Padma Shri – Bhim Singh: भोजपुर जिले के प्रखर समाजिक कार्यकर्ता व वरीय पत्रकार डॉ. भीम सिंह भवेश को पद्मश्री सम्मान मिलेगा। इसकी घोषणा भारत सरकार द्वारा की गई।
- हाइलाइट्स: Padma Shri – Bhim Singh
- समाजिक कार्यकर्ता व पत्रकार हैं भीम सिंह ‘भवेश’
- दलित व वंचित मुसहर समुदाय के उत्थान के लिए करते हैं कार्य
Padma Shri – Bhim Singh आरा: भोजपुर जिले के प्रखर समाजिक कार्यकर्ता व वरीय पत्रकार डॉ. भीम सिंह भवेश को पद्मश्री सम्मान मिलेगा। इसकी घोषणा भारत सरकार द्वारा की गई। 76 में गणतंत्र दिवस के मौके पर भारत सरकार ने बिहार के दो लोगों को पद्मश्री देने का घोषणा किया है, जिसमें भोजपुर जिले के आरा शहर निवासी समाजिक कार्यकर्ता व पत्रकार भीम सिंह ‘भवेश’ को भी पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा। डाॅ. भवेश भोजपुर जिले के दूसरे ऐसे व्यक्ति हैं, जिन्हें यह सम्मान प्राप्त हुआ है। इसके पहले आरा शहर के सनदिया निवासी प्रो. भरत मिश्र को पद्मश्री सम्मान से नवाजा गया था।
76वें गणतंत्र दिवस परेड में विशेष अतिथि के बतौर शामिल होंगे भोजपुर के भीम सिंह भवेश
प्रखर समाजसेवी व वरीय पत्रकार डॉ भीम सिंह भवेश को राजधानी दिल्ली में आयोजित 76वें गणतंत्र दिवस परेड के दौरान गणमान्य व्यक्ति के रूप आमंत्रित किया गया है। वे दिल्ली गए है। इसको लेकर प्रसार भारती दिल्ली द्वारा आमंत्रण पत्र भीम सिंह ‘भवेश’ को भेजा गया है। श्री भवेश 26 जनवरी की सुबह 76वे गणतंत्र दिवस परेड के दौरान अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे। ‘मन की बात’ के दौरान भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा जिन-जिन गणमान्य व्यक्तियों का उल्लेख किया गया है, उन्हें 26 जनवरी को 76वें गणतंत्र दिवस समारोह में आमंत्रित किया गया है। इस दौरान कार्यक्रम के अंतर्गत दिल्ली में राष्ट्रीय महत्व के विशेष स्थानों का दौरा भी प्रस्तावित है।
मन की बात’ 110वे एपिशोड में पीएम मोदी ने की थी भवेश की चर्चा
पीएम नरेंद्र मोदी ने “मन की बात” के 110वें एपिसोड में बिहार के भोजपुर निवासी समाजसेवी व पत्रकार भीम सिंह ‘भवेश’ की विशेष चर्चा की थी। उन्होंने मुसहर समुदाय के उत्थान में डॉ भवेश के प्रयासों की खुब सराहना की थी। कहा था कि बिहार के भोजपुर में भीम सिंह ‘भवेश’ जी ने अपने क्षेत्र के मुसहर जाति के लोगो के लिये बहुत काम किया है। मुसहर एक अत्यंत वंचित समुदाय है। भवेश जी ने इस समुदाय के बच्चों की शिक्षा पर फोकस किया है। श्री भवेश ने अब तक मुसहर जाति के आठ हजार बच्चों का दाखिला स्कूल में कराया है और एक बड़ी लाइब्रेरी भी बनवायी है। ये बच्चों के डॉक्यूमेंट बनवाने और फॉर्म भरवाने में भी मदद करते हैं। इन्होंने सौ से ज्यादा मेडिकल कैंप लगवाए और कोरोना काल में भी लोगो की मदद की।
कलम के धनी व्यक्ति हैं डॉ.भवेश
समाजसेवी सह पत्रकार डॉ. भीम सिंह ‘भवेश’ कलम के धनी व्यक्ति हैं। उन्होंने हाल के पांच वर्षों में चार पुस्तके लिखी हैं, जिनमें “सानिध्य का संस्मरण”, “हाशिए पर हसरत” “कलकत्ता से कोलकाता”, और ” नेम प्लेट” शामिल है।
मां आरण्य देवी मंदिर का जीर्णोद्धार
वर्तमान में आरा शहर की अधिष्ठात्री मां आरण्य देवी मंदिर के जीर्णोद्धार कार्य का शुभारम्भ कराने का श्रेय भी श्री भवेश का है। वे अपनी शादी की 36 वीं वर्ष गांठ पर मां आरण्य मंदिर गए थे। मंदिर के प्रांगण से ही मां की प्रेरणा से मंदिर निर्माण की बातें शुरू की। मां आरण्य देवी मंदिर विकास ट्रस्ट, आरा, भोजपुर के मुख्य संरक्षक भी है।
दो दशक से मुसहर समाज के उत्थान मे लगे है डॉ. ‘भवेश’
आरा शहर के मदन जी हाता एवं मूल रूप से आरा सदर प्रखंड के लक्षणपुर निवासी समाजसेवी सह पत्रकार भीम सिंह ‘भवेश’ ने शुरुआती दौर से ही मेहनत की। उन्होंने एमए द्वय और एलएलबी किया। इसके बाद पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। सात भाइयों में मांझिल भवेश 1992 से पत्रकारिता के क्षेत्र मे हैं. इसके बाद समाजसेवा से जुड गये। वे ‘नई आशा’ नामक संस्था से जुड़े। इस दौरान उन्होंने मुसहर समाज के लोगो के उत्थान के लिए कार्य किया। वे विगत दो दशक से मुशहर समाज के लोगों के उत्थान के लिए कार्य कर रहे हैं।
कई संस्थाओं द्वारा सम्मानित हो चुके हैं डॉ. भवेश
पटना में वर्ष 2024 में आयोजित कार्यक्रम में भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने भी भीम सिंह ‘भवेश’ को सम्मानित किया था। इसके अलावे कई सामाजिक संगठनों द्वारा उन्हें उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया जा चुका है।
सात भाइयों में मांझिल है भीम सिंह
भीम सिंह ‘भवेश’ ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने मैट्रिकुलेशन चांदी हाई स्कूल से किया। तत्पश्चात जैन कॉलेज से स्नातक एवं स्नातकोत्तर की डिग्री हासिल की। भोजपुरी समेत दो विषयों में उन्होंने स्नातकोत्तर किया। इसके बाद पीएचडी उपाधि प्राप्त की। इसके अलावे में उन्होंने एलएलबी भी किया है। सात भाइयों में मांझिल डॉ. भीम सिंह भवेश शुरू से ही काफी तेज तर्रार थे। वे जैन कॉलेज के हॉस्टल में रहकर पढ़ाई करते थे।