Environmental pollution: ताजा मामला भोजपुर जिले के शाहपुर नगर पंचायत का है जहां सड़कों के किनारे कुड़े का ढ़ेर लगा हुआ है। और पर्यावरण संरक्षण को दरकिनार कर उसमें आग लगा दि गई है। लेकिन प्रशासन मौन है।
- हाइलाइट्स : Environmental pollution
- पर्यावरणीय प्रदूषण पर प्रशासन का दोहरा मापदंड: पराली पर सख्ती, शहरी अपशिष्ट पर चुप्पी
Environmental pollution आरा/शाहपुर: प्रशासन द्वारा खेतों में पराली जलाने पर सख्ती एक सराहनीय कदम है, जिसका उद्देश्य पर्यावरण प्रदूषण को कम करना है। वहीं दूसरी ओर शहरी निकायों द्वारा खतरनाक अपशिष्ट (खतरनाक कचरा) जलाने पर मौन स्वीकृति दिखाई दे रही है। यह विरोधाभास न केवल पर्यावरण के प्रति प्रशासन की प्रतिबद्धता पर प्रश्नचिह्न लगाता है, बल्कि सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए भी गंभीर खतरे उत्पन्न करता है।
शहरी क्षेत्रों में खतरनाक अपशिष्ट का जलाना पराली से ज्यादा घातक है। इसमें प्लास्टिक, इलेक्ट्रॉनिक कचरा और अन्य जहरीले पदार्थ शामिल होते हैं, जो जलने पर अत्यंत हानिकारक रसायन छोड़ते हैं। ये रसायन वायुमंडल को प्रदूषित करते हैं और श्वसन संबंधी समस्याओं, कैंसर और अन्य गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं। हालांकि, इस संदर्भ में एक विरोधाभास तब उत्पन्न होता है जब प्रदूषण के लिए जिम्मेदार गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) या अन्य जिम्मेदार शहरी निकायों पर कोई प्रशासनिक कार्रवाई नहीं की जाती है।
प्रशासन का दोहरा मापदंड हाल ही में खुलकर सामने आया है। ताजा मामला भोजपुर जिले के शाहपुर नगर पंचायत का है जहां सड़कों के किनारे कुड़े का ढ़ेर लगा हुआ है। और पर्यावरण संरक्षण को दरकिनार कर उसमें आग लगा दि गई है। लेकिन प्रशासन मौन है। यह दोहरी नीति चिंताजनक है क्योंकि यह दर्शाता है कि पर्यावरण संरक्षण के प्रति प्रशासनिक दृष्टिकोण चयनात्मक और असंगत है।
लोगों का कहना है की एक तरफ, गरीब किसानों पर कठोर दंड लगाया जाता है, वहीं दूसरी तरफ, शहरों में बड़े पैमाने पर प्रदूषण फैलाने वालों को अनदेखा कर दिया जाता है। यह दृष्टिकोण न केवल अन्यायपूर्ण है बल्कि पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को भी कमजोर करता है।
प्रशासन पर दोहरी नीति के आरोप ना लगे, यह आवश्यक है कि प्रशासन को एक समान और न्यायसंगत पर्यावरणीय नीति के तहत, वायु (प्रदूषण की रोकथाम और नियंत्रण) अधिनियम, 1981 और पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 के तहत खतरनाक अपशिष्ट नियमों के उलंघन करनेवाले शहरी निकाय के सबंधित एजेंसीयों पर प्रभावी कानूनी कारवाई करें।