PATNA: यह हम नहीं बिहार सरकार के नगर विकास व आवास विभाग द्वारा माननीयों के लिए तय किए गए मानदेय ही साबित कर रहे हैं
- हाइलाइट : PATNA
- बिहार शहरी निकाय के पार्षदों को अकुशल कामगार के स्तर का भी नहीं माना जाता है
- यह बिहार सरकार द्वारा माननीयों पार्षदों के लिए तय किए गए मानदेय ही साबित कर रहे हैं
PATNA: बिहार शहरी निकाय के पार्षद श्रम विभाग के हिसाब से अकुशल कामगार स्तर के भी नहीं है। नगर परिषद व नगर पंचायत के मुख्य पार्षद, उपमुख्य पार्षद और पार्षदों की हालत इनसे भी खराब है और इन्हें सबसे न्यूनतम कैटेगरी अकुशल कामगार के स्तर का भी नहीं माना जाता है। यह हम नहीं बिहार सरकार के नगर विकास व आवास विभाग द्वारा माननीयों के लिए तय किए गए मानदेय ही साबित कर रहे हैं।
इनके मानदेय को बिहार सरकार के श्रम विभाग द्वारा तय किए गए न्यूनतम मजूदरी (अकुशल कामगार ) से यदि तुलना करें तो केवल नगर निगम के महापौर ही इस वेतनमान से अधिक पर आते हैं। नगर परिषद और नगर पंचायत के तो सभी माननीय इस न्यूनतम वेतनमान से ही बाहर है।
- पहले देखते हैं 1 अप्रैल 2024 से लागू बिहार श्रम विभाग का न्यूनतम मजदूरी चार्ट
- अकुशल कामगार के लिए- 10660 रुपए प्रतिमाह (410 रुपए प्रतिदिन)
- अर्ध कुशल कामगार के लिए- 11076 रुपए प्रतिमाह (426 रुपए प्रतिदिन)
- कुशल कामगार के लिए- 13494 रुपए प्रतिमाह ( 519 रुपए प्रतिदिन)
- अत्यधिक कुशल कामगार के लिए- 16484 रुपए प्रतिमाह ( 634 रुपए प्रतिदिन)
- अब बिहार शहरी निकाय के माननीयों के वेतन भता पर नजर डालिए
- नगर निगम में मेयर को मानदेय 12000 रुपए और डिप्टीमेयर-के लिए 10000 हजार मानदेय और पार्षद को 2500 सौ प्रति माह मानदेय। इसके अतिरिक्त इन्हें बैठकों में आने के भत्ते मिलते हैं।
- नगर परिषद में सभापति को 10000 हजार रुपए प्रति माह मानदेय और उप सभापति को 8000 हजार मानदेय और पार्षद को 1500 सौ रुपए प्रति माह मानदेय।
- नगर पंचायत मेंअध्यक्ष को 6000 रुपए मानदेय प्रति माह और उपाध्याक्ष को 5,000 हजार मानदेय और पार्षद को 1,000 हजार रुपए मानदेय।