बारिश के खुशनुमा मौसम में कजरी व झूला ने अद्भुत छटा बिखेरी। अवसर था आरा एचडी जैन कॉलेज के प्रदर्श कला विभाग द्वारा आयोजित चार दिवसीय ऑनलाइन कार्यक्रम वार्ता -व्याख्यान-प्रदर्शन की तीसरी कड़ी का। प्रदर्श कला विभाग एचडी जैन कॉलेज आरा के एक वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में तीसरे दिन शुक्रवार को हरियाणा की बहुचर्चित शास्त्रीय गायिका श्वेता दुबे ने अपने स्वरो के जादू से सबको सम्मोहित कर लिया।
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कला और संस्कृति के विकास में अद्भुत योगदान दे रहा प्रदर्श कला विभाग- डाॅ. शैलेन्द्र
प्रधानाचार्य डॉ. शैलेंद्र कुमार ओझा ने स्वागत करते हुऐ कहा कि जैन महाविद्यालय आरा में महान विभूतियों का सम्मान करना परंपरा रही हैं। प्रदर्श कला विभाग पिछले एक वर्षों से कला और संस्कृति के विकास में अद्भुत योगदान दे रहा है। इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए शिक्षक, कर्मचारी व छात्र-छात्राएं बधाई के पात्र हैं। वहीं इस ऑनलाइन कार्यक्रम में गायिका श्वेता दुबे ने मिश्र खमाज में “ठुमरी ठाड़े रहो बांके श्याम,” मांड़ में दादरा “माना मोर कहनवा”, बरहमास “नई झुलनी की छैया बलम” झुलागीत “झुला धीरे से झुलावो बनवारी रे सांवरिया” कजरी “सजनी छाई घटा घनघोर” व भजन “हरी बिन तेरो कौन सहाई” प्रस्तुत कर समां बांध दिया।
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शनिवार को होगा ऑनलाइन कार्यक्रम का समापन सत्र
संचालन व धन्यवाद ज्ञापन कथक गुरू बक्शी विकास ने किया। गुरू विकास ने बताया कि चार दिवसीय इस ऑनलाइन कार्यक्रम का समापन सत्र शनिवार 8 जुलाई को संपन्न होगा जिसमें बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय के नृत्य विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. विधि नागर “नई शिक्षा नीति में संगीत का भविष्य” विषय पर व्याख्यान देंगी। वहीं जेडी वीमेंस कॉलेज के संगीत विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. (डॉ.) रीता दास सरोद वादन प्रस्तुत करेंगी।
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