Thursday, November 21, 2024
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भोजपुर: जगदीशपुर नपं के योजनाओं में भ्रष्टाचार चरम पर

एक छोटा पान दुकानदार बना संवेदक, कराया 20 करोड़ का काम

पान दुकानदार के बैक खाता जांच की जाए तो गजब के ट्रांजेक्शन व भ्रष्टाचार की परत खुल जायेगी

एक ही कार्य का डुप्लीकेशन कर गबन की गई सरकारी राशि- पार्षद रंजीत राज

आरा।जगदीशपुर(जितेन्द्र कुमार) भोजपुर जिले के जगदीशपुर नगर पंचायत में पिछले कई वर्षों से भ्रष्टाचार के तहत सरकारी रुपयों का दुरुपयोग,बंदरबाट व लूट खसोट निरन्तर जारी है। इसे रोकने को लेकर कई सामाजिक कार्यकर्ता व राजनीतिक पार्टियां भी आगे आई है लेकिन भ्रष्टाचार के खेल में खुलासा व करवाई करने के बजाए लीपापोती होती रही।

पार्षद रंजीत राज ने इसका खुलासा करते खबरे आपकी टीम को बतलाया कि जगदीशपुर नगर पंचायत के भ्रष्टाचार रोकने के लिए पार्षद सहित कई राजनीतिक पार्टी के नेताओ के द्वारा अंकुश लगाने के लिए वरीय पदाधिकारियों व संबंधित विभागों में लगातार पत्राचार किया जाते रहा। बावजूद भ्रष्टाचार रुकने का नाम नही ले रहा है। सुशासन सरकार के वरीय पदाधिकारी अब तक करवाई करने में अक्षम साबित हुए है। वैसे सूत्रों की माने तो इस जगदीशपुर नगर पंचायत के खेल में ऊपर से लेकर नीचे तक सभी मालामाल है। इस कारण सही जांच कर करवाई की प्रक्रिया नही हो पा रहा है। जबकि बिभागीय नियम पत्रांक व राज्य के नियम कानून से इतर बहुतेरे कार्य जगदीशपुर नगर पंचायत का मूल भ्रष्टाचार है।

जगदीशपुर नगर पंचायत के पार्षद रंजीत राज ने एक बड़ा खुलासा करते हुए जगदीशपुर बीडीओ सह कार्यपालक पदाधिकारी को जांच व करवाई हेतू एक पत्र सौंपा है।बीडीओ को दिए गए आवेदन में कहा गया है कि नगर पंचायत जगदीशपुर तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी विजय नारायण पाठक, मुख्य पार्षद मुकेश कुमार गुड्डू,कनीय अभियंता, संवेदक विधासागर गुप्ता सहित अन्य के द्वारा एक नियत होकर अपनी क्षुद्र निजी आर्थिक लाभ हेतु बिहार सरकार कानून प्रावधान के विरुद्ध षड्यंत्र रचकर सरकार के साथ धोखाधड़ी व फर्जीवाड़ा का किया गया है।

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पार्षद रंजीत राज ने इस खेल में अधिकारी पदाधिकारी अपने पद एवं कर्तब्य के विरुद्ध जाकर संवेदक विधा सागर गुप्ता के साथ मिलकर आर्थिक अपराध किया है। दिए गए पत्र के माध्यम से बताया गया है कि नगर पंचायत जगदीशपुर के योजना संख्या 113/2018-19 में षड्यंत्र रचकर वगैर कराए ही कार्य योजना की राशि 23,31,814 रुपये की भुगतान संवेदक विद्या सागर गुप्ता के बैक खाते पर करवाई गई है। पत्र में कहा है कि इस योजना संख्या की कार्य प्रारंभ तिथि 8.3.2019 एवं समाप्ति तिथि 7.5.2019 है। फिर पुनः इस योजना को अल्पकालीन निविदा संख्या 1/19-20 में दैनिक समाचार पत्र में दिनांक 15.6.19 को प्रकाशित करवाई जाती है। जब योजना का कार्य दिनक 7.5.2019 को पूर्ण है तो फिर पूर्ण हो चुके कार्य की निविदा क्यो.?

दिनांक 15.6.19 को आज समाचार पत्र में प्रकाशित निविदा के कार्य को किस संवेदक को आवंटित की जाती है? संवेदक विद्या सागर गुप्ता को किस प्रावधान के तहत वगैर निविदा प्रकाशन के ही कार्य योजना की राशि भुगतान करवा दी जाती है? दिए गए आवेदन में बताया है कि कार्य योजना का डुप्लीकेशन कर सभी ने षड्यंत्र रचकर राशि गबन कर ली एवं विभाग को गुमराह एवं धोखा देने के आशय से फर्जी निविदा प्रकाशन करवाई गई है, ताकि भ्रष्टाचार के तहत आर्थिक लाभ कमाने का सिलसिला मुख्य पार्षद की पत्नी रीता कुमारी की कार्यकाल से चला आ रहा है।

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दिनांक 15.6.2019 को प्रकाशित निविदा की सभी योजनाओं की गहरी एवं सूक्ष्म जांच कर दोषियों पर करवाई की जाए। ताकि निविदा प्रकाशन नियम के अनुसार हुई है? संवेदक को कार्य योजना स्वीकृति के नियम कानून सही रूप से पालन किया है? संवेदकों द्वारा उपलब्ध कराए गए सभी अभिलेख सही है? राशी गबन एवं आर्थिक/वितीय लाभ कमाने के नियत से मुख्य पार्षद मुकेश कुमार गुड्डू किसी भी कार्य स्थल पर शिलापट्ट स्थापित नही करवाते है। कहा है कि इस कार्य मे नगर के सभी कर्मी भी भरपूर सहयोग करते है ताकि भ्रस्टाचार दिन दूनी रात चौगनी प्रगति पर अग्रसर रहे।

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सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार संवेदक विद्या सागर गुप्ता एक छोटे पान दुकानदार है जिनके नाम पर 20 करोड़ से भी अधिक की योजनाएं चल रही है।इनके बैक खाता संचालन की यदि जांच की जाए तो गजब के ट्रांजेक्शन सामने व नगर में हुए भ्रष्टाचार की परत खुल सच्चाई सामने आ जायेगी।
इस मामले में बीडीओ सह कार्यपालक पदाधिकारी से जानकारी लेने के लिए सरकारी मोबाइल पर सम्पर्क किया गया। लेकिन फोन रिसीव नही होने के कारण उनसे संपर्क नहीं हो सका।

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