Saturday, February 22, 2025
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वित्तीय प्रभार मनपसंद व्यक्ति को और निकासी का अधिकार अपने पास रखना चाहती थी मुख्य पार्षद

Chief councilor of Shahpur : नगर पंचायत शाहपुर में वर्चस्व को लेकर कई महीने से चल रहा विवाद गुरुवार को आयोजित मासिक बैठक में खुलकर सामने आ गया।

  • हाइलाइट : Chief councilor of Shahpur
    • सशक्त स्थायी समिति सदस्यों ने कहा स्वाभिमान से बड़ा पद नहीं होता
    • समन्वित रूप से तैयार कार्ययोजना से विकास कार्यों को गति दी जाएगी – उपमुख्य पार्षद

आरा/शाहपुर : नगर पंचायत शाहपुर में वर्चस्व को लेकर कई महीने से चल रहा विवाद गुरुवार को आयोजित मासिक बैठक में खुलकर सामने आ गया। सशक्त स्थायी समिति के तीन सदस्यों ने नगर पंचायत अध्यक्ष के विरुद्ध विकास विरोधी सहित कई गंभीर आरोप लगाते हुए बैठक में खुलकर बोले और जमकर विरोध किया। इससे नाराज होकर नगर पंचायत अध्यक्ष बैठक छोड़कर चली गई। रात 09 बजे तक इंतजार करने के बाद भी नहीं लौटी। इसके बाद नगरपालिका अधिनियम के तहत बैठक क्लोज किया गया।

सशक्त स्थायी समिति के सदस्यों का आरोप

Pintu bhaiya
Pintu bhaiya

सशक्त स्थायी समिति के तीन सदस्यों ने आरोप लगाया है कि नियमों को ताक पर रखकर भ्रष्टाचार के लिए नगर पंचायत अध्यक्ष पैसों की निकासी का अधिकार अपने पास रखना चाहती है। काेई सदस्य सवाल न करे, भ्रष्टाचार उजागर न हो इसलिए हर माह मासिक बैठक नहीं होती है। सशक्त स्थायी समिति की बैठक भी नियम के तहत नहीं की जाती है। इनकी मंशा वित्तीय प्रभार अपने मनपसंद व्यक्ति को दिलाकर राशि का जमकर लूटपाट करने की है।

सशक्त स्थायी समिति सदस्यों ने कहा स्वाभिमान से बड़ा पद नहीं होता

नगर पंचायत के विकासात्मक कार्यों में मन पसंद संवेदक को कार्य दिलवाना तथा मोटा कमीशन लेना यह अब अध्यक्ष के लिए आम बात हो गई है। जिसके कारण नगर पंचायत के विकास मे बाधा हो रही है। स्वाभिमान से बड़ा पद नहीं होता है। इसलिए सशक्त स्थायी समिति के हम तीन सदस्यों ने उपमुख्य पार्षद झुनीया देवी के नेतृत्व में शाहपुर नगर पंचायत में विकास को गति देने का फैसला किया है।

विकास कार्यों को गति दी जाएगी – झुनीया देवी

इधर, उपमुख्य पार्षद झुनीया देवी ने सशक्त स्थायी समिति के तीन सदस्यों व सभी वार्ड पार्षदों को विश्वास जताने के लिए धन्यवाद दिया और कहा की समन्वित रूप से तैयार कार्ययोजना से विकास कार्यों को गति दी जाएगी। उन्होंने ने बताया की मुख्य पार्षद अपनी मनमानी और तानाशाही से शाहपुर नगर पंचायत के निवासियों के साथ अन्याय कर रही थी। इनके द्वारा नगरपालिका अधिनियम का सरासर उलंघन किया जा रहा था। जिसके कारण शाहपुर का विकास बाधित हुआ। लोगों को मूलभूत सुविधाओं से वंचित होना पड़ा।

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