Mahashivratri 2022:सूर्य पुराण के अनुसार शिवरात्रि के दिन भगवान शिव निकलते हैं पृथ्वी लोक पर भ्रमण करने
खबरे आपकी बिहार महाशिवरात्रि का पर्व भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती के विवाह का उत्सव फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को परिघ और शिव योग के युग्म संयोग के साथ घनिष्ठा नक्षत्र में मनाया जाएगा। महाशिवरात्रि पर परिध और शिव योग का युग्म संयोग के साथ घनिष्ठा में शिव की आराधना सर्व मनोकामना पूर्ण करने वाला है इस नक्षत्र में भगवान शिव की आराधना बहुत ही फलदाई मानी जाती है।
Mahashivratri 2022: मकर राशि के बारहवें भाव में पंच ग्राही महायोग
महाशिवरात्रि पर मकर राशि के बारहवें भाव में पंच ग्राही महायोग बन रहा है इस राशि में मंगल, बुध, शुक्र, चंद्रमा, और शनि की युति से इस योग से निर्माण हुआ है। इस महापुण्यकारी संयोग में शिव पार्वती की पूजा से शत्रु बाधा से छुटकारा, कोर्ट कचहरी या मुकदमा संबंधित समस्याओं से निजात, मधुर दांपत्य जीवन,तरक्की के आसार, सकारात्मकता का प्रवाह, रोग-शोक से मुक्ति होगी।
पृथ्वी लोक पर भ्रमण को निकलते है भगवान शिव
बताया जाता है कि सूर्य पुराण के अनुसार शिवरात्रि के दिन भगवान शिव पृथ्वी लोक पर भ्रमण करने निकलते हैं। इसलिए इस दिन पूजा से साल भर के शिवरात्रि के सामान्य पूर्ण मिलता है। शिवरात्रि का पूजा करने से श्रद्धालुओं को हजार अश्वमेध यज्ञ और सैकड़ों बाजपेयी यज्ञ के समान फल प्राप्त होता है। और एक मान्यता के अनुसार इस पावन रात्रि को भगवान शिव ने संरक्षण और विनाश का सृजन किया था।
शिव साधक धूमधाम से करते है पूजा कीर्तन, जागरण
शिव महापुराण संहिता के मुताबिक फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी की मध्यरात्रि में आदिदेव भगवान शिवलिंग में अमिट प्रभा के साथ अद्भुत हुए, इसलिए महाशिवरात्रि को शिव साधक बड़े धूमधाम से पूजा कीर्तन, जागरण करते हैं महाशिवरात्रि पर पूरे दिन जलाभिषेक रुद्राभिषेक का सिलसिला चलता रहेगा। संध्याकाल में शिव पर्वती का अलौकिक श्रृंगार एवं विवाह उत्सव मनाया जाएगा