Jeeyar Swami in Semaria Ozhapatti: जीयर स्वामी जी ने हनुमान जी और अर्जुन के प्रसंग के बारे में भी प्रवचन करते हुए पूरे व्रतांत को श्रद्धालुओं को बताया
- ज्ञान यज्ञ के अंतिम दिन प्रवचन सुनने को उमड़े श्रद्धालु भक्त
- यज्ञ के भंडारे में हजारों श्रद्धालु भक्तों ने किया प्रसाद ग्रहण
Bihar/Ara/Shahpur: सत्य बोलना चाहिए। लेकिन सत्य ऐसा भी नही होना चाहिए कि गले की हड्डी बन जाये। देवताओं के मंगल के लिए लंका जाने के क्रम में हनुमान जी का परीक्षा भी देवताओं ने ही ली। उक्त बातें लक्ष्मी प्रपन्न जीयर स्वामी महाराज ने प्रखंड के सेमरिया ओझापट्टी गांव में अपने प्रवचन के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि हनुमान जी ने भी सुरसा को अपना प्रभाव दिखाया। कई बाधाओं को पार करते हुए वो लंका पहुंचे। हनुमान जी ने अपने आप स्मरण किया कि बाल्यकाल में ही हम किसी से डरे तो लंका के राक्षस मुझे डराने आये हैं। दक्ष व्यक्ति ही अपने मे समय पर बदलाव करता है। यह सौर्य, बल और तप से राष्ट वाद जन्म लेता है, जो महापुरुषों की दक्षता को दर्शाता है।
जीयर स्वामी जी ने हनुमान जी और अर्जुन के प्रसंग के बारे में भी प्रवचन करते हुए पूरे व्रतांत को श्रद्धालुओं को बताया। राम व श्रीकृष्ण दोनो भगवान के अवतार के बारे में बताया कि दोनों में क्या समानता है और विभिन्नता है। राम और कृष्ण दोनों ही एक दूसरे के पूरक और सत्य के स्तंभ के समान हैं।
प्रवचन सुनने के लिए (Jeeyar Swami in Semaria) हजारों की संख्या में महिला एवं पुरुष श्रद्धालु भक्त पंडाल में उमड़ पड़े। आयोजकों द्वारा श्रद्धालुओं के लिए सुविधाओं की कई तरह के प्रबंध किए गए थे। ताकि उन्हें प्रवचन सुनने में किसी तरह की परेशानी ना हो। ज्ञान यज्ञ के अंतिम दिन भंडारे का आयोजन किया गया। जिसमें हजारों की संख्या में श्रद्धालु भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया।
इस अवसर पर हीरा ओझा, हरे राम ओझा, रघुराज ओझा, पैक्स अध्यक्ष चंचल ओझा,पूर्व मुखिया बैकुंठ ओझा, मुखिया भरत जी ओझा, उपेंद्र ओझा,सुशील ओझा, संतोष ओझा, संजय ओझा, वीरेंद्र ओझा, कामाख्या ओझा, मुकेश ओझा,अशोक ओझा सहित अन्य लोग श्रद्धालुओं के सुविधाओं के प्रबंध में लगे रहें।