आरा में विवाहिता का पंखे से लटकता मिला शव, हत्या का आरोप
नवादा थाना क्षेत्र के जगदेव नगर की मंगलवार की सुबह की घटना
परिजन ने ससुराल वालों पर दहेज को लेकर हत्या करने का लगाया आरोप
बेटी के ससुराल पहुंचे पिता, तो कमरे में पंखे से लटका मिला शव
मामले की छानबीन और आरोपितों की धरपकड़ में जुटी पुलिस
आरा। शहर के नवादा थाना क्षेत्र के जगदेवनगर में मंगलवार की सुबह एक विवाहिता का शव पंखे से लटकता मिला। दहेज के लिये हत्या करने के बाद शव को पंखे से लटकाने का आरोप लगाया जा रहा है। हत्या का आरोप ससुराल वालों पर लगाया जा रहा है। मृत महिला जगदेवनगर गली नंबर 5 निवासी संतोष कुमार यादव की 22 वर्षीया पत्नी रेणु कुमारी थी। उसका पति
प्राइवेट शिक्षक है और घर पर ही ट्यूशन पढाता है। सूचना मिलने पर पुलिस पहुंची और शव को पंखे से उतारा गया। उसके बाद शव का पोस्टमार्टम कराया गया। विवाहिता के पिता अरुण कुमार सिंह सेना में सूबेदार हैं। उन्होंने दहेज के लिये अपने दामाद और उसके घरवालों पर बेटी की हत्या करने आरोप लगाया है। कहा कि ससुराल वालों ने हत्या करने के बाद शव को पंखे से लटका दिया और घर बंद कर भाग गये। उन्होंने बताया कि शादी के कुछ दिन के बाद से दहेज में पैसे की मांग की जा रही थी। उसे लेकर उनकी बेटी के साथ अक्सर मारपीट की जाती था। मंगलवार की सुबह बेंगलूरू से भतीजे के जरिये पता चला कि उनकी बेटी ने फांसी लगा ली है। इस पर वह बेटी के ससुराल पहुंचे, तो देखा कि घर का दरवाजा बंद है। उसके बाद उन्होंने काफी आवाज लगाई, लेकिन किसी ने जबाब नहीं दिया। तब उन्होंने इसकी सूचना स्थानीय थाना को दी। उस पर पुलिस पहुंची और घर के अंदर गयी, तो बेटी का शव कमरे पंखे से लटका था। पुलिस मामले की छानबीन कर रही है।
पिता बोले-उनकी संपत्ति में हिस्सा मांग रहा था दामाद
आरा। उदवंतनगर थाना क्षेत्र के बरगही गांव निवासी सेना के सुबेदार अरुण कुमार सिंह ने उनकी चार बेटी है। बड़ी बेटी रेणु की शादी मई 2019 में नवादा थाना क्षेत्र के जगदेव नगर गली नंबर 5 निवासी सर्वानंद यादव के पुत्र संतोष कुमार यादव के साथ की थी। शादी के चार माह के बाद वह दहेज की मांग की जाने लगी थी। संपत्ति में हिस्सेदारी की मांग भी की जा रही थी। कहा जा रहा था कि आपकी चार बेटियां है, तो संपत्ति का एक हिस्सा दीजिये। उनका कहना था कि अभी उनके पिता भी जिंदा हैं और तीन बेटियों की शादी करनी है। अभी हिस्सा देना संभव नहीं है। इस बात को लेकर उनकी बेटी को प्रताड़ित किया जा रहा था। उसे देखते हुये उन्होंने अपनी बेटी को पिछले साल अपने घर लाये थे और करीब 15 महीनों तक अपने घर पर ही रखा। उसके बाद पिछले साल दशहरा के समय उन्होंने अपनी बेटी की विदाई की थी। इसके बाद कुछ दिन ठीक चला, लेकिन फिर वही हाल शुरू हो गया। इसी बीच मंगलवार की सुबह बेंगलुरु से उनके भतीजे द्वारा फोन कर उन्हें सूचना दी गयी कि रेणु ने फांसी लगा ली है। रेणू अपने चार बहनों में सबसे बड़ी थी। उसके परिवार में मां फुलवंती देवी और तीन बहन है। घटना के बाद उसके घर में कोहराम मच गया है।