Wednesday, January 22, 2025
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चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व चैती छठ आज से शुरू

Chaiti Chhath 2024 : बिहार में महापर्व छठ दो बार मनाया जाता है। एक बार कार्तिक मास में और दूसरी बार चैत्र मास में। वही बिहार में एक बार फिर से भक्तिमय माहौल हो गया है।

Chaiti Chhath 2024: आज 12 अप्रैल दिन शुक्रवार से चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व चैती छठ शुरू हो गया है। महापर्व चैती छठ का आज पहला दिन नहाय-खाय है। 13 अप्रैल दिन शनिवार को खरना होगा। वहीं 14 अप्रैल दिन रविवार को शाम के समय अर्घ्य दिया जाएगा। 15 अप्रैल दिन सोमवार की सुबह भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के साथ ही यह पर्व समाप्त हो जाएगा।

  • हाइलाइट :- Chaiti Chhath 2024
    • चैती छठ बिहार के सबसे बड़े त्योहारों में एक है
    • यह त्योहार सूर्य देव और माता छठी के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का अवसर है

Chaiti Chhath 2024: बिहार में महापर्व छठ दो बार मनाया जाता है। एक बार कार्तिक मास में और दूसरी बार चैत्र मास में। वही बिहार में एक बार फिर से भक्तिमय माहौल हो गया है। रामनवमी से पहले आज यानी 12 अप्रैल से बिहार में आस्था का महापर्व चैती छठ (चैत्र माह की छठ पूजा) शुरू हो गया है। नहाय खाय के साथ चैती छठ की शुरूआत हो गई है। चैती छठ का चार दिवसीय अनुष्ठान चैत्र शुक्ल चतुर्थी तिथि आज शुक्रवार को नहाय-खाय के साथ आरंभ हो गया।

Republic Day
Republic Day

आज 12 अप्रैल दिन शुक्रवार से चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व चैती छठ शुरू हो गया है। महापर्व चैती छठ का आज पहला दिन नहाय-खाय है। 13 अप्रैल दिन शनिवार को खरना होगा। वहीं 14 अप्रैल दिन रविवार को शाम के समय अर्घ्य दिया जाएगा। 15 अप्रैल दिन सोमवार की सुबह भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के साथ ही यह पर्व समाप्त हो जाएगा।

Pintu bhaiya
Pintu bhaiya

आज पहले दिन छठ व्रती पूरी शुद्धता के साथ कद्दू-भात से नहाय-खाय करेंगे। छठ व्रती गंगा स्नान कर घरों में गंगाजल लाकर पूजन करने के बाद अरवा चावल, सेंधा नमक, चने की दाल, लौकी की सब्जी, आंवला की चटनी आदि ग्रहण कर चार दिवसीय अनुष्ठान का संकल्प लेंगे।

नहाय-खाय के साथ 36 घंटे निर्जला उपवास का संकल्प लेंगे व्रती
आज नहाय-खाय के साथ 36 घंटे निर्जला उपवास का संकल्प व्रती लेंगे. आज रोहिणी नक्षत्र व आयुष्मान योग में नहाय-खाय की प्रक्रिया पूरी की जाएगी. 13 अप्रैल शनिवार को मृगशिरा नक्षत्र व शोभन योग में व्रती पूरे दिन निराहार रहकर शाम में खरना पूजा कर गुड़ से बनी खीर प्रसाद के रूप में ग्रहण कर 36 घंटे का निर्जला उपवास का संकल्प लिया जाएगा.

रविवार को आर्द्रा नक्षत्र में व्रती देंगी डूबते सूर्य को पहला अर्घ्य
छठ व्रती 14 अप्रैल दिन रविवार को आर्द्रा नक्षत्र में डूबते सूर्य को पहला अर्घ्य देंगी। वहीं, 15 अप्रैल को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ पारण कर चार दिवसीय महापर्व को पूर्ण करेंगी। धार्मिक मान्यता है कि छठ पूजा करने से परिवार का कल्याण होता है। इसके साथ ही ये व्रत संतान की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए भी बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है, जिन विवाहित जोड़ों को संतान प्राप्ति में दिक्कतें आ रही हैं वो छठी मैया के आशीर्वाद से संतान प्राप्ति कर सकते हैं।

पढ़ें :- बिहार के पर्व , आस्था , मंदिर की ताजा खबर , हिन्दी के ब्रेकिंग न्यूज 

RAVI KUMAR
RAVI KUMAR
बिहार के भोजपुर जिला निवासी रवि कुमार एक भारतीय पत्रकार है एवं न्यूज पोर्टल खबरे आपकी के प्रमुख लोगों में से एक है।
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