Sunday, April 28, 2024
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सर्वधर्म की मिसाल है आरा: भगवान राम के आगमन का प्रमाण भी है मौजूद

Ara – Example of all Religions: आरा के सिद्धनाथ मंदिर भगवान राम के आगमन का प्रमाण है। कहा जाता है कि भगवान राम ने इसी मंदिर में शिवलिंग बनाकर पूजा की थी और मां गंगा की आराधना भी की थी, जो कालांतर में इस मंदिर के पास से गुजरती थी।

  • हाइलाइट :- आरा में हिन्दुओं के अनेक पौराणिक मंदिर
    • भगवान राम ने सिद्धनाथ मंदिर में शिवलिंग बनाकर की थी पूजा
    • द्वापर युग में पांडवों ने किया था माता आरण्य देवी की मूर्ति स्थापना
    • पौराणिक मंदिरों में हजारों वर्ष पूर्व बना आरा का बुढ़वा महादेव मंदिर

Ara – Example of all Religions खबरे आपकी: बिहार के शाहाबाद क्षेत्र में आरा जिला से विख्यात वर्तमान में भोजपुर जिले का ऐतिहासिक शहर है। आरा का ऐतिहासिक महोत्व संस्कृति और धार्मिक दृष्टी से भी बहूत ही महत्व रखता है।

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आरा शहर के बाहरी हिस्से में स्थित सिद्धनाथ मंदिर भगवान राम के आगमन का प्रमाण है। कहा जाता है कि भगवान राम ने इसी मंदिर में शिवलिंग बनाकर पूजा की थी और मां गंगा की आराधना भी की थी, जो कालांतर में इस मंदिर के पास से गुजरती थी। ताड़का, सुबाहू और बाणासुर जैसे राक्षसों का वास भी इसी क्षेत्र में हुआ करता था। जिनके वध का प्रमाण आज भी बक्सर में मौजूद है।

द्वापर युग में पांडवो ने वनवास के दौरान अज्ञात वास यहीं बिताया था। बकासुर का वध भी यहीं पांडवो ने किया था। बाणासुर द्वारा स्थापित शाहपुर के कुंडवा शिवलिंग पर पांडवो ने पूजा अर्चना कर मंदिर का निर्माण कराया था। आरा में माता आरण्य देवी की मूर्ति स्थापना भी पांडवों ने ही की थी।

आरा का नाम आरा होने के पीछे बहुत से मिथकों का प्रचालन है। कहते हैं मयूर धवज के बेटे को आरा से काटने की घटना के वजह से इस नगरी का नाम आरा पड़ा, तो दूसरी ओर आरण्य के नाम के चलते आरा नाम की बात भी सामने आती है।

आरा को कभी जौनपुर के नाम से भी जाना जाता था। कहते हैं जैन धर्म के तीर्थंकर भगवान ऋषभदेव का आगमन भी यहां हुआ था। इसके साथ ही हिन्दुओं के अनेक पौराणिक मंदिर, हजारों वर्ष पूर्व बना बुढ़वा महादेव मंदिर, जैन धर्मावलम्बियों के अनेक पुराने मंदिर, सन 1700 ई. की शाहजहां की बनायी मस्जिद, शहर की खूबसूरती और सर्वधर्म की मिसाल है।

मुग़ल काल में इस नगर का नाम आराह रखा गया था। इसका एकमात्र कारण इस नगर का बहूत ही सुन्दर और व्यवस्थित होना था। आज भी नगर के कई वास्तुशिल्प और धर्मशाला इसका प्रमाण देते हैं। आरा के नाम के स्पेल्लिंग को लेकर आज भी लोगों कई तरह की बातें होती हैं।

आरा का अंग्रेजी स्पेल्लिंग अब ARA हो गया है पर अंग्रेजों के समय रेलवे स्टेशन पर लिखा Arrah मुग़ल काल में इस नगरी के नाम होने की आज भी याद दिलाता है। 1857 की लड़ाई का प्रतीक आरा हाउस है। किंग जार्ज पंचम के आगमन पर बनाए गए चर्च कि खूबसूरती का अजब नजारा है।

भू-माफियाओं के कब्जे और ऐतिहासिक धरोहरों की जमीनों की खरीद फरोख्त ने अब इस नगर के इतिहास को धूमिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। आरा लोकसभा अंतर्गत यहां के 14 प्रखंड मिलाकर 7 विधानसभा हैं, जिसमें आरा, बड़हरा, शाहपुर, जगदीशपुर, अगिआंव, तरारी ओर संदेश है। आरा की राजनीतिक, सामाजिक, अपराध, धार्मिक जगत की तमाम खबरें khabreapki.com पर पढ़ें।

RAVI KUMAR
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Journalist
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