- नगर थाना क्षेत्र के धनुपरा स्थित एक रेस्टोरेंट से पकड़ा गया वांछित धीरज पांडेय
- चार अप्रैल को छापेमारी के दौरान पिता और भाई सहित भाग निकला था धीरज
- कमालुचक बालू घाट के पास डकैती की साजिश रचने की सूचना पर हुई थी छापेमारी
- पिता और भाई सहित अन्य वांटेड की तलाश, चल रही छापेमारी
Dheeraj Pandey of Pachrukhia arrested आरा: भोजपुर के कुख्यात और टॉप अपराधियों की धरपकड़ में जुटी पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। कोईलवर थाने की पुलिस द्वारा डकैती की साजिश में वांटेड कुख्यात बालू माफिया सरगना सत्येंद्र पांडेय के बेटे धीरज पांडेय को गिरफ्तार कर लिया गया है। वह कोईलवर थाना क्षेत्र के पचरुखिया गांव का रहने वाला है। उसे मंगलवार की रात नगर थाना क्षेत्र के धनुपरा स्थित एक रेस्टोरेंट से गिरफ्तार किया गया। उस पर बालू घाट पर डकैती की साजिश रचने में शामिल होने का आरोप है। पिछले अप्रैल माह में पुलिस छापेमारी के दौरान वह अपने पिता और भाई के साथ भाग निकला था। तब से वह फरार चल रहा था। एसपी प्रमोद कुमार द्वारा बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी दी गयी।
उन्होंने बताया कि चार अप्रैल को कोईलवर थाने के कमालुचक बालू घाट पर डकैती की साजिश की सूचना मिली थी। तब पुलिस की ओर से छापेमारी कर नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया था। मौके से हथियार और गोलियां भी बरामद की गयी थी। तब धीरज पांडेय अपने पिता सत्येंद्र पांडेय, भाई नीरज पांडेय और छोटू सहित अन्य अपराधियों के साथ भाग निकला था। उसके बाद से सभी की गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी की जा रही थी। इस बीच मंगलवार की रात सूचना मिली कि धीरज पांडेय धनुपरा स्थित एक रेस्टोरेंट में आया है। उस पर तत्काल कार्रवाई करते हुए एएसपी चंद्रप्रकाश के नेतृत्व में थानाध्यक्ष अविनाश कुमार ने छापेमारी कर धीरज पांडेय को दबोच लिया गया। एसपी के अनुसार वह पूर्व से भी कई कांडों में आरोपित रहा है। उसके आपराधिक इतिहास को खंगाला जा रहा है। पुलिस सूत्रों के अनुसार वह फिलहाल बड़हरा के भी एक कांड में वांछित था।
Dheeraj Pandey of Pachrukhia arrested: फरवरी माह में धीरज का भाई अंकित पांडेय गया था जेल
कोईलवर थाना क्षेत्र के पचरूखिया गांव निवासी सत्येंद्र पांडेय के परिवार का अपराध से गहरा नाता रहा है। सत्येंद्र पांडेय और उसके परिवार के सदस्यों का जेल जाना लगा रहता है। पुलिस की फाइल के अनुसार सत्येंद्र पांडेय भोजपुर का कुख्यात बालू सरगना है। वह बकायदा अपना गैंग भी चलाता है। बालू के अवैध खनन, घाट पर कब्जा और वर्चस्व को लेकर उसकी दूसरे गुटों से अदावत चलती रहती है। अक्सर गुटों के बीच गोलीबारी होती रहती है।
पिछले साल ही जनवरी में बालू घाट पर कब्जे को लेकर दो गुटों में गोलीबारी में दो लोगों की जान चली गयी थी। उस वारदात में सत्येंद्र पांडेय और विदेशी राय के गुट का नाम आया था। सत्येंद्र पांडेय के चार बेटों और भाई का भी आपराधिक इतिहास रहा है। उनका बेटा अंकित पांडेय भी जिले का टॉप टेन अपराधी में शामिल था। पिछले फरवरी में ही पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। इधर, कोईवलर पुलिस के अनुसार फिलहाल सत्येंद्र पांडेय, और उसका भाई संजय पांडेय जमानत पर जेल से बाहर हैं। उसका बेटा अंकित पांडेय पहले से जेल में था। दूसरा बेटा धीरज भी जेल चला गया। हालांकि उसके दो बेटे अभी फरार चल रहे हैं।