School Bus: भोजपुर में निजी स्कूल वाहनों के कागजात समेत अन्य 20 तरह के मापदंडों की जांच की जा रही है। इसमें वाहनों में वीएलटीडी (वैकिल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस) व एसएलडी (स्पीड लिमिट डिवाइस) का लगा होना बेहद जरूरी है। वाहनों में फर्स्ट एड किट होना जरूरी है। वाहनों का पीले कलर से पेंट होना और उस पर ब्राउन कलर की पट्टी पर स्कूल का नाम-पता, चालक का नाम-मोबाइल नंबर के साथ रूट संख्या लिखा होना चाहिए।
- हाइलाइट :-
- पहले चरण में भोजपुर जिले के 36 निजी स्कूलों की सूची तैयार कर हो रही जांच
- वाहनों के कागजात समेत अन्य 20 तरह के मापदंडों की जांच की जा रही है
आरा: भोजपुर के निजी स्कूलों में चलने वाले वाहनों (School Bus) की जांच इन दिनों परिवहन विभाग की ओर से किया जा रहा है। जिले के डीटीओ संजय कुमार ने गुरुवार को शहर के गोढ़ना रोड, बामपाली व अन्य स्थानों पर स्थित स्कूलों में बच्चों को ढोने वाले वाहनों की जाच की। जांच के दौरान इन स्कूलों में चलने वाले वाहनों पर चालक का नाम व मोबाइल नंबर के साथ रूट नंबर अंकित कराने का निर्देश दिया। साथ ही वाहनों के कागजात समेत अन्य मापदंडों की जांच की गई। वाहनों की जांच डीटीओ के अलावा एमवीआई एसएन मिश्रा की ओर से भी की जा रही है।
बता दें कि स्कूलों में चलने वाले वाहनों की जांच का निर्देश राज्य मुख्यालय से दिया गया है। इसमें वाहनों के कागजात समेत अन्य 20 तरह के मापदंडों की जांच की जा रही है। इसमें वाहनों में वीएलटीडी (वैकिल लोकेशन ट्रैकिंग डिवाइस) व एसएलडी (स्पीड लिमिट डिवाइस) का लगा होना बेहद जरूरी है। वाहनों में फर्स्ट एड किट होना जरूरी है। वाहनों का पीले कलर से पेंट होना और उस पर ब्राउन कलर की पट्टी पर स्कूल का नाम-पता, चालक का नाम-मोबाइल नंबर के साथ रूट संख्या लिखा होना चाहिए। इस तरह के 20 मापदंडों को पूरा करना है, जो कम ही स्कूलों के वाहनों में देखा जा रहा है।
डीटीओ ने बताया कि जांच प्रक्रिया चल रही है। अगले दो से तीन दिनों में जांच के बाद वैसे वाहनों पर विधिसम्मत कार्रवाई की जायेगी, जो वाहन मापदंडों को पूरा नहीं कर रहे हैं। पहले चरण में जिले के 36 निजी स्कूलों के नाम हैं। इन स्कूलों में चल रहे वाहनों की जांच की जा रही है। बाकी बचे स्कूलों की जांच के लिए सूची तैयार की जा रही है।