कभी सिर्फ पानी पीकर रात में सो जाने वाले ईशान किशन ने एशिया कप में पाकिस्तानियों को पानी पिला दिया। जिस वक्त ईशान बल्लेबाजी के लिए उतरे थे, टीम इंडिया 9.5 ओवर में 48 रन पर 3 विकेट खो चुकी थी। परिस्थितियां गेंदबाजी के अनुकूल थीं, लेकिन ईशान किशन को साबित करना था कि वह ODI वर्ल्ड कप खेलने की योग्यता रखते हैं। गेंद 81…रन 82… चौके 9 और छक्के 2! कहते हैं कि कुछ लोग दबाव में टूट कर बिखर जाते हैं और सूरमा लड़कर निखर जाते हैं। ईशान किशन ने इस कहावत को अपने बल्ले के दम पर सही साबित कर दिया। पाकिस्तान के खिलाफ हार्दिक पंड्या के साथ मिलकर 138 रनों की साझेदारी बना दी। यह पांचवें विकेट के लिए वनडे इतिहास में भारत की तरफ से पाक के विरुद्ध सबसे बड़ी पार्टनरशिप है। ऋषभ पंत की चोट के बाद मध्य क्रम में एक लेफ्ट हैंडर बल्लेबाज की कमी बड़ी शिद्दत से महसूस की जा रही थी। ईशान किशन ने उस कमी को पूरा कर दिया।
बिहार में जन्मे ईशान किशन छोटी उम्र से क्रिकेट खेलने लगे थे।
18 जुलाई 1998 को पटना, बिहार में जन्मे ईशान किशन छोटी उम्र से क्रिकेट खेलने लगे थे। साल 2005 में बिहार के फेमस क्रिकेट कोच उत्तम मजूमदार से अपने बड़े बेटे राजकिशन की खातिर बातचीत करने ईशान के पिता प्रणव पांडे पहुंचे। कोच ने उसी दिन मैदान पर ईशान किशन को पहली बार देखा। इस मुलाकात के संबंध में ईशान के पिता ने कहा कि मजूमदार ने मुझे कहा कि कुछ भी करना, अपने लड़के का क्रिकेट बंद मत करना। हम उनके पास बड़े बेटे के सिलेक्शन के लिए गए थे, लेकिन ईशान ने उन्हें ज्यादा प्रभावित किया। मजूमदार ने कहा कि 7 साल के नन्हे ईशान में कुछ स्पार्क है। उसका मैदान में चलना और क्रिकेट के बारे में सोचना उसे अन्य लड़कों से अलग बनाता है। इस लड़के को मैं ट्रेनिंग जरूर दूंगा और मुझसे जो कुछ भी बन पड़ेगा, ईशान के लिए करूंगा। ईशान किशन के भीतर क्रिकेट की फील्ड में कुछ बड़ा हासिल करने की योग्यता है।
बिहार क्रिकेट बोर्ड को BCCI की तरफ से मान्यता नहीं मिली थी। दूर-दूर तक इसकी कोई संभावना भी नजर नहीं आ रही थी। ईशान किशन का क्रिकेटिंग करियर आगे नहीं बढ़ता, अगर वह पटना में रहते। जब किशन 12 साल के थे, तब उनके परिवार को अपने जीवन का सबसे महत्वपूर्ण निर्णय लेना पड़ा। किशन के पिता ने कहा, वह उस समय छोटा था। उसके कोच और अन्य लोगों ने कहा कि अगर उसे बड़े स्तर पर क्रिकेट खेलना है, तो रांची शिफ्ट होना पड़ेगा। ईशान की मां परेशान थी, लेकिन काफी चर्चा के बाद हमने उसे पड़ोसी राज्य में भेजने का फैसला किया। मन में कुछ डर था, लेकिन ईशान रांची जाने की जिद पर अड़ा था। नन्हे ईशान किशन को यकीन था कि अगर मुझे प्लेटफॉर्म मिलेगा, तो मैं बड़ा करके दिखाऊंगा। ईशान किशन ने क्रिकेट की खातिर परिवार से दूर रहना स्वीकार कर लिया।
झारखंड पहुंचते ही ईशान किशन के बल्ले की गूंज सुनाई देने लगी। ईशान किशन को रांची के जिला क्रिकेट टूर्नामेंट में SAIL यानी स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड टीम के लिए चुन लिया गया। सेल ने उन्हें एक कमरे का क्वार्टर दिया, जिसमें 4 अन्य सीनियर्स भी रहते थे। चूंकि ईशान खाना बनाना नहीं जानते थे, इसलिए उनका काम बर्तन साफ करना और पानी स्टोर करना था। एक बार जब उनके पिता रांची आए, तो एक पड़ोसी ने उन्हें बताया कि उनका बेटा कई रात खाली पेट सोया। दरअसल ईशान के सीनियर्स रात में क्रिकेट खेलने जाते थे और खाना बनाने वाला कोई नहीं होता था। ऐसे में कई मौकों पर वो बिना खाना खाए सो जाते थे। ईशान ने परिवार को इस बारे में कभी नहीं बताया क्योंकि डर था कहीं परिवार वापस ना बुला ले। ऐसा दो साल तक चलता रहा। जब परिवार वाले फोन करते थे, तो ईशान झूठ बोल देते थे कि उन्होंने रात में खाना खाया है। एक बार जब परिवार को स्पष्ट पता चला, तब उन्होंने तय किया कि हम रांची में एक फ्लैट किराए पर लेंगे। ईशान किशन की मां सुचित्रा बेटे के साथ झारखंड शिफ्ट हो गईं।
15 साल की उम्र में ईशान किशन का चयन झारखंड की रणजी टीम के लिए हुआ।
15 साल की उम्र में ईशान किशन का चयन झारखंड की रणजी टीम के लिए हुआ। उन्होंने असम के खिलाफ गुवाहाटी में ओपनिंग करते हुए 60 रन ठोक दिए। इसी साल उन्होंने झारखंड की तरफ से टी-20 मुकाबले में खेलना शुरू किया। वो टीम इंडिया की अंडर-19 वर्ल्ड कप टीम के कप्तान भी रहे। ईशान को बिहार छोड़ने का अफसोस तो था, लेकिन वह जानते थे कि अगर उड़ान ऊंची भरनी है, तो थोड़ी तकलीफ उठानी पड़ेगी। ईशान के पिता को झारखंड में भी भरोसा दिलाया गया कि ईशान में वह एक्स फैक्टर मौजूद है, जो उन्हें हिंदुस्तान का नामी-गिरामी बल्लेबाज बना सकता है। ईशान किशन ने पाकिस्तान के खिलाफ मुश्किल हालात में ताबड़तोड़ बल्लेबाजी कर हर भरोसे को सही साबित कर दिया। ईशान किशन ने भारत के लिए ODI का सबसे तेज दोहरा शतक भी जड़ा है, लेकिन पाकिस्तान के खिलाफ खेली गई 82 रनों की यह पारी शतक से भी ज्यादा खास है। ईशान किशन पर करोड़ों हिंदुस्तानी क्रिकेट फैंस को नाज है।
जरूर पूरा होगा 2023 वर्ल्ड कप जीत का मिशन
अगर टीम इंडिया में खेलेगा शेरदिल ईशान किशन