Sunday, February 23, 2025
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तेजस्वी यादव से मिले पुलेला गोपीचंद, बिहार की नई खेल नीति को सराहा

Pullela Gopichand met Tejashwi Yadav:पुलेला गोपीचंद वर्तमान में भारत के बैडमिंटन टीम के प्रमुख कोच हैं

  • बिहार में उत्कृष्ट खिलाड़ियों की पहचान कर उन्हें आगे ले जाना है- पुलेला गोपीचंद
  • तेजस्वी यादव ने कहा हमारी सरकार खेलों के विकास को लेकर प्रतिबद्ध है

Patna/Bihar: पुलेला गोपीचंद बिहार राज्य खेल प्राधिकरण द्वारा आयोजित बैडमिंटन प्रतिभा खोज सह प्रशिक्षण शिविर में भाग लेने पटना पहुँचे है। भारतीय बैडमिंटन टीम के मुख्य कोच एवं पूर्व ओलंपियन पुलेला गोपीचंद ने बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से (Pullela Gopichand met Tejashwi Yadav) उनके आवास पर मुलाकात की। उन्होंने बिहार की नई खेल नीति और खेलों को बढ़ावा देने के प्रयासों को लेकर तेजस्वी यादव को खूब सराहा। वही तेजस्वी यादव ने कहा की हमारी सरकार बिहार में खिलाड़ियों को विश्वस्तरीय सुविधाएँ प्रदान करने एवं खेलों के विकास को लेकर प्रतिबद्ध है।

भारतीय बैडमिंटन टीम के कोच पुलेला गोपीचंद शनिवार को पटना पहुंचे। अर्जुन, द्रोणाचार्य और पद्म श्री अवार्ड से सम्मानित पुलेला गोपीचंद वर्तमान में भारत के बैडमिंटन टीम के प्रमुख कोच हैं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर और पॉलिसी बनाने को लेकर बात कर रही है। यहां के खिलाड़ियों को सिर्फ अच्छे कोच की जरूरत है। स्पोर्ट्स डिपार्टमेंट निमंत्रण पर ही पटना आया हूं। बिहार में उत्कृष्ट खिलाड़ियों की पहचान कर उन्हें आगे ले जाना है।

Pintu bhaiya
Pintu bhaiya

उन्होंने कहा कि सभी राज्यों की तरह बिहार के खिलाड़ी भी खेल जगत में बेहतर करेंगे, क्योंकि इनके अंदर अच्छा करने की क्षमता है। इसके पहले वह बिहार दो बार आ चुके हैं।

पुलेला गोपीचंद साल 2001 में वह ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैंपियनशिप जीतने वाले दूसरे भारतीय बने थे। अपने खेल के दिनों के बाद प्रशिक्षक बनकर गोपीचंद बैडमिंटन अकादमी की शुरुआत की जिससे साइना नेहवाल, पीवी सिंधु, साई प्रणीत, पी. कश्यप और किदांबी श्रीकांत जैसे कई प्रसिद्ध राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी प्रशिक्षित हुए हैं।

एक खिलाड़ी और कोच के रूप में अपने शानदार करियर के दौरान गोपीचंद को 1999 में अर्जुन पुरस्कार,साल 2001 में मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार, साल 2005 में पद्मश्री, साल 2009 में द्रोणाचार्य पुरस्कार और 2014 में भारत के तीसरे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है।

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