Holding tax: भोजपुर जिले के शाहपुर नगर पंचायत में क्या यह डेटा एंट्री में हुई त्रुटि है, या फिर किसी संगठित होल्डिंग घोटाले का हिस्सा, यह जांच का विषय है।
- हाइलाइट्स: Holding tax
- शाहपुर नगर पंचायत: होल्डिंग कर में अनियमितता का मामला
आरा/शाहपुर: भोजपुर जिले के शाहपुर नगर पंचायत में हाल ही में सामने आया एक मामला नगर पालिका प्रशासन की कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिह्न लगाता है। वार्ड संख्या-02 के चानमुनी सिंह नामक एक नागरिक द्वारा नियमित रूप से होल्डिंग कर जमा करने के बावजूद, नगर कार्यालय द्वारा 91 हजार रुपये का बकाया नोटिस भेजा जाना, किसी भी प्रकार से सामान्य भूल नहीं प्रतीत होता।
यह घटना स्पष्ट रूप से होल्डिंग कर व्यवस्था में व्याप्त अनियमितताओं की ओर संकेत करती है। क्या यह डेटा एंट्री में हुई त्रुटि है, या फिर किसी संगठित होल्डिंग घोटाले का हिस्सा, यह जांच का विषय है। इस प्रकार की लापरवाही न केवल नागरिकों को परेशान करती है बल्कि नगर पालिका प्रशासन की विश्वसनीयता को भी कम करती है।
इधर, शाहपुर नगर पंचायत के पूर्व चेयरमैन बिजय कुमार सिंह ने कहा की नोटिस मिलते ही उनके पुत्र उदय सिंह बदहवास दौड़ते हुए हमारे पास आये और नियमित रूप से हर साल होल्डिंग कर जमा रसीद दिखते कहा की 91 हजार रुपये का बकाया नोटिस आया है। उनकी स्थिति सदमे की थी। कार्यपालक पदाधिकारी को इस मामले में त्वरित और निष्पक्ष जांच करानी चाहिए। दोषियों को दंडित किया जाना चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि भविष्य में ऐसी भूल न हों। जांच नहीं होने पर मामले को कोर्ट में ले जाया जाएगा।
नगर के लोगों के अनुसार इस घटना से नगर पंचायत की वित्तीय व्यवस्था में व्यापक अनियमितताओं की आशंका बढ़ गई है। यदि नियमित करदाताओं को इस तरह से नोटिस भेजे जा रहे हैं, तो यह स्पष्ट है कि संग्रह और लेखांकन प्रक्रियाओं में गंभीर खामियां मौजूद हैं।
खबरे आपकी टीम को शाहपुर नगर कार्यपालक पदाधिकारी नेशात आलम ने जांच का आश्वासन दिया है, जो एक स्वागत योग्य कदम है। हालांकि, होल्डिंग कर प्रणाली की तत्काल समीक्षा व दोषी कर्मी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं को रोका जा सके। नहीं तो यह घटना नगर पंचायत के कामकाज पर एक काला धब्बा बनकर रह जाएगी। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, एक व्यापक जांच की आवश्यकता है ताकि होल्डिंग कर संग्रह में संभावित घोटाले की सच्चाई सामने आ सके और नागरिकों का विश्वास बहाल किया जा सके।