MLA Manoj Manzil: आरा की अदालत की ओर से मंगलवार को भाकपा माले विधायक मनोज मंजिल सहित 23 आरोपितों को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई
- हाइलाइट :-
- कोर्ट की ओर से सभी आरोपितों पर 25-25 हजार का आर्थिक दंड भी लगाया गया
- सजा सुनाये जाने के बाद अगिआंव विधायक सहित सभी आरोपितों को भेजा गया जेल
- अगस्त 2015 में माले नेता की हत्या के प्रतिशोध में अगवा कर मार डाला गया था किसान को
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आरा: भोजपुर के अजीमाबाद थाना क्षेत्र के बड़गांव गांव में किसान जयप्रकाश सिंह की हत्या में आरा की अदालत की ओर से मंगलवार को भाकपा माले विधायक मनोज मंजिल (MLA Manoj Manzil) सहित 23 आरोपितों को सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। कोर्ट की ओर से सभी आरोपितों के खिलाफ 25-25 हजार का आर्थिक दंड भी लगाया गया है। एमपी-एमएलए मामलों के विशेष न्यायाधीश सह तृतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सत्येन्द्र सिंह ने यह फैसला सुनाया।
विधायक मनोज मंजिल और एक वकील सहित 23 आरोपितों को अपहरण, हत्या और अपराध के दौरान सबूतों को गायब करने का दोषी पाये जाने के बाद कोर्ट की ओर से यह सजा सुनाई गई है। जिले के तरारी थाना क्षेत्र के कपूरडिहरा गांव निवासी मनोज मंजिल भोजपुर के अगिआंव (सुरक्षित) विधानसभा क्षेत्र के विधायक हैं। उन्होंने 2020 में महागठबंधन समर्थित भाकपा माले के टिकट पर विधानसभा चुनाव में पहली बार जीत दर्ज की थी। नामांकन के समय भी गिरफ्तारी हुई थी। बाद में जमानत पर रिहा हुए थे। सजा सुनाये जाने के बाद विधायक सहित सभी आरोपितों को कोर्ट के आदेश पर जेल भेज दिया गया।
इधर, विधायक मनोज मंजिल को सजा सुनाये जाने के लेकर बड़ी संख्या में उनके समर्थक कोर्ट कैंपस के बाहर जमा थे। इसे लेकर कोर्ट परिसर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गयी थी। इस मामले में पीपी नागेश्वर दूबे, एपीपी सियाराम सिंह और अधिवक्ता विष्णुधर पांडेय की ओर से बहस की गयी। एपीपी सियाराम सिंह ने बताया कि 20 अगस्त 2015 को भाकपा माले कार्यकर्ता सतीश यादव की हत्या की गयी थी। इसके प्रतिशोध में अजीमाबाद थाना क्षेत्र स्थित बड़गांव निवासी किसान जयप्रकाश सिंह को अगवा करने के बाद हत्या कर दी गयी थी। उनका शव 27 अगस्त को नहर से बरामद किया गया था। इसे लेकर 24 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान प्रस्तुत साक्ष्य के आधार पर अगिआंव के विधायक सहित 23 आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
सजा पाने वाले अन्य आरोपित
अजीमाबाद थाना क्षेत्र के बड़गांव गांव निवासी चीना राम, मनोज चौधरी, नंद कुमार चौधरी, अधिवक्ता भरत राम, त्रिलोकी राम, प्रेम राम, बबन चौधरी, पवन चौधरी, गुड्डू चौधरी, गबर चौधरी, राम बली चौधरी, शिव बली चौधरी, रवींद्र चौधरी, रोहित चौधरी, रामाधार चौधरी, सर्वेश चौधरी, रामानंद प्रसाद, प्रभु चौधरी, टनमन चौधरी, खेढ़ी गांव निवासी जय कुमार यादव, नंदू यादव और नारायणपुर थाना क्षेत्र के कुर्मीचक गांव निवासी चंद्रधन राय शामिल हैं ।
2020 में पहली बार विधायक बने, अब विधानसभा की सदस्यता पर खतरा
आरा। भोजपुर के अगिआंव (सुरक्षित) विधानसभा क्षेत्र से 2020 में पहली बार विधायक चुन गये भाकपा माले नेता मनोज मंजिल की विधानसभा की सदस्यता पर खतरा मंडराने लगा है। हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा सुनाये जाने के बाद जानकारों के अनुसार उनकी विधानसभा की सदस्यता समाप्त हो सकती है। 2020 में वे महागठबंधन समर्थित भाकपा माले के उम्मीदवार थे और रिकॉर्ड साढ़े 85 हजार से अधिक मत लाकर विधायक चुने गये थे। तब उनका विधानसभा का दूसरा चुनाव था और उन्हें सत्तारूढ़ जदयू के निवर्तमान विधायक प्रभुनाथ राम को हराने में सफल रहे थे।
इसके पहले वे (MLA Manoj Manzil) पहली बार 2015 में अगिआंव विधानसभा क्षेत्र से ही भाकपा माले के उम्मीदवार के तौर पर विधायकी का चुनाव लड़े और 32 हजार से अधिक वोट प्राप्त कर दमदार उपस्थिति दर्ज करने में सफल रहे थे। हालांकि तब उन्हें राजद समर्थित जदयू उम्मीदवार प्रभुनाथ राम से हार का सामना करना पड़ा था।
आठ फरवरी 1985 को जन्मे मनोज मंजिल के राजनीतिक सफर की शुरुआत 1999 से भाकपा माले से शुरू हुई। वे लंबे समय तक वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा में आईसा के छात्र नेता भी रहे। विश्वविद्यालय से ही आंदोलन की शुरुआत की और सड़क पर स्कूल लगाने समेत तरह-तरह के आंदोलन की बदौलत भोजपुर जिले में अपनी पहचान बनाने वाले मनोज मंजिल आरवाईए के सदस्य बने। 2023 में उन्हें खेत व ग्रामीण मजदूर सभा का बिहार प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया। वे वर्तमान में भी इस पद पर हैं।