Tuesday, January 21, 2025
No menu items!
Homeअन्यचर्चित खबरखाना बना इंतजार करती रही मांए, बच्चों को लील गयी सोन नदी

खाना बना इंतजार करती रही मांए, बच्चों को लील गयी सोन नदी

Noorpur News: चार छात्रों की मौत से गुस्सा: सड़क जाम के दौरान उठी मांग

  • अवैध खुदाई से जा रही जान, संवेदकों पर दर्ज करें हत्या का मुकदमा
    • लोग बोले: नियम को ताक पर रख किया जा रहा बालू का खनन
    • सोन नदी में गड्ढों के कारण हो रहा खतरा, हर साल डूब रहे लोग
    • मुआवजे और अफसरों की ओर कार्रवाई के आश्वासन के बाद सड़क से हटे लोग

Noorpur News/Bihar/Ara: संदेश के फुलाड़ी बालू घाट क्लस्टर 24 के समीप एक साथ चार स्कूली छात्रों की सोन में डूबने और मौत होने से लोगों में प्रशासन के प्रति जबरदस्त गुस्सा था। बच्चों की मौत की खबर मिलते ही ग्रामीण सड़क पर उतर गये। बालू घाट के संवेदकों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने, खनन के कारण घाट पर बन रहे गड्ढों की जांच करते हुए कार्रवाई करने और Noorpur के मृत बच्चों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग को लेकर लोगों द्वारा सड़क जाम कर दिया गया।

Republic Day
Republic Day

ग्रामीणों के समर्थन में भाकपा-माले और भाजपा के कार्यकर्ता भी सड़क पर उतर गये। सभी लोगों का एक स्वर में कहना था कि सहार से कोईलवर तक नियम को ताक पर रख बालू का खनन किया जा रहा है। उस कारण जगह-जगह खतरनाक गड्ढे बन रहे हैं। उसमें हर साल लोग डूब जा रहे हैं। उसके बावजूद जिला प्रशासन मौन है।

Pintu bhaiya
Pintu bhaiya

जाम की सूचना पर बीडीओ और सीओ के अलावे अजीमाबाद, सहार और चरपोखरी सहित अन्य थानों की पुलिस पहुंच गयी। लोगों को समझाने का प्रयास किया गया, लेकिन लोग डीएम, एसपी व खनन विभाग के वरीय अधिकारी को बुलाने की मांग कर अड़ गए। तब डीसीएलआर और पीरो एसडीपीओ राहुल सिंह पहुंचे। दोनों अफसरों द्वारा गढ्ढों की जांच कर आवश्यक करवाई करने का आश्वासन दिया गया। बच्चों के परिजनों को तत्काल पारिवारिक लाभ के तहत 20 हजार रुपए का चेक दिया गया और आपदा के तहत चार लाख रुपये देने की घोषणा की गयी। उसके बाद सड़क जाम समाप्त हो सका।

थानेदार से सीएम तक दिया गया आवेदन फिर भी कोई कार्रवाई नहीं

इधर, भाकपा-माले की ओर से कहा गया कि बालू घाटों पर संबंधित संवेदकों द्वारा मनमाने ढंग से खनन किया जा रहा है। उससे सोन नदी में जगह-जगह दर्जनों फीट गहरे गढ्ढे हो गये हैं। ऐसे में आये दिन इस तरह की घटनाएं होती रहती है। किसानों के सिंचाई के लिए एक मात्र कोईलवर नहर को दर्जनों जगहों पर काट कर अवैध पुल-पुलिया का निर्माण कर दिया गया है। उससे सिंचाई के लिए किसानों को पानी नसीब नहीं हो रहा है। उसे लेकर पार्टी कार्यकर्ता सहित ग्रामीणों द्वारा सीएम, डीएम, खनन अधिकारी, सीओ, बीडीओ और थाना प्रभारी तक को आवेदन दिया गया। लेकिन अबतक कोई करवाई नहीं की गयी। उस कारण यह घटना हो गयी। आवेदन देने के बाद भी करवाई नहीं किये जाने पर से इस अवैध खेल में संबंधित लोगों की संलिप्तता की बू आ रही है।

Noorpur News खाना बना इंतजार करती रही मांए, चारों बच्चों को लील गयी सोन

  • नूरपुर के लिए काला बुधवार:
    • एक साथ चार बच्चों की मौत से मचा रहा कोहराम, घरों से उठती रही सिसकियां
    • गांव से अस्पताल तक मची रही चीख-पुकार, शव गोद में रख रोती रही महिलाएं
    • बच्चों की मौत की खबर के बाद पूरे गांव में मची रही अफरातफरी

भोजपुर जिला अंतर्गत अजीमाबाद थाने के नूरपुर गांव के लिए बुधवार का दिन काला साबित हुआ। बगल से गुजर रही सोन नदी गांव के चार बच्चों को एक साथ लील गयी। चार बच्चों के एक साथ डूबने की खबर मिलते ही पूरे गांव में अफरातफरी माहौल कायम हो गया। कोहराम मच गया। लोग गिरते-भागते ठीक सटे फुलाड़ी बालू घाट पहुंचे। किसी तरह बच्चों को सोन के गहरे पानी से निकाल गया और आनन-फानन में चारों बच्चों को अस्पताल ले जाया गया। वहां चारों बच्चों को मृत घोषित कर दिया गया।

उसके बाद तो मानों पूरे गांव पर कुठाराघात हो गया। चारों ओर चीख-पुकार मच गयी। घरों में रोना-धोना शुरू हो गया। महिलाओं की चीत्कार और विलाप से पूरा माहौल गमगीन हो गया था। बेटों के शव को गोद मां बिलख रही थी। उस दृश्य को देख हर किसी का कलेजा दहल जा रहा था। देर शाम तक बच्चों के घरों से महिलाओं की रोने और सिसकने की आवाजें आती रही।

बताया जा रहा है कि बुधवार की सुबह गांव में लोग अपने-अपने काम को लेकर व्यस्त थे। मजदूर काम करने के लिए घर से निकल चुके थे। घर की महिलाएं खाना बना कर चौका बर्तन की साफ-सफाई में लगी थी। तभी अचानक करीब 10 बजे चार बच्चों के सोन में डूबने की मनहूस खबर फैल गयी। उसके बाद ग्रामीण महिला और पुरुष सोन नदी की ओर दौड़ पड़े। सुबह में दिन के लिए बनाया गया खाना ज्यों का त्यों पड़ा रहा।

अमित दो तो दोनों रोहित, शुभम तीन भाई

बताया जाता है कि शुभम कुमार तीन भाइयों में दूसरे स्थान पर था। उसके परिवार में मां रंजू देवी, भाई सन्नी कुमार और आयुष कुमार है। वहीं अमित कुमार अपने दो भाई और एक बहन में सबसे बड़ा था। उसके परिवार में मां सुमांती देवी, भाई अंकित कुमार और बहन खुशी है। रोहित कुमार अपने तीन भाई और एक बहन में सबसे छोटा था। उसके परिवार में मां लक्ष्मीना देवी, भाई प्रदेशी कुमार,विदेशी कुमार और एक बहन लालसा कुमारी है। जबकि रोहित कुमार अपने दो भाइयों में बड़ा था। उसके परिवार में मां रेखा देवी,एक भाई मोहित कुमार और दो बहन है। घटना के बाद सभी के घर में कोहराम मच गया है।

टिंकू और सागर की पुकार सुन मदद के लिए दौड़ पड़े गांव के लोग

बताया जा रहा है कि गांव के छह दोस्त सोन की ओर गये थे। वहां चार नहाने के लिए सोन में चले गए। चारों गहरे पानी में डूबने लगे। साथ गये 11 वर्षीय टिंकू कुमार और 12 वर्षीय सागर कुमार ने दोस्तों को डूबते देखा, तो पहले हाथ पकड़ कर बचाने की कोशिश की। कामयाबी नहीं मिली, तो दोनों शोर मचाते गांव की तरफ दौड़े। दोनों बच्चों की पुकार सुन ग्रामीण सोन नदी की ओर दौड़ पड़े। हालांकि जबतक ग्रामीण सोन के पास पहुंचते और बच्चे को बाहर निकलते तबतक काफी देर हो चुकी थी। दम घुटने से चारों बच्चों की मौत हो चुकी थी। उसके बावजूद परिजन बच्चों के जिंदा होने की आस लेकर तत्काल संदेश स्थित रेफरल अस्पताल पहुंचे। वहा डॉक्टरों द्वारा सभी को आरा सदर अस्पताल रेफर कर दिया। वहां डाक्टरों की ओर से चारों को मृत घोषित कर दिया गया।

खेलने निकले बच्चों का बैर खाने के बाद बदला मिजाज, सोन में लगा दी डूबकी

गांव के ही शिक्षक लव कुमार ने बताया कि बुधवार सुबह सभी बच्चे एक साथ खेलने निकले थे। उस दौरान बच्चे बैर तोड़ने चले गए। बैर खाने के बाद बच्चों का मन बदल गया और सोन में नहाने चले गए। चार बच्चों ने सोन नद में नहाने लगे, जबकि दो किनारे बैठ देख रहे थे। अचानक पैर फिसल जाने के कारण नहा रहे चारों बच्चे गहरे पानी में चले गए और डूब गए। सूचना मिलने पर संदेश थानाध्यक्ष अवधेश कुमार, एसआई विजय कुमार और सीओ उमेश चौधरी घटनास्थल पर पहुंचे। वहां ग्रामीणों की मदद से चारों बच्चों को पानी से बाहर निकाला गया। उसके बाद एंबुलेंस से चारों को आरा सदर अस्पताल लाया गया। वहां डाक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। उसके बाद पुलिस द्वारा चारों शवों का पोस्टमार्टम करवाया गया।

बच्चों के डूबने की खबर सुन स्कूल पहुंच गये अभिभावक

सोन नदी में बच्चों की डूबने की खबर मिलते ही काफी संख्या में अभिभावक अपने बच्चों की खोज में गांव स्थित मध्य विद्यालय पहुंच गये। वहां बच्चों को सुरक्षित देख अभिभावकों ने राहत की सांस ली। अभिभावकों के स्कूल पहुंच जाने से स्कूल में भी कुछ समय के लिए अफरातफरी मच गयी।

अवैध खनन के कारण पहले भी सोन नदी में डूबने से होती रही मौत

सोन नदी में बालू खनन को लेकर बन रहे गहरे गड्ढों में पानी भरने के कारण अक्सर हादसे होते रहे हैं। गहरे गड्ढों में डूबने से हर साल लोगों की जान भी जा रही है। ग्रामीणों की मानें तो पिछले साल भी करीब आधा दर्जन लोगों की सोन नदी में डूबने से मौत हो गयी थी। बताया जा रहा है कि पिछले साल दाह संस्कार में शामिल होने गए नसरतपुर गांव के तीन युवक नहाने के दौरान सोन में डूब गए थे। उनमें अश्विनी कुमार , गुड्डू साव और विकास कुमार थे।

उसी तरह पिछले साल होली के दिन दोस्तों के साथ संदेश सोन नदी में नहाने के दौरान संदेश प्रमुख सत्येंद्र मेहता के के पुत्र अभिषेक कुमार उर्फ सागर डूब गए थे। चैती छठ पर्व के दौरान सारीपुर गांव निवासी मंतोष साव का पुत्र रोहित कुमार और जलपुरा गांव निवासी जगदीश राम का पुत्र धीरज कुमार सोन में डूब गए थे। सोन नदी में नहाने के दौरान संदेश टोला निवासी रामईश्वर रवानी का पुत्र राजन कुमार की भी मौत हो चुकी है।

- Advertisment -
Bhojpur News - बिहया में फर्जी दारोगा गिरफ्तार
Bhojpur News - बिहया में फर्जी दारोगा गिरफ्तार

Most Popular