Sunday, December 22, 2024
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मैं आपके सुख-दुख का साथी सुदामा हूं

I am Sudama: वीर कुंवर सिंह स्टेडियम (आरा) नामांकन सभा में महागठबंधन समर्थित भाकपा माले प्रत्याशी सुदामा प्रसाद ने कहा कि मैं आपके सुख-दुख का साथी हूं।

I am Sudama: वीर कुंवर सिंह स्टेडियम (आरा) नामांकन सभा में महागठबंधन समर्थित भाकपा माले प्रत्याशी सुदामा प्रसाद ने कहा कि मैं आपके सुख-दुख का साथी हूं।

  • हाइलाइट : I am Sudama
    • मोदी चुनाव हार रहे हैं : योगेन्द्र यादव
    • क्या मोदी सरकार ने अपने दाईत्व का निर्वहन किया है? हीरा ओझा

I am Sudama आरा: वीर कुंवर सिंह स्टेडियम में महागठबंधन समर्थित भाकपा माले प्रत्याशी सुदामा प्रसाद की शुक्रवार को आयोजित नामांकन सभा में इंडिया गठबंधन के नेताओं ने एनडीए सरकार को निशाने पर लिया। माले के महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि पूरे देश में इंडिया गठबंधन के पक्ष में जनता जनादेश देने को तैयार है। भोजपुर की जनता निर्णायक संदेश देने जा रही है। 1980 के दशक में गरीब वोट देने से वंचित रह जाते थे। तब आरा ने 1989 में रामेश्वर प्रसाद को संसद में भेजा था। इस चुनाव में तो लाल झंडे के साथ राजद का हरा व कांग्रेस के तिरंगे झंडे का भी साथ मिल रहा है।

मैं आपके सुख-दुख का साथी सुदामा हूं

I am Sudama: महागठबंधन समर्थित भाकपा माले प्रत्याशी सुदामा प्रसाद ने कहा कि मैं आपके सुख-दुख का साथी हूं। सांसद रहते आरके सिंह ने सोन नहरों के आधुनिकीरण और बंद पड़े नलकूपों को चालू कराने के लिए कुछ नहीं किया। रोपोर्ट कार्ड पर भड़कना, इनकी तल्ख टिप्पणी की तानाशाही भाषा को जनता माफ नहीं करेगी।

मोदी चुनाव हार रहे हैं : योगेन्द्र यादव

किसान नेता व भारत जोड़ो अभियान के राष्ट्रीय संयोजक योगेन्द्र यादव ने कहा कि पीएम मोदी भी अब हार मान चुके हैं। अडानी-अंबानी के बारे में उनके बयान और मुंबई शेयर मार्केट का गिरना यह जाहिर करता है कि मोदी चुनाव हार रहे हैं। कहा कि दो माह पहले भाजपा ने चार सौ पार का नारा दिया था, लेकिन इंडिया गठबंधन ने मोदी का मुकाबला मुद्दों से किया। मंदिर का महंगाई से, बुलडोजर का बेरोजगारी के सवाल से और हिन्दू-मुस्लिम का जवाब जवान और किसान से दिया।

क्या मोदी सरकार ने अपने दाईत्व का निर्वहन किया है? हीरा ओझा

आज भारत उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है जहां एक तरफ हमारे पास युवा आबादी है, वहीं दूसरी तरफ वेतहाशा बढ़ रही बेरोजगारी है, एवं शहंशाह हमारा ध्यान समावेशी विकास पर नहीं बल्कि संविधान में संशोधन सहित अन्य तुच्छ मामलों पर भटकाने का निरर्थक प्रयास कर रहे हैं। संविधान की मूल संरचना आदेश देती है कि चुनाव निष्पक्ष होना चाहिए, क्या यह हो रहा है?
प्रत्येक नागरिक को समझना होगा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और स्वास्थ्य की सुविधा तथा स्थाई रोजगार पैदा करना सरकार का दाईत्व है। क्या मोदी सरकार ने अपने दाईत्व का निर्वहन किया है? निर्णय आपको करना है कि,देश बाबा साहब के संविधान से चलेगा अथवा किसी तानाशाह के फरमान से चलेगा?

इन्होंने भी किया सभा को संबोधित

नामांकन सभा को पूर्व केन्द्रीय मंत्री व राजद की वरीय नेत्री डॉ कांति सिंह, पूर्व सांसद रामेश्वर प्रासद, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी, काराकाट के प्रत्याशी राजाराम सिंह, काराकाट से एमएलसी शशि यादव, विधायक भाई वीरेन्द्र, वीरेंद्र प्रसाद गुप्ता, अरुण सिंह, रामविशुन सिंह लोहिया, राहुल तिवारी, किरण देवी, अजीत कुशवाहा, फतेबहादुर सिंह, पूर्व विधायक अरुण यादव, अनवर आलम मंजू अग्रवाल, राजू यादव, सीपीएम के सर्वोदय शर्मा, सीपीआई के विजय नारायण मिश्र, कांग्रेस नेता पूर्व एमएलसी अजय सिंह, लालदास राय, शिवप्रकाश रंजन, आम आदमी पार्टी के मिथिलेश सिंह, सरोज यादव, रामबाबू पासवान, क्यामुद्दीन अंसारी, राममेश्वर प्रसाद साह, चंद्रदीप सिंह, अशोक राम, वीआईपी जिलाध्यक्ष ओम प्रकाश बिंद, आशा देवी, लालबिहारी सिंह, मुकेश यादव, शैलेन्द्र राम ने संबोधित किया। वहीं किसान महासभा के राष्ट्रीय सचिव पुरुषोत्तम शर्मा, हरियाणा के किसान नेता प्रेम सिंह गहलोत, उत्तराखंड के चर्चित किसान नेता आनंद सिंह नेगी, खेग्रामस में राष्ट्रीय सचिव राजेश सहनी ने भी संबोधित किया। कांग्रेस के सत्यप्रकाश राय व अन्य भी थे।

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