Friday, November 22, 2024
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आरा के बहुचर्चित बरमेश्वर मुखिया हत्याकांड में नया मोड़

Famous Murder Arrah: बहुचर्चित बरमेश्वर मुखिया हत्याकांड में नया मोड़ आ गया है। आरा के एमपी-एमएलए कोर्ट के एडीजे-3 सत्येंद्र सिंह ने सीबीआई द्वारा दायर किए गए दूसरे सप्लीमेंट्री चारशीर्ट को गलत करार देते हुए केस को ही खारिज कर दिया।

Famous Murder Arrah: बहुचर्चित बरमेश्वर मुखिया हत्याकांड में नया मोड़ आ गया है। आरा के एमपी-एमएलए कोर्ट के एडीजे-3 सत्येंद्र सिंह ने सीबीआई द्वारा दायर किए गए दूसरे सप्लीमेंट्री चारशीर्ट को गलत करार देते हुए केस को ही खारिज कर दिया।

  • हाइलाइट :- Famous Murder Arrah
    • बरमेश्वर मुखिया हत्याकांड में सीबीआई के दायर चार्जशीट को कोर्ट ने किया खारीज
    • पूर्व एमएलसी हुलास पांडेय सहित सभी आरोपियों को बड़ी राहत

आरा: बहुचर्चित बरमेश्वर मुखिया हत्याकांड में नया मोड़ आ गया है। आरा के एमपी-एमएलए कोर्ट के एडीजे-3 सत्येंद्र सिंह ने सीबीआई द्वारा दायर किए गए दूसरे सप्लीमेंट्री चारशीर्ट को गलत करार देते हुए केस को ही खारिज कर दिया। जिसके कारण सीबीआई द्वारा बनाए गए पूर्व एमएलसी हुलास पांडेय, रितेश कुमार सिंह उर्फ मोनू समेत आठ आरोपित को क्लीन चिट मिल गया है। बिना अदालत के आदेश के ही सीबीआई ने अनुसंधान मे कोर्ट को गलत करार देते हुए चार्जशीट को ही फर्जी करार दिया।

गवाह को ही बना दिया गया था आरोपित
इस मामले में रितेश सिंह उर्फ मोनू के अधिवक्ता विश्वनाथ पाठक ने बताया कि सीबीआई द्वारा गलत तरीके से गवाह को ही आरोपित बना दिया गया। जबकि पूर्व एमएलसी हुलास पांडेय का नाम पुलिस अनुसंधान मे नहीं था, उनका भी नाम जोड़ दिया गया था।

साजिश के तहत हुलास पांडेय के राजनीतिक छवि धूमिल करने का किया गया था प्रयास
अधिवक्ता विश्वनाथ पाठक ने बताया कि इस कांड के गवाह की छवि पहले से ही ठीक नहीं है, उन्होंने फर्जी तरीके से लोभवश किसी तरह से छवि धूमिल करने के लिए पूर्व एमएलसी हुलास पान्डेय साहित अन्य लोगों का नाम लिया था। अधिवक्ता ने बताया कि सीबीआई के द्वारा दायर किए गए चार्जशीट को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। जिससे आम जनता में कोर्ट प्रति विश्वास बढ़ेगा।

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