Panchayat representatives in Bihar: बिहार में त्रिस्तरीय पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय में 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। मुखिया, सरपंच, प्रखंड प्रमुख, वार्ड सदस्य, जिला परिषद सदस्य समेत सभी प्रतिनिधियों को विधानसभा चुनाव से पहले बड़ी सौगात मिली है।
- हाइलाइट्स:Panchayat representatives in Bihar
- मुखिया, प्रमुख सबका मानदेय 50 प्रतिशत बढ़ा
Patna: बिहार में चुनावी साल में पंचायती राज संस्थाओं के प्रतिनिधियों को बड़ी सौगात मिली है। नीतीश सरकार ने मुखिया, सरपंच, प्रखंड प्रमुख, वार्ड सदस्य, जिला परिषद सदस्य समेत अन्य सभी स्तर के पंचायत प्रतिनिधियों के मानदेय में 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को पटना में हुई बैठक में यह घोषणा की। इसके अलावा पंचायत प्रतिनिधियों को अब कार्यकाल के दौरान सामान्य कारणों से मौत होने पर भी 5 लाख रुपये की आर्थिक सहायता मिलेगी। पहले सिर्फ आकस्मिक मौत पर यह राशि मिलती थी।
बिहार सरकार के ताजा निर्णय के अनुसार जिला परिषद अध्यक्ष को जो हर महीने 20 हजार रुपये भत्ता मिलता था, उसे बढ़ाकर 30 हजार रुपये कर दिया गया है। इसी तरह जिला परिषद के उपाध्यक्ष क मासिक भत्ते को 10,000 रुपये से बढ़ाकर 20 हजार रुपये यानी दो गुना कर दिया गया है। मुखिया का मानदेय भी 5000 रुपये से बढ़ाकर 7500 रुपये प्रति महीना किया गया है। इसी तरह ग्राम पंचायत, पंचायत समिति और जिला परिषद के सदस्यों एवं अन्य प्रतिनिधियों के मानदेय में भी इजाफा किया गया है।
मुखिया का पावर बढ़ गया: बिहार में अब पंचायतों के मुखिया का पावर बढ़ गया है। नीतीश सरकार ने 10 लाख रुपये तक की मनरेगा योजनाओं की स्वीकृति देने का अधिकार मुखिया को दे दिया है। इसके लिए उन्हें किसी भी तरह का प्रशासनिक मंजूरी नहीं लेनी होगी। पहले यह लिमिट 5 लाख रुपये थी। इसके अलावा पंचायत प्रतिनिधि किसी बड़ी बीमारी से ग्रसित होते हैं, तो उन्हें मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष से स्वास्थ्य सुविधाएं और इलाज उपलब्ध कराया जाएगा।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पंचायत प्रतिनिधियों के साथ गुरुवार को पटना में अहम बैठक की। इसमें उन्होंने सरकार के इन फैसलों की घोषणा की। सीएम ने कहा कि इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बिहार की सभी पंचायतों का भवन बनकर तैयार करने का लक्ष्य है। इसके लिए सरकार ने 1069 नए पंचायत भवनों के निर्माण को मंजूरी दे दी है।