Ara Lok Sabha of Shahabad: आरा लोकसभा का इतिहास वर्ष 1952 से शुरू होता है, तब इसकी पहचान शाहाबाद लोकसभा क्षेत्र के नाम से थी। लेकिन भारतीय राजनीति में आरा लोकसभा क्षेत्र कई महत्वपूर्ण बदलावों व विभाजनों का साक्षी रहा है। कभी आरा लोकसभा क्षेत्र में पटना जिले का मनेर एवं बिक्रम-पालीगंज विधानसभा भी आता था।
नए परिसीमन में मनेर विधानसभा को आरा से अलग कर पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र में जोड़ दिया गया। साथ ही बक्सर लोकसभा के क्षेत्र रहें शाहपुर को आरा लोकसभा में जोड़ दिया गया ।
अविभाजित शाहाबाद में वर्तमान के चार जिले भोजपुर (आरा), बक्सर, रोहतास (सासाराम) व कैमूर थे। वर्ष 1971 में पांचवीं लोकसभा का चुनाव हुआ था। 1971 के चुनाव में बलिराम भगत शाहाबाद से सांसद चुने गए। वे 15 मार्च 1971 से 18 जनवरी 1977 तक सांसद थे।
1972 में बंटवारे के बाद शाहाबाद संसदीय क्षेत्र से बने भोजपुर और रोहतास और 1977 में बलिराम भगत चुनाव हारे और जनता पार्टी के चंद्रदेव प्रसाद वर्मा पहली बार गठित आरा संसदीय क्षेत्र से चुने गए।
वर्ष 1991 से पहले बक्सर आरा संसदीय क्षेत्र में ही आता था। भोजपुर के विभाजन के बाद बक्सर जिला बना। रोहतास में सासाराम और बिक्रमगंज संसदीय क्षेत्र (परिसीमन के बाद काराकाट) आ गए।
कालक्रम में 1972 में शाहाबाद का बंटवारा होकर भोजपुर व रोहतास जिले बने। वर्ष 1992 में भोजपुर का भी विभाजन हुआ। वर्तमान में भोजपुर जिला और बक्सर जिला है। आरा लोकसभा क्षेत्र से पटना जिले के विधानसभा को अलग कर दिया गया और बक्सर लोकसभा से शाहपुर को आरा लोकसभा में मिला दिया गया।
आरा लोकसभा का वर्तमान चुनावी क्षेत्र भोजपुर जिले की परिधि में सिमट गया है। इसमें आरा, बड़हरा, अगिआंव (सुरक्षित), संदेश, शाहपुर, जगदीशपुर, तरारी विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं।
Ara Lok Sabha of Shahabad: शाहाबाद का अस्तित्व मुगल काल से….
शाहाबाद मुगल काल से ही अस्तित्व में रहा है। तब लगान वसूली के लिए एक प्रशासनिक इकाई के रूप में इसकी पहचान थी। ब्रिटिश काल में जिले के रूप में शाहाबाद की स्थापना 1787 में हुई। तब लॉर्ड कॉर्नवालिस की सरकार में प्रशासन की सुविधा के लिए जुलाई माह में जिला अस्तित्व में आया। विलियम ऑगस्टस ब्रुक यहां के पहले कलक्टर बने। इसका अस्तित्व आजादी के बाद भी रहा और इसका मुख्यालय आरा रहा।
1972 में शाहाबाद दो जिलों में भोजपुर व रोहतास में बंट गया। 1991 में रोहतास से अलग कैमूर जिला बनाया गया और 1992 में भोजपुर से अलग कर बक्सर जिला बनाया गया। इस तरह पुराना शाहाबाद अभी चार अलग-अलग जिलों के रूप में है।