Mahaparva Chhath – 2023: सोमवार को उदय होते सूर्य को अर्घ्य समर्पित करने के बाद ही व्रती अन्न-जल ग्रहण करेंगे। छठ महापर्व के सफल तथा निर्विघ्न आयोजन के लिए शासन-प्रशासन की पुख्ता तैयारी है। सभी छठ घाटों पर मजिस्ट्रेट की तैनाती की गयी है।
- हाइलाइट :-
- गंगा नदी सहित तालाब किनारे छठ व्रतियों ने डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया।
- बिहार सरकार द्वारा इस महापर्व को लेकर राज्य भर में व्यापक व्यवस्था
Mahaparva Chhath – 2023: लोक आस्था के महापर्व छठ के तीसरे दिन रविवार की शाम अस्ताचलगामी सूर्य को व्रतियों ने अर्घ्य दिया। व्रतियों का 36 घंटों का निर्जला उपावास सोमवार, 20 नवंबर को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद पारण के साथ पूरा होगा। रविवार की शाम राज्यभर में गंगा नदी सहित अलग-अलग घाटों और तालाब किनारे छठ व्रतियों ने डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया। बिहार सरकार द्वारा इस महापर्व को लेकर राज्य भर में व्यापक व्यवस्था की गई है।
बता दें की चार दिवसीय छठ महापर्व शुक्रवार को नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ था। शनिवार की शाम को छठव्रतियों ने भगवान सूर्य की पूजा कर तथा उन्हें भोग अर्पित कर खरना का प्रसाद ग्रहण किया। जिसके बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत आरंभ हो गया। सोमवार को उदय होते सूर्य को अर्घ्य समर्पित करने के बाद ही व्रती अब अन्न-जल ग्रहण करेंगे। छठ महापर्व के सफल तथा निर्विघ्न आयोजन के लिए शासन-प्रशासन की पुख्ता तैयारी है। सभी छठ घाटों पर मजिस्ट्रेट की तैनाती की गयी है।