Tuesday, November 11, 2025
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शाहपुर नपं में चरमराई सफाई व्यवस्था, एनजीओ की खुली पोल

सफाई के नाम पर नगर पंचायत शाहपुर हर माह 11 लाख 87 हजार के आसपास खर्च करता है। इसके बाद भी गड़बड़ी को रोक पाना मुश्किल हो रहा है। सफाई के नाम पर लूट मची है।

NGO – Shahpur Nagar: सफाई के नाम पर नगर पंचायत शाहपुर हर माह 11 लाख 87 हजार के आसपास खर्च करता है। इसके बाद भी गड़बड़ी को रोक पाना मुश्किल हो रहा है। सफाई के नाम पर लूट मची है।

  • हाइलाइट : NGO – Shahpur Nagar
    • बारिश में फिर खुली सफाई की पोल
    • बरसात के मौसम में संक्रामक बीमारियां फैलने का खतरा
    • सफाई एनजीओ पर तुरंत कारवाई करनी चाहिये : बिजय सिंह

आरा/शाहपुर: बारिश होते ही एक बार फिर सफाई व्यवस्था की पोल खुल कर सामने गई है। सफाई के नाम पर नगर पंचायत शाहपुर हर माह 11 लाख 87 हजार के आसपास खर्च करता है। इसके बाद भी गड़बड़ी को रोक पाना मुश्किल हो रहा है। सफाई के नाम पर लूट मची है। एनजीओ द्वारा पहली बार सफाई कर्मियों के खाते में ऑन लाइन पेमेंट किये जाने से सफाई कर्मियों की वास्तविक संख्या की पोल खुल गई है। वही श्रम मंत्रालय कानून का पालन नहीं करने तथा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी नहीं दिये जाने की भी पोल खुल गई है। नपं के एकरारनामा के शर्त संख्या- 13 के अनुसार एनजीओ को सभी दिन अर्थात अवकाश के दिन भी साफ-सफाई का कार्य करना है।

नगर पंचायत शाहपुर में प्रत्येक दिन पर्याप्त साफ सफाई, कूड़ा उठान की ठोस व्यवस्था सुनिश्चित नहीं होने से लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। बारिश होने के उपरांत भी संचारी रोगों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए सड़कों, तालाबों, स्कूलों, मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर आदि के आसपास सफाई अभियान नहीं चलाया गया। ना ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव ही किया गया। लोगों को बरसात के मौसम में संक्रामक बीमारियां फैलने का खतरा सता रहा है।

पढ़ें : शाहपुर की ताजा खबर, भोजपुर के ब्रेकिंग न्यूज in Hindi

इधर, पूर्व मुख्य पार्षद बिजय कुमार सिंह ने कहा की एनजीओ द्वारा सफाई कर्मियों के खाते में पहली बार ऑन लाइन पेमेंट किये जाने से सफाई कर्मियों की वास्तविक संख्या की पोल एवं श्रम मंत्रालय द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी नहीं दिये जाने की भी पोल खुल गई है। शाहपुर नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी को संज्ञान लेकर सफाई एनजीओ पर तुरंत कारवाई करनी चाहिये।

वही पूर्व उपमुख्य पार्षद गुप्तेश्वर साह ने कहा कि नियमित रूप से प्रतिदिन कूड़ा उठान एवं साफ सफाई हो तथा अगर कही गंदगी की शिकायत मिले तो कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा सफाई एनजीओ पर जिम्मेदारी तय की जाए और नपं के एकरारनामा के शर्तों के अनुसार राशि की कटौती हो।

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