खेती की लागत होगा कम, मजदूरों को मिलेगा काम
बिहार आरा/शाहपुर: भारत सरकार से पंजीकृत खांटी एग्रो फार्मर्स प्रोड्यूसर कंपनी (एफपीओ) के निदेशक सह प्रखंड किसान श्री सम्मान से सम्मानित कृषक उमेश चंद पांडे ने मौजूदा हालात को देखते हुए मनरेगा के मजदूरों को खेती से जोड़ने की मांग की है।
श्री पांडे के अनुसार लगातार आपदा के कारण फिलहाल किसानों स्थिति खस्ताहाल है। ऐसे में यदि मनरेगा के निबंधित मजदूरों को निजी खेती में लगाया जाय तो किसानों को थोड़ी राहत मिलेगी और मजदूरों को काम भी। क्योंकि बड़े बड़े शहरों में काम करने वाले मजदूरों का लॉक डाउन के बाद पलायन के बाद रोजी रोटी की बड़ी समस्याओं का बढ़ना भी लाजमी है। ऐसे में सरकार अप्रैल से जून तक खाली हजारो हेक्टेयर भूमि पर इन्ही मजदूरों के माध्यम से मनरेगा के तहत कृषि विभाग को जोड़कर कार्य दे सकती है। यदि इस पर अमल हो तो कृषि क्षेत्र में उत्पादन में भारी बढ़ोतरी होगी और प्रदेश से मजदूरों का पलायन भी रोकने में सफलता मिलेगी।