Saturday, February 22, 2025
No menu items!
HomeNewsनगर निकाय के वार्ड पार्षद की सदस्यता खतरे में, नोटिस जारी

नगर निकाय के वार्ड पार्षद की सदस्यता खतरे में, नोटिस जारी

Councilor chair in danger: श्रीमती आशा देवी, वार्ड पार्षद, पति- श्री मुन्ना प्रसाद. ग्राम- शाहपुर, वार्ड सं0-08, पोस्ट- शाहपुरपट्टी, थाना- शाहपुर,जिला भोजपुर को शाहपुर नगर पंचायत की तरफ से आयोग की नोटिस का तमिल कराया गया।

Bihar: राज्य निर्वाचन आयोग, बिहार (STATE ELECTION COMMISSION, BIHAR) के द्वारा नगर निकाय के एक वार्ड पार्षद को नोटिस जारी कर जबाब मांगा गया है। कानून का दुरुपयोग कर वार्ड पार्षद बने अभ्यर्थी पर गाज गिरना लगभग तय माना जा रहा है। मामला भोजपुर जिला अंतर्गत शाहपुर नगर पंचायत के वार्ड संख्या 08 का है।

याचिकाकर्ता रीना देवी के द्वारा बिहार नगरपालिका अधिनियम, 2007 की धारा 18 (1) (द् ) की तहत राज्य निर्वाचन आयोग, बिहार (STATE ELECTION COMMISSION, BIHAR) के आयुक्त को शाहपुर के वार्ड संख्या 08 की पार्षद आशा देवी की सदस्यता की संवैधानिकता को चुनौती देते हुए इनकी सदस्यता को निरस्त करने के लिए गुहार लगाई गई है। 

Pintu bhaiya
Pintu bhaiya

इधर, श्रीमती आशा देवी, वार्ड पार्षद, पति- श्री मुन्ना प्रसाद. ग्राम- शाहपुर, वार्ड सं0-08, पोस्ट- शाहपुरपट्टी, थाना- शाहपुर,जिला भोजपुर को शाहपुर नगर पंचायत की तरफ से आयोग की नोटिस का तमिल करा दिया गया है।

Councilor chair in danger: राज्य निर्वाचन आयोग, बिहार के द्वारा वाद संख्या- 38 / 2023 रानी देवी बनाम आशा देवी में सुनवाई के संबंध में संबंधित पक्षों को नोटिस जारी विषयांकित वाद की सुनवाई की तिथि 06.07.2023 को 3.30 बजे अपराह्न निर्धारित की गई है। राज्य निर्वाचन आयोग के द्वारा जारी सूचना के अनुसार उक्त निर्धारित तिथि को सुनवाई के समय आप स्वयं या अपने अधिवक्ता के माध्यम (केवल एक व्यक्ति) से उपस्थित रहकर अपना पक्ष रखें अन्यथा उपलब्ध कागजातों / अभिलेखों के आधार पर इस मामले में अन्तिम निर्णय लिया जायेगा।

विदित रहें की राज्य निर्वाचन आयोग के द्वारा श्रीमती आशा देवी, वार्ड पार्षद, पति- श्री मुन्ना प्रसाद. ग्राम- शाहपुर, वार्ड सं0-08, पोस्ट- शाहपुरपट्टी, थाना- शाहपुर,जिला भोजपुर की सदस्यता चार अप्रैल 2008 के बाद तीसरा बच्चा पैदा होने पर पूर्व मे रद्द की जा चुकी है तथा पति – पत्नी को आजीवन नगर निकाय चुनाव लड़ने पर रोक लगाया गया था। इसके बावजूद गलत सपथ पत्र के आधार पर कानून का दुरुपयोग कर पति – पत्नी दोनों ने चुनाव लड़ा और शाहपुर नगर पंचायत के चुनाव को प्रभावित किया।

क्या कहता है कानून?

बिहार नगरपालिका अधिनियम (कानून) 2007 में बना। इस अधिनियम की धारा 18 में नगर निकाय चुनाव के लिए अयोग्यता की चर्चा है। धारा 18 (1) (द् ) में साफ तौर पर उन उम्मीदवारों को नगर निकाय चुनाव के लिए अयोग्य करार दिया गया है जिन्हें 2 बच्चों के जीवित रहते तीसरा बच्चा कानून बनने के एक साल बाद होता है। यानी 04 अप्रैल 2008 के बाद से तीसरे बच्चा होने पर चुनावी योग्यता खत्म हो जाती है।

पटना हाई कोर्ट के अधिवक्ता अभय कुमार पांडेय ने बताया की हाईकोर्टने ने भी अपने महत्वपूर्ण फैसले में बिहार नगरपालिका अधिनियम की उस धारा को सही ठहराया है जिसके तहत दो जीवित बच्चों के मां-बाप को 2008 के बाद तीसरा बच्चा पैदा होने पर उन्हें नगर निकाय चुनाव की उम्मीदवारी के अयोग्य करार दिया जाता है। यह रोक उन उम्मीदवारों पर नहीं है जिन्हें 2008 से पहले ही तीन बच्चे हो गए थे। साथ ही 2008 के बाद किसी को जुड़वा बच्चा पैदा होता है तो उन पर भी यह कानून लागू नहीं होगा।

- Advertisment -
Khabre Apki - YouTube -
Khabre Apki - YouTube

Most Popular