Light scam in Shahpur: भोजपुर जिले के शाहपुर नपं में एलईडी स्ट्रीट लाइट व हाई मास्क लाइट पर भ्रष्टाचार की काली छाया पड़ गई है। आखिर आंख बंदकर इन लाइटों की गुणवत्ता का सत्यापन किसने किया?
- हाइलाइट :- Light scam in Shahpur
- एलईडी स्ट्रीट लाइट व हाई मास्क लाइट पर पड़ गई भ्रष्टाचार की काली छाया
- पूर्व कार्यपालक के मनमर्जियों से हुए भ्रष्टाचार की वार्ड पार्षद कमेश्वर ने खोला राज
आरा/शाहपुर: भोजपुर जिले के शाहपुर नपं में एलईडी स्ट्रीट लाइट व हाई मास्क लाइट पर भ्रष्टाचार की काली छाया पड़ गई है। बाजार की कीमत से तीन से चार गुने अधिक दामों में खरीद की गई यह लाइटें अब खराब होने लगी हैं। इस काम में नगर पंचायत ने बड़ा गोलमाल किया है। पानी की तरह पैसा बहाया है। आखिर आंख बंदकर इन लाइटों की गुणवत्ता का सत्यापन किसने किया?
उपमुख्य पार्षद झुनीया देवी ने बताया की कई इलाकों में स्ट्रीट लाइट्स बंद पड़ी हैं। जिससे लोगों को परेशानी हो रही है। स्ट्रीट लाइट्स के रखरखाव को लेकर ठेकेदारों के काम पर भी बार-बार सवाल उठते रहे हैं। भ्रष्टाचार की काली छाया ने शाहपुर नगर पंचायत के खजाने और आम जनता के कामकाज को काफी प्रभावित किया है।
पूर्व कार्यपालक के मनमर्जियों की वार्ड पार्षद कमेश्वर ने खोला राज
भ्रष्टाचार की काली छाया का खुलासा करते वार्ड पार्षद कमेश्वर राज ने कहा की शाहपुर नगर पंचायत के पूर्व कार्यपलक पदाधिकारी ने अपने कार्यकाल के दौरान खूब मनमर्जियां की जिसका सबसे बड़ा उदाहरण है एल.ई.डी स्ट्रीट लाइट एवं हाई मास्क लाइट खरीद । स्ट्रीट लाइट एवं हाई मास्क लाइट खरीद के नाम पर पूर्व कार्यपलक पदाधिकारी का बड़ा भ्रष्टाचार सामने आया है।
हजारों रुपये मासिक मरम्मत का ठेका
वार्ड पार्षद कमेश्वर राज ने बताया की शाहपुर नगर पंचायत में स्ट्रीट लाइट, एलईडी लाइट व हाई मास्क लाइटों के खरीद के बाद हजारों रुपये मासिक मरम्मत का ठेका है। यह पैसा इन लाइटों की मरम्मत पर कितना खर्च हो रहा है इसका अंदाजा शाम ढलते सहज ही लगाया जा सकता है। पूर्व कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा बाजार क्षेत्र या चौक चौराहों पर हाई मास्क लाइटें लगाने के बजाए कृषि फार्म बधार में लाइट लगाया गया है। इनके द्वारा किए गए भ्रष्टाचार से इनकार नहीं किया जा सकता।
Light scam in Shahpur: जांच हुई तो खुलेगी पोल
बता दें की निकायों में इन लाईटों के सत्यापन में भी खूब फर्जीवाड़ा होता है। कागजों में अधिक लाइट खरीदी जाती हैं, लेकिन मौके पर काफी कम ही लगती हैं। अगर उच्च अफसर भोजपुर जिले की शाहपुर नगर पंचायत में पिछले साल की लाइटों की जांच करा लें तो पूरी पोल खुल जाएगी।
जिले पर नहीं आता ब्यौरा
नगर पंचायत में चेयरमैन व कार्यपालक पदाधिकारी के हस्ताक्षर से ही सामान की खरीद होती है। ऐसे में नगर पंचायत स्तर पर ही पूरा खेल हो जाता है। जिला स्तर पर न तो किसी सामान व निर्माण कार्यों का कोई ब्यौरा होता है और न ही खर्च का लेखा-जोखा आता है। इसके चलते वरिये पदाधिकारी कुछ कर भी नहीं पाते हैं।
क्या बोले पूर्व मुख्य पार्षद बिजय कुमार सिंह
पूर्व मुख्य पार्षद बिजय कुमार सिंह ने कहा कि शाहपुर नगर पंचायत कंगाल है, लेकिन भ्रष्टाचार के कारण नगर के कुछ कर्मी, प्रतिनिधि व पूर्व कार्यपालक दिनोंदिन मालामाल होते गये। नगर पंचायत में भ्रष्टाचार के कोढ़ से जनता ही जूझ रही थी, लेकिन अब पार्षद भी इसका संताप झेलने लगे हैं। एक-दूसरे पर सियासी गोले दागने से बेहतर यह होगा कि पार्षद नगर पंचायत में फैले भ्रष्टाचार के मामले की विजिलेंस जांच की मांग करें, ताकि सारा सच सामने आ सके।
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