Shahpur city: सरकार के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के द्वारा तय मानक व पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम की जानकारी यहां फाइलों में बंद है।
- हाइलाइट :- Shahpur city
- कैसे रुकेगा प्रदूषण, बढ़ता जा रहा कूड़े का पहाड़
- स्कूल के समीप कूड़ा डंप कर छोड़ दिया गया खुला
- स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा
आरा/शाहपुर: शहरी क्षेत्र में कचरा डंपिग के लिए कई मानक तय किए गए हैं। इसके तहत शहर की घनी आबादी से करीब 500 मीटर दूर जहां भविष्य में कोई निर्माण कार्य नहीं हो, राष्ट्रीय उच्च पथ से 200 मीटर दूरी पर, नदी से 100 मीटर की दूरी पर, पोखर-तालाब से 200 मीटर दूरी पर कचरा डंपिग ग्राउंड होना अनिवार्य है। यह नो डेवलपमेंट बफर जोन कहलाता है। इस एरिया में कचरा डंप करने के बाद उसे मिट्टी से ढका जाना जरूरी है ताकि उससे निकलने वाली बदबू से प्रदूषण नहीं फैल सके। लेकिन संकटकारी अपशिष्ट नियम का पालन जिले के शाहपुर नगर पंचायत क्षेत्र में अभी सपना बना हुआ है। सरकार के प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के द्वारा तय मानक व पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम की जानकारी यहां फाइलों में बंद है।
बढ़ता जा रहा है कूड़े का पहाड़
बता दें की शाहपुर नगर पंचायत में कूड़ा निस्तारण का काम सफाई ऐजेंसी प्रताप सेवा संकल्प मुजफ्फरपुर के एनजीओ के जिम्मे है। कूड़ा निस्तारण हेतु हर महीने नगर पंचायत की ओर से 11 लाख 87 हजार रुपये दिए जाते है। परंतु शाहपुर नपं के वार्ड 2 एवं वार्ड 3 स्थित नदी के मुहाने पर कूड़े का पहाड़ बढ़ता जा रहा है। वार्ड 10 स्थित हाईस्कूल व मिडिल स्कूल के समीप कूड़ा डंप कर खुला छोड़ दिया गया है। घनी आबादी के अंदर कई जगहों पर कूड़े का अंबार लगा हुआ है ।
कचरा प्रदूषण क्या है?
कचरा प्रदूषण तब होता है जब डंपिग एरिया में जमा कचरा सड़ रहा होता है और गंध फैलाता है। प्लास्टिक का डब्बा, कागज, कांच के टुकड़े, बचा हुआ भोजन, जानवरों की हड्डियां, सब्जियों एवं फलों के छिलके आदि जैसी अकार्बनिक सामग्री को खुले में फेंक दिया जाता है। कचरे में जान बूझकर या अनजाने में अगर आग लग जाती है तो इससे वायु प्रदूषण भी फैलता है। इसके परिणाम स्वरूप स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए गंभीर खतरा पैदा होता है।
संकटकारी अपशिष्ट
बिहार नगरपालिका अधिनियम की धारा-230 में स्पष्ट किया गया है की केंद्र सरकार द्वारा बनायी गयी नियमावली पर्यावरण (संरक्षण) अधिनियम 1986 के नियमावली के अनुसार संकटकारी अपशिष्टों का प्रबंध और संचालन नगरपालिका विनियमित करें ।