Cerebral Malaria : डॉ. सिन्हा ने कहा कि मलेरिया बुखार एक आम बुखार है, जिसे सभी लोग जानते हैं। इसमें जाड़े जैसा कपकपी तकलीफ के साथ बुखार आता है। पसीना होने के बाद उतर जाता है।
- हाइलाइट : Cerebral Malaria
- मलेरिया से बचने के लिए अपने आसपास में मच्छरों को पनपने नही दें-सिन्हा
- आरा सदर अस्पताल के आशा कार्यकर्ताओं को मलेरिया संबंधित प्रशिक्षण दिया गया
आरा सदर अस्पताल के जीएनएम भवन के मलेरिया सभागार में आरा सदर और आरा शहरी के स्वास्थ्य केंद्र की आशा कार्यकर्ताओं को मलेरिया संबंधित प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान 50 आशा कार्यकर्ता मौजूद रही। प्रशिक्षण शिविर अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. के.एन. सिन्हा की अध्यक्षता में हुआ।
मौके पर डॉ. सिन्हा ने कहा कि मलेरिया बुखार एक आम बुखार है, जिसे सभी लोग जानते हैं। इसमें जाड़े जैसा कपकपी तकलीफ के साथ बुखार आता है। पसीना होने के बाद उतर जाता है। यह बुखार रोज नियमित समय पर या कभी-कभी एक दिन बीच करके भी आता है, जिसमें बदन में दर्द, उल्टी बेचैनी होता है। कभी-कभी यह मलेरिया बुखार जानलेवा भी हो जाता है, जब मस्तिष्क को यह प्रभावित करता है। इसे सेरेब्रल मलेरिया कहा जाता है।
इस बीमारी में ब्लैक वाटर फीवर भी एक खतरनाक कॉम्प्लिकेशन होता है। वैसे संभावित मरीजों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में मलेरिया की जांच कर जल्द से जल्द इलाज करना चाहिए। मलेरिया से बचने के लिए अपने आसपास में मच्छरों को पनपना नहीं दें। इसके लिए जहां भी पानी का जमाव हो, उसे जगह को पानी से मुक्त कर साफ रखना चाहिए। खासकर अपने घर के अंदर गमला कूलर आदि में पानी ज्यादा दिन तक जमने नहीं देना चाहिए।
दिन में पूरे बांह का शर्ट एवं पैंट पहनना चाहिए। संभावित जगहों पर ऑडोमोज मलहम लगाकर जाना चाहिए। रात में मच्छरदानी लगाकर सोना चाहिए। जल जमाव वाले जगह पर किराशन तेल का छिड़काव करना चाहिए या डीडीटी, एसपी केमिकल का छिड़काव मलेरिया विभाग से कराया जाता है। प्रखंड विकास पदाधिकारी अमित पटेल ने भी इस शिविर में मलेरिया के बारे में जानकारी दी। शिविर के आयोजन में अमित पटेल, सद्दाम, कामेश्वर तथा कुमारी प्रियंका मौजूद रही।