Chirag Paswan: प्रोफेसर दंपति के शोक संतप्त परिवार से मिले चिराग पासवान
- लोजपा संसदीय बोर्ड के प्रदेश अध्यक्ष हुलास पांडेय भी रहे मौजूद
- हुलास पांडेय ने कहा: प्रोफेसर दंपति की हत्या से साहित्य जगत को अपूरणीय क्षति
Bihar/Ara: लोजपा (रा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान एवं लोजपा संसदीय बोर्ड के प्रदेश अध्यक्ष सह पूर्व विधान पार्षद हुलास पांडेय शनिवार की शाम आरा शहर के कतीरा स्थित वीर कुंवर सिंह कॉलोनी में पहुंचे। इस दौरान दोनों नेताओं ने रिटायर प्रोफेसर महेंद्र सिंह एवं उनकी पत्नी पुष्पा सिंह के शोक संतप्त परिजनो से मुलाकात की और उन्हें ढाढस बंधाया। इस दौरान नेताओं ने घटना के संबंध में पूरी जानकारी प्राप्त की।
इस मौके पर मीडिया से बातचीत करते हुए चिराग पासवान ने कहा कि ऐसी घटनाएं दर्शाती है कि आपराधियों में डर नही है। यहां पूरी तरह से लॉ एंड ऑर्डर फेलियर है। बुजुर्ग दंपत्ति जो शिक्षित है, उनके इस तरह से दिनदहाड़े हत्या कर दी गयी और प्रशासन को 30 घंटे बाद तक जानकारी नही लगी। कोई भी नही चाहेगा कि इस तरह से घटना हो।
चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने आगे कहा कि हमारे प्रदेश में ऐसी घटनाएं और ऐसा जघन्य अपराध हो रहा है। इसका कारण है, पहले भी जो हत्याओं का सिलसिला आरा शहर में जारी हुआ था, उसके बाद प्रशासन द्वारा यह दावा किया गया था कि सीसीटीवी कैमरे लगाये जायेंगे, अपराधी बच नही सकेगा। हमलोगों ने पदयात्रा भी इसके खिलाफ की थी, उन्होंने कहां की पुलिस रिटायर प्रोफेसर दंपति की हत्या के मामले में शामिल अपराधियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करें तथा उन्हें उन पर स्पीडी ट्रायल चलाकर सख्त सजा दे।
इस मौके पर हुलास पांडेय ने कहा कि रिटायर प्रोफेसर दंपति की निर्मम हत्या से साहित्य जगत को अपूरणीय क्षति हुई है, जिसकी भरपाई निकट भविष्य में संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रोफेसर महेंद्र सिंह काफी सुलझे हुए इंसान थे। इस दुख की घड़ी में भगवान उनके शोक संतप्त परिवार वालो को सहन शक्ति प्रदान करें।
इस मौके प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी, संसदीय बोर्ड के प्रदेश अध्यक्ष हुलास पांडेय, भोजपुर जिलाध्यक्ष राजेश्वर पासवान, संसदीय बोर्ड के जिला अध्यक्ष शशिकांत त्रिपाठी, विनोद कुमार, ललन यादव, सियाराम पासवान, सोनू पासवान, संजय प्रसाद, सुरेंद्र आजाद, प्रकाश कुमार, रंजित पासवान, अजय विधार्थी, मनोज पासवान, अजय पासवान, महाराज पासवान, पिंटू तिवारी, मनीष बुचुली, अविनाश सिसोदिया आदि सैकड़ों लोग शामिल थे।