मास्क से लोगों की सुरक्षा के साथ भोजपुरी संस्कृति को बढ़ावा देने का प्रयास
सर्जना बना रही भोजपुर की धरोहर कोहबर, वीर कुंवर सिंह एवं आरा हाउस सहित अन्य चित्र वाला मास्क
भाई-बहन के प्रेम को दर्शाती पिडिया की खुबसुरत पेंटिंग की छाप वाले मास्क भी
पेंटिंग व एप्लिक के माध्यम से भोजपुरी चित्रकला को मास्क पर उकेर रही टीम
सर्जना के अध्यक्ष बोले: सुरक्षा के साथ संस्कृति का गौरव बोध करना उद्देश्य
कृष्ण कुमार
आरा। भोजपुर में कोरोना (कोविड-19) से लोगों की सुरक्षा के साथ ही जिले की संस्कृति, वीरता, ऐतिहासिक विरासत और परम्परागत चित्र शैली को बढ़ावा देने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिये भोजपुरी चित्र शैली और पेंटिंग वाले मास्क बनाये जा रहे हैं। आरा की सर्जना न्यास द्वारा इस तरह के मास्क बनाये जा रहे हैं। इन मास्कों पर भोजपुर की प्रसिद्ध कोहबर व पिडिया के अलावे भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के नायक वीर बांकुडा़ बाबु वीर कुंवर सिंह व ऐतिहासिक आरा हाउस के चित्र उकेरे जा रहे हैं। कपड़े के मास्क पर एप्लिक और पेंटिंग के माध्यम से मास्क पर चित्र बनाये जा रहे हैं।
इस कार्य में सर्जना के न्यास के अध्यक्ष चित्रकार संजीव सिन्हा और अमृता दूबे बढ़-चढ़कर जुटे हैं। संजीव सिन्हा अपनी चित्रकारी तो अमृता दूबे एप्लिक से मास्क को बेहतरीन बना रही हैं। सर्जना के अध्यक्ष ने बताया कि मास्क बनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों की सुरक्षा के साथ संस्कृति व ऐतिहासिक विरासत का गौरव बोध कराना है। लोग अपनी कला व संस्कृति से जुड़े। उन्होंने बताया कि पेंटिंग और चित्र के जरिये जनता के दर्द को दिखाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इससे लोगों की सुरक्षा व संस्कृति के बढ़ावे के साथ रोजगार भी मिल रहा है। इस काम में मदुरई, मालती देवी, दीपा श्रीवास्तव, डैजी गुप्ता, जूही देवी सहित अन्य लोग जुटे हैं।
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खुबसूरत रंगो की जा रही चित्रकारी और पेंटिंग
कोहबर व पिडिया के अलावेवीर बांंकूडा बाबू वीर कुंवर सिंह व आरा हाउस की पेंटिंग मास्क कर बनाई जा रही है। चित्रकार संजीव सिन्हा ने बताया कि भोजपुर में कोहबर व पीड़िया दोनों शैली काफी प्रसिद्ध है। कोहबर हमारे यहां शादी विवाह में बनाया जाता है। जबकि पिडिया भाई -बहन के पवित्र रिश्ते का त्योहार है। दोनों शैली में सबसे खास बात यह है कि इसमें प्राकृतिक रंग का प्रयोग होता है। कोहबर बनाते समय रामराज माटी, गाय का गोबर व गेर का उपयोग होता है। वही पिडिया में हरे रंग के बदले में सेम का पत्ता उपयोग होता है। उजला रंग के लिए चावल यूज में लाया जाता है। उन्होंने बताया कि मास्क पर भोजपुर जिले से जुड़े अन्य परंपरागत शैली का चित्र बनाने का भी प्रयास किया जा रहा है।
देश-विदेश में भी धूम मचा रहा भोजपुरी पेंटिंग वाले मास्क
आरा शहर के मुखर्जी हाता के रहने वाले चित्रकार संजीव सिन्हा ने बताया कि कोहबर, पिडिया शैली, वीर कुंवर सिंह व आरा हाउस की प्रतिकृति वाला मास्क की बिक्री देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी हो रही है। इस मास्क की जबरदस्त मांग हैं। इसको लेकर काफी आर्डर आ रहे हैं। इस कार्य में लगातार हैंड्स भी जुड़ रहे हैं। अभी तक सिर्फ ऑर्डर का काम लिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मास्क 60 से लेकर 150 रुपये की रेंज तक उपलब्ध है। मास्क शत प्रतिशत सूती तथा दो एवं तीन लेयर का है। नॉर्मल मास्क में रबड़ से लगा हुआ है। जबकि अन्य मास्क डोरी से बांधने वाला है। ताकि किसी को कान पर बांधने में परेशानी नही हो। इस मास्क की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसे साफ कर पुनः पहना जा सकता है। इसकी पेंटिंग भी खराब नहीं होगी। उन्होंने कहा कि मास्क को मुफ्त में बांटने का अभी तक कोई इरादा नहीं है। अगर कोई संस्था सपोर्ट करती है, तो उसके लिए मास्क बनाकर मुफ्त में वितरण किया जा सकता है।