Karnamepur Shiv Mandir pond: लगभग दो दशक पहले, यह तालाब हरा-भरा था और लोग इसके साफ पानी में स्नान कर पास के शिव मंदिर में जलाभिषेक करते थे।
- हाइलाइट्स:
- तालाब के पानी में कचरा के घुल मिल जाने से जहरीला हो गया है पानी
आरा,बिहार। भोजपुर जिले के शाहपुर प्रखंड स्थित करनामेपुर बाजार में शिव मंदिर का तालाब अब एक अघोषित कचरा डंपिंग ग्राउंड बन गया है। तालाब का पानी कचरे के घुलने से जहरीला हो चुका है, जिससे इसका अस्तित्व खतरे में है।
अतिक्रमण और प्रदूषण: बाजार के बढ़ते आधुनिकीकरण के साथ, तालाब का पश्चिमी और उत्तरी किनारा भरकर उस पर अवैध दुकानें बना दी गई हैं, जिनसे दबंग लोग हर महीने हजारों रुपये वसूल रहे हैं। कई बार तालाब की पैमाइश और साफ-सफाई की गई, लेकिन बाजार से निकलने वाला कचरा, दुकानदारों और स्थानीय लोगों द्वारा लगातार तालाब में फेंका जा रहा है। स्थिति इतनी खराब है कि तालाब के पानी में पैर रखना भी मुश्किल हो गया है।
लगभग दो दशक पहले, यह तालाब हरा-भरा था और लोग इसके साफ पानी में स्नान कर पास के शिव मंदिर में जलाभिषेक करते थे। लेकिन अतिक्रमण के कारण इसका आकार सिकुड़ता गया।
ग्रामीणों का संघर्ष और प्रशासन की निष्क्रियता: ग्रामीणों ने तालाब को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए कई बार आंदोलन किए हैं और एक समिति बनाकर धरना-प्रदर्शन भी किया है। अधिकारियों द्वारा तालाब की पैमाइश भी कराई गई, लेकिन इसके बावजूद अतिक्रमण हटाया नहीं जा सका। स्थानीय लोगों का आरोप है कि इसमें स्थानीय दबंगों और प्रशासन की मिलीभगत है, क्योंकि इतने बड़े आंदोलन और लगातार पत्राचार के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई।
सौंदर्यीकरण योजना भी अधूरी: बताया जाता है कि तालाब का मूल क्षेत्रफल लगभग सात कट्ठा था, जो अब घटकर पांच कट्ठा रह गया है। पूर्व सांसद ने तालाब के किनारे छठ घाट का निर्माण कराया था। वरिष्ठ भाजपा नेता और संघ के प्रचारक शम्भू शरण मिश्रा ने बताया कि 8 मार्च को तत्कालीन सांसद राजकुमार सिंह द्वारा करीब 80 लाख रुपये की लागत से तालाब के सौंदर्यीकरण का शिलान्यास किया गया था, लेकिन यह योजना भी अब तक पूरी नहीं हो पाई है।
Karnamepur Shiv Mandir pond: स्थानीय लोगों का आरोप:
तालाब को बचाने के लिए आंदोलन भी किया गया। पैमाइश भी हुई बावजूद इसके अधिकारी खामोश हो गए। इधर दबंग लोगो द्वारा अतिक्रमण भी जारी है। दिनेश मिश्र, करनामेपुर
पोखरे को अतिक्रमण मुक्त करने के लिए अभियान चलाया गया। इसके लिए कई बार धमकियां भी मिली। ऊपर से अधिकारी सुनते नही। आवेदन देते-देते फाइल मोटी हो गई। सुनील मिश्र, करनामेपुर
अधिकारियों को इस तालाब को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए सार्थक प्रयास करना चाहिए। नही तो धीरे धीरे तालाब का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा। ठाकुर दयाल राम, करनामेपुर
आक्रोशित ग्रामीणों ने कहा क्या स्थानीय प्रशासन इस गंभीर समस्या पर ध्यान देगा और तालाब को उसके पुराने स्वरूप में वापस लाने के लिए कोई ठोस कदम उठाएगा?