Tuesday, May 7, 2024
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श्रीअन्न आधारित व्यंजन प्रतियोगिता, उत्कृष्ट पकवान के प्रतिभागी सम्मानित

food dish competition: नगर पंचायत शाहपुर के वार्ड नं एक स्थित पश्चिमी पोखरा के समीप कृषि विज्ञान केंद्र भोजपुर के द्वारा श्रीअन्न आधारित पकवान प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

  • हाइलाइट :-
    • शाहपुर नगर के वार्ड एक में कृषि विभाग ने श्रीअन्न पकवान प्रतियोगिता का किया आयोजन
    • महिलाओं ने मिलेट से बने व्यंजनों को परोसा, उत्कृष्ट पकवान के लिए किया गया सम्मानित

food dish competition आरा/शाहपुर: नगर पंचायत शाहपुर के वार्ड नं एक स्थित पश्चिमी पोखरा के समीप कृषि विज्ञान केंद्र भोजपुर के द्वारा श्रीअन्न आधारित पकवान प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। अंतर्राष्ट्रीय मिलेट वर्ष के अवसर पर आयोजित इस कार्यक्रम में महिलाओं द्वारा श्रीअन्न आधारित ज्वार, बाजरा, रागी तथा टंगुनी से बने हुए हलुआ,नमकीन, पुआ, दलिया, खीर, ठेकुआ जैसे पकवान से पूरा परिसर भरा हुआ था।

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कार्यक्रम में नवजागरण ग्रामीण विकास समिति के संयोजक श्रीसंत कुमार सम्मिलित हुए। कृषि विज्ञान केंद्र के हेड एवं वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ प्रवीण कुमार द्विवेदी ने कार्यक्रम के महत्व पर जानकारी देते हुए बताया कि कार्यक्रम का उद्देश्य लोगों में श्रीअन्न के प्रति जागरूक करने के साथ साथ इसे भोजन के रूप में ज्यादा से ज्यादा घरों में पहुंचना है।

लोगों के स्वास्थ्य पर जो अभी तक विपरीत प्रभाव देखा जा रहा है। उसमें कमी आए और कुपोषण का असर नीचे जाए। उन्होंन कहा कि आज इन अनाजों की बहुत महत्वपूर्ण भूमिका हो गई है और यह हमारे भविष्य के महत्वपूर्ण अन्न है। जिन्हें देश में सभी जगह पर उपयोग में अब लाना शुरू किया गया है एवं इनका आने वाले समय में बाजार में भी बहुत ज्यादा अच्छा मूल्य प्राप्त होगा।

अगर कोई इस तरह के कार्यक्रमों को आगे बढ़ना चाहता है तो सामूहिक रूप से उसके लिए प्रसंस्करण के कार्यक्रमों में केंद्र के तरफ से पर्याप्त सहयोग प्राप्त होगा उन्होंने इसी क्रम में यह जानकारी दी कि आज के समय में अपने खेती को आगे बढ़ाने के लिए और मजबूत करने के लिए सभी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड से अपने आप को जोड़ना चाहिए और उसमें पूरे वर्ष का मात्र 3 प्रतिशत ही ब्याज देना होता है जो की सर्वाधिक काम है।

लोगों को ज्यादा से ज्यादा किसान क्रेडिट कार्ड का उपयोग करने एवं इससे जुड़ने के लिए सलाह दिया गया। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि अगर सामूहिक रूप से इस कार्य को किया जाए तो इसके बने हुए पकवान और मिठाइयां बाजार में उतारी जा सकती हैं और जिससे मूल्य संवर्धन के साथ ही ग्रामीण महिलाओं को आय के नए साधन प्राप्त होंगे।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए कृषि विज्ञान केंद्र की कृषि वैज्ञानिक श्रीमती सुप्रिया वर्मा ने जानकरी दिया कि यह मोटे अनाज नाम के लिए मोटे हैं अन्यथा इनका मानव के जीवन में औषधि के समान महत्व है। इसे कई प्रकार की गंभीर बीमारियों से बचा जा सकता है।

खासकर के महिलाओं को कई प्रकार की समस्याएं होती है। जिसमें उनकी बड़ी ही महत्वपूर्ण भूमिका है उनके शरीर में आयरन प्रोटीन कैल्शियम विटामिन की जो कमियां है इनके प्रयोग से बहुत शीघ्रता से इसे दूर किया जा सकता है।

शशिभूषण कुमार (शशि) कृषि वैज्ञानिक ने कार्यक्रम पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इस प्रकार के जो श्रीअन्न है वह जलवायु अनुकूल है तथा उनके उत्पादन में प्राकृतिक संसाधनों का न्यूनतम उपयोग करके बेहतर खाद्य पैदा किया जा सकता है जहां पर सुखा हो या जमीन थोड़ी कमजोर भी हो वहां पर भी इसे आसानी से उगाया जा सकता है। इस अनाज की खेती अगर जैविक विधि से की जाए तो इसकी गुणवत्ता में और भी ज्यादा बेहतर परिणाम मिलेंगे और यह अनाज बाजार में ज्यादा मूल्य किसानों को देने में सफल रहेगा ।

प्रतिभागियों में प्रथम स्थान पर कंचन देवी, सिमरिया द्वितीय स्थान पर कांती देवी,डुमरिया तृतीय स्थान पर मालती देवी डुमरिया को प्रदान किया गया जिसमें उपहार के साथ प्रमाण पत्र भी दिया गया शेष सभी प्रतिभागियों को भी प्रमाण पत्र एवं प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए उपहार से सम्मानित किया गया।

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Vikas singh
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