Friday, November 15, 2024
No menu items!
Homeराजनीतबाढ़ की भयावहता व विस्तार को सरकार कम करके आंक रही है...

बाढ़ की भयावहता व विस्तार को सरकार कम करके आंक रही है : माले

बाढ़ के मद्देनजर तत्काल सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग

बाढ़ प्रभावित उत्तर बिहार में 4 अगस्त को नीतीश कुमार का पुतला दहन करेगी माले

पटना।भाकपा-माले के राज्य सचिव कॉमरेड कुणाल और पोलित ब्यूरो के सदस्य धीरेन्द्र झा ने बिहार सरकार पर आरोप लगाया है कि कोरोना की तरह वह बाढ़ की भयावहता व विस्तार को भी कम करके देख रही है, जिसके कारण आज करोड़ों की जिंदगी संकट में पड़ गई है. सरकार की इस अव्वल दर्जे की लापरवाही के खिलाफ आगामी 4 अगस्त को पूरे उत्तरी बिहार में यानी गोपालगंज से लेकर कटिहार तक नीतीश कुमार का पुतला दहन किया जाएगा.

Bijay

नेताद्वय ने कहा कि यह बड़े ही शर्म की बात है कि बिहार में तथाकथित डबल इंजन की सरकार होने के बावजूद बाढ़ का आज तक कोई समाधान नहीं निकला. दरअसल, बाढ़ नेताओं-अफसरों के द्वारा किये जाने वाले भ्रष्टाचार का एक बड़ा जरिया बना हुआ है. सत्तर घाट पुल का जो हश्र हुआ, वह इस संगठित भ्रष्टाचार का सबसे ताजा उदाहरण है.

jhuniya -devi

आरा में लॉकडाउन का उल्लघंन करने पर चार दुकानदार गिरफ्तार

नेताद्वय ने कहा कि सरकारी सूची में अभी तक छपरा, मधुबनी, समस्तीपुर, खगड़िया, सहरसा, सुपौल, कटिहार, अररिया, मधेपुरा, भागलपुर आदि जिलों को जोड़ा ही नहीं गया है. जबकि इन जिलों में बाढ़ ने गम्भीर स्थिति पैदा कर दी है.

कमजोर रख-रखाव की वजह से तटबंध बड़ी संख्या में टूट रहे हैं और सड़क, पुल-पुलिया ध्वस्त हो रहे हैं. आवागमन बड़े पैमाने पर बाधित हो गया है. कई रूटों पर ट्रेनों का परिचालन पूरी तरह ठप्प है और जिंदगी पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो चुकी है, लेकिन सरकार को कुर्सी की चिंता के सिवा और कुछ नहीं दिख रहा.

लावारिस सेवा केंद्र, आरा द्वारा दो अज्ञात शवों का अंतिम संस्कार गांगी नदी स्थित श्मशान घाट पर कराया गया

ऐसी स्थिति में नेताद्वय ने बिहार सरकार से सम्पूर्ण उत्तर बिहार के जिलों को बाढ़ प्रभावित क्षेत्र घोषित करने, कोरोना लॉकडौन से तबाह हो चुके मज़दूर-किसानों के ऊपर आयी दूसरी बड़ी तबाही को देखते हुए सभी बाढ़ प्रभावित परिवारों को 25-25 हज़ार रुपये की सहायता राशि तत्काल प्रदान करने, पानी से घिरे गांव-टोलों और ऊंची जगहों पर शरण लिए परिवारों के लिये ड्राई फ़ूड पैकेट्स व पानी की व्यवस्था करने, मवेशियों के लिये पर्याप्त चारे की व्यवस्था करने, पर्याप्त संख्या में नाव उपलब्ध कराने, चलंत मेडिकल सेन्टर ज़िला परिषद क्षेत्र के स्तर पर गठित करने, सभी किसानों और बटाईदारों को 20 हज़ार रुपये प्रति एकड़ फसल क्षति मुआवजा देने, सभी खेत मज़दूरों, ग्रामीण मज़दूरों और प्रवासी मज़दूरों को मासिक 7500 रुपये का बेरोजगारी भत्ता देने, बाढ़ की लगातार तबाही झेल रहे उत्तर पूर्वी बिहार के दलित-गरीबों के लिये दो मंजिला पक्का मकान देने की योजना बनाने, बाढ़-सूखा से मुक्ति के लिये मुकम्मल योजना बनाने और बाढ़ राहत के सुचारू अभियान चलाने को लेकर तत्काल सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग किया है।

देखें: – खबरे आपकी के सोशल मीडिया साइट का फेसबुक पेज

- Advertisment -
गोपाष्टमी

Most Popular