Agricultural: भोजपुर कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक डा. पी.के. द्विवेदी के अनुसार यह वर्षा समय पर है और रवि फसलों के लिए रामबाण है।
- हाइलाइट :-
- रबी फसलों के लिए अमृत बनकर खेतों को मिला वर्षा का पानी
- रवि फसलों के उत्पादन में बढ़ोतरी की संभावना तो आलू किसानों के लिए चुनौती
Agricultural आरा/शाहपुर: दलहनी, तेलहनी, गेंहू एवं सब्जियों के खेती के लिए अमृत बनकर आसमान से बरस रहा है वर्षा का पानी। क्षेत्र में चक्रवातीय तूफान के कारण हो रहे वर्षा से किसानों को काफी फायदा होगा एवं रबी फसलों की उत्पादन में भी बढ़ोतरी होगी। हालांकि आलू की खेती करने वाले किसानों की चुनौती भी बढ़ाने की संभावना है। वर्षा के बाद ठंड व कोहरे के प्रकोप बढ़ जाएगा। ऐसे में आलू की खेती पर पाला लगने की संभावना बढ़ जाएगी।
वही चना, मसूर, मटर, सरसों,अलसी तथा गेहूं की खेती के लिए यह वर्षा वरदान साबित होने वाली है। क्योंकि इनके उत्पादन में बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी। साथ ही साथ जिन खेतों में नमी की कमी थी उन खेतों के लिए भी वर्षा से नमी आएगी और बुवाई के बाद बीजों का अंकुरण भी सही तरीके से हो जाएगा।
शाहपुर प्रखंड में रबी फसलों बुआई लगभग समाप्त हो चुकी है चना मसूर मटर सरसों अलसी तथा गेहूं के पौधे खेतों में अंकुरित होकर हरे हो चुके हैं। जिन्हें यह पानी काफी फायदा पहुंचाएगी। शाहपुर प्रखंड में चना मसूर मटर व गेहूं की खेती लगभग 18 हजार से 20 हजार एकड़ में की जाती है। वहीं तीन से चार हजार एकड़ क्षेत्रफल में सब्जियों की खेती भी होती है।
भोजपुर कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक डा. पी.के. द्विवेदी के अनुसार यह वर्षा समय पर है और रवि फसलों के लिए रामबाण है। आलू की खेती करने वाले किसानों को चाहिए कि बारिश रुकने के बाद जैसे ही बदल छटते हैं। आलू के फसल के बचाने के लिए पाला की दवाई का छिड़काव कर दें। ताकि उसका बचाव संभव हो सके।