Tuesday, May 13, 2025
No menu items!
Homeआरा भोजपुरShahpur Newsमहाशिवरात्रि पर बाबा कुंडेश्वरनाथ मंदिर में सुबह से उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

महाशिवरात्रि पर बाबा कुंडेश्वरनाथ मंदिर में सुबह से उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

Baba Kundeshwarnath Temple: भोजपुर जिले के शाहपुर प्रखंड में स्थित बाबा कुंडेश्वरनाथ महादेव शिव मंदिर की बनावट स्थापत्य कला, पुरातत्वविदो एवं लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है।

Baba Kundeshwarnath Temple: भोजपुर जिले के शाहपुर प्रखंड में स्थित बाबा कुंडेश्वरनाथ महादेव शिव मंदिर की बनावट स्थापत्य कला, पुरातत्वविदो एवं लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है।

  • हाइलाइट्स:Baba Kundeshwarnath Temple
    • हजारो वर्ष पुराना हैं बाबा कुंडेश्वरनाथ मंदिर में स्थापित चपटा शिवलिंग

आरा/शाहपुर: देशभर के शिवालयों में महाशिवरात्रि पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली रही है। वहीं आरा-बक्सर NH-922 के शाहपुर-बिलौटी गांव के बीच फोरलेन से उतर बाबा कुंडेश्वरनाथ मंदिर में श्रद्धालु जलाभिषेक करने के लिए बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं। सुबह से ही श्रद्धालु भगवान शिव का जलाभिषेक करने के लिए मंदिरों में अपनी बारी का इंतजार करते दिखाई दे रहे हैं। वहीं शिवालय बम-बम भोले के जयकारों से गूंज रहे हैं।

लोग भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए सुबह से ही शिवालयों में पहुंच रहे हैं। बाबा कुंडेश्वरनाथ मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। मान्यता है कि पौराणिक महाशिवरात्रि पर बाबा कुंडेश्वरनाथ मंदिर में भोलेनाथ का जलाभिषेक करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। आज के दिन जो व्यक्ति कुंडेश्वर महादेव स्थित शिवलिंग का जलाभिषेक करता है, उसे अन्य स्थान पर जल चढ़ाने से कई गुना अधिक फल की प्राप्ति होती है।

Mathematics Coching shahpur
Bharat sir
Mathematics Coching shahpur
Bharat sir
previous arrow
next arrow

गौर हो कि महाशिवरात्रि पर कुंडेश्वर महादेव मंदिर में जलाभिषेक का अत्यधिक महत्व है। लोग अपनी श्रद्धा अनुसार गंगाजल भगवान शिव को अर्पण करते हैं और भगवान का पंचामृत से स्नान कराया जाता है। जिसके बाद श्रद्धालु भगवान शिव को गंगाजल, दूध, दही, शहद, चावल, काले तिल, गेहूं, धतूरा, भांग, कपूर, सफेद चंदन और आक के फूल अर्पित कर रहे हैं।

प्राचीन कुंडेश्वरनाथ मंदिर स्थापत्यकला का अद्भुत नमूना :

भोजपुर जिले के शाहपुर प्रखंड में स्थित बाबा कुंडेश्वरनाथ महादेव शिव मंदिर की बनावट स्थापत्य कला, पुरातत्वविदो एवं लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र है। मंदिर में स्थापित शिवलिंग गोलाकार ना होकर चिपटा हुआ है। साथ ही मंदिर का मुख्य द्वार पूरब की ओर ना होकर पश्चिम की दिशा की ओर खुलता है,जो इसे दूसरे अन्य शिव मंदिरों से अलग श्रेणी में रखता है।

बिना ईट का प्रयोग किया बड़े-बड़े शिलाखंडों को तराश कर उन्हें एक दूसरे से परस्पर जोड़कर बनाया गया। यह विशाल प्राचीन शिव मंदिर पुरातन कारीगरो की कारीगरी व मंदिर की दीवारों पर उकेरी गई विभिन्न देवी-देवताओं की मूर्तियां तत्कालीन शिल्पकार को समृद्ध शिल्पकारी को बयान करता है। विशालकाय पत्थरों को जोड़कर बना मंदिर 30 फीट ऊंची गुम्बद वाला है। जिसका गर्भ गृह करीब छह फीट चौड़ा है। जिसके ठीक बीचोबीच चिपटा हुआ शिवलिंग स्थापित है।

मंदिर कब बना और किसने बनवाया ?

मंदिर कब बना और किसने बनवाया इसका कोई लिखित प्रमाण नही है। लोकगाथा उनकी किदवंतियो के अनुसार मंदिर का निर्माण महाभारत कालीन राजा बाणासुर से जुड़ा हुआ है। मान्यता है कि राजा बाणासुर तब यहां से बहती गंगा नदी के के समीप इसी स्थान पर तपस्या करता था। इसी दौरान उसे इस स्थान पर यज्ञ कराने की अनुभूति हुई। जिसके बाद उसने यज्ञ के लिए हवन कुंड खुदवाने का कार्य प्रारंभ करवाया।

हवन कुंड की खुदाई के दौरान मजदूरों के फावड़े पत्थरों से टकराया, देखने पर दोनों तरफ से कटा हुआ चिपटा शिवलिंग उत्पन्न हुआ। जिसे इस मंदिर में स्थापित कराया गया। शिवमंदिर के ठीक पश्चिम इसी प्रकार का एक और छोटा मंदिर है, जो इसी तरह से शिलाखंडों को काटकर और उन्हें परस्पर एक-दूसरे से जोड़कर निर्माण किया गया है। मंदिर के सामने बना तालाब, हवन कुंड के शक्ल में विद्यमान है।

कहा अवस्थित है यह प्राचीन शिव मंदिर ?

यह प्राचीन शिव मंदिर भोजपुर जिले के मुख्यालय आरा से करीब 28 किलोमीटर उत्तर पश्चिम आरा-बक्सर मुख्य मार्ग NH-922 पर शाहपुर व बिलौटी के बीच फोरलेन के बिल्कुल सटे हुए उत्तर दिशा में यह प्राचीन शिव मंदिर अवस्थित है। फागुन एवं सावन के महीने में महाशिवरात्रि के दिन यहां मेला लगता है। यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु जुटते हैं।

RAVI KUMAR
RAVI KUMAR
बिहार के भोजपुर जिला निवासी रवि कुमार एक भारतीय पत्रकार है एवं न्यूज पोर्टल खबरे आपकी के प्रमुख लोगों में से एक है।
- Advertisment -
Bharat Lal
Bharat Lal

Most Popular