अद्भुत आठ रसों पर आधारित रचनाओं को प्रस्तुत किया।

गुरु विकास (Bakshi vikash) ने कहा कि नाट्यशास्त्र में आठ रसों की ही प्रमाणिकता है। लेकिन साहित्य की दृष्टि से नौवां रस शांत रस भी सम्मिलित हुआ। बाद में वात्सल्य और भक्ति रस को मिलाकर ग्यारह रसों से परिचय हुआ। गुरु विकास ने श्रृंगार रस की ठुमरी “बाली उमर लड़िकयां ना छेड़ो सैंया” पर कथक भाव प्रस्तुत किया। वही नृत्यांगना सोनम कुमारी ने भगवती स्तुति जय जय जय माता भवानी पाप विनाशनी पर रौद्र रस को दर्शाया। हारमोनियम पर रोहित कुमार व तबले पर सूरज कांत पाण्डेय ने बखूबी संगत किया। मेजबानी कर रहें कोल्हान यूनिवर्सिटी की इकाई करीम सिटी कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर पंकज जा जी नए किया। धन्यवाद ज्ञापन प्राचार्य डॉ. मो. रेयाज ने किया। इस अवसर पर विभागाध्यक्ष डॉ. सुचेता भूयान, शिबानूर रहमान, ऋतु राज, नुसरत बेगम समेत कई देश विदेश के कई छात्र-छात्राएं शामिल हुए।

डॉ. शैलेंद्र कुमार
Holi Anand
Dr. Prabhat Prakash
Vishvaraj Hospital, Arrah
डॉ. शैलेंद्र कुमार
Holi Anand
Dr. Prabhat Prakash
Vishvaraj Hospital, Arrah

अभिनेता सोनू सूद की पहल पर आरा की छात्रा को मिली नयी जिंदगी

पटना जाने के दौरान आरा से कर लिया गया छात्र को अगवा

KRISHNA KUMAR
KRISHNA KUMAR
Journalist
- Advertisment -
Vikas singh
Vikas singh
sambhavna
aman singh

Most Popular

Don`t copy text!