Shahpur Nagar Panchayat Board: शाहपुर नगर पंचायत के मासिक बोर्ड की बैठक में प्रस्ताव पारित किए बिना सामानों की खरीदारी करने पर पार्षदों ने उठाये सवाल
- हाइलाइट : Shahpur Nagar Panchayat Board
- पार्षदों ने कहा बोर्ड की मंजूरी के बिना ही शाहपुर नपं में हुई करोड़ों की खरीदारी
- आरटीआई से सशक्त स्थायी समिति की बैठक के आलोक में सामग्री क्रय का खुलासा
- सशक्त की बैठक से दो माह पूर्व हुई बोर्ड की बैठक में सामग्री क्रय के प्रस्ताव पर नहीं बनी थी सहमति
Shahpur Nagar Panchayat Board आरा: शाहपुर नगर पंचायत के कार्यों में एक बड़ा खुलासा हुआ है, जिसमें यह सामने आया है कि नगर पंचायत के पूर्व कार्यपालक पदाधिकारी रजनीश कुमार ने बोर्ड की अनुमति के बिना ही करोड़ों रुपये के विभिन्न सामानों की खरीदारी की है। यह मामले ने न केवल नगर पंचायत के प्रशासनिक संचालन की पारदर्शिता पर सवाल उठाए हैं, बल्कि जनप्रतिनिधियों की नैतिकता और जवाबदेही पर भी गंभीर चिंताओं को जन्म दिया है।
नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी का मुख्य कार्य नगर के विकास हेतु सशक्त स्थायी समिति की बैठक में पारित प्रस्ताव को बोर्ड की मंजूरी मिलते ही जनहित के कार्यक्रमों का संचालन करना है। इसके अंतर्गत, सभी निर्णयों और क्रियाओं को उचित प्रक्रिया और पारदर्शिता के तहत संपन्न करना। लेकिन शाहपुर नगर पंचायत में सामग्रियों की खरीदारी बोर्ड की मंजूरी के बिना ही की गई है, जिससे यह संदेह उत्पन्न होता है कि कहीं न कहीं भ्रष्टाचार या अनियमितताएँ जरूर हुई है।
क्या है पूरा मामला
बता दें की शाहपुर नगर पंचायत की 26/6/2023 की मासिक बैठक में मुख्य पार्षद व उपमुख्य पार्षद सहित कुल 13 पार्षदों में 12 पार्षद बैठक में उपस्थित थे। बैठक की कार्यवाही पंजी के पेज संख्या-190 पर अंकित प्रस्ताव संख्या-04 में सामग्री क्रय करने हेतु प्रस्ताव लाया गया था। प्रस्ताव पर विचार विमर्श करने के उपरांत उपस्थित 12 पार्षदों में से 7 पार्षदों के विरोध के कारण यह प्रस्ताव पारित नहीं हुआ था। इस बैठक में वार्ड पार्षद कामेश्वर कुमार राज द्वारा कहा गया की पहले लेखा क्रय समिति का गठन किया जाये, इसके बाद ही सामनों की खरीदारी पर विचार विमर्श किया जाएगा। उपस्थित पार्षदों ने कामेश्वर कुमार राज के समर्थन में बहुमत से सहमति जताई और यह प्रस्ताव पारित नहीं हो सका। बावजूद इसके दो महीने बाद ही सशक्त स्थायी समिति की बैठक के आलोक में सामग्री की क्रय कर ली गई थी।
प्रशासनिक संचालन की पारदर्शिता पर सवाल
बिहार नगरपालिका अधिनियम के तहत किसी भी प्रकार की खरीदारी या संविदा के लिए नगर निकाय के बोर्ड की मंजूरी आवश्यक है। लेकिन भोजपुर जिले के शाहपुर नगर पंचायत में सामग्री की खरीदारी बिना बोर्ड के अनुमति से की गई है। इसका खुलासा आरटीआई से मिली सूचना के तहत हुआ है। सामनों के क्रय के संबंध में बताया गया है की दिनांक 26/6/2023 के आहूत बोर्ड की बैठक के प्रस्ताव संख्या-04 में लिए गए निर्णय के आलोक में दिनांक 05/09/2023 को आहूत सशक्त स्थायी समिति की बैठक के प्रस्ताव संख्या-04 में सामग्री क्रय करने का निर्णय लिया गया है। जबकि दिनांक 26/6/2023 के आहूत बोर्ड की बैठक में इस प्रस्ताव को बहुमत से खारिज किया जा चुका है। यानि दो महीने बाद ही सशक्त स्थायी समिति की बैठक के आलोक में सामग्री की क्रय कर ली गई थी।
बता दें की दिनांक 05/09/2023 को आहूत सशक्त स्थायी समिति की बैठक में निर्णय लिया गया की सशक्त स्थायी समिति के सदस्य ही क्रय समिति के सदस्य के रूप में कार्य करेंगे। और इस प्रस्ताव को पारित कर सामानों की क्रय की गई है। यहां बोर्ड की मंजूरी नहीं ली गई है। जबकि बिहार नगरपालिका अधिनियम के तहत सशक्त स्थायी समिति की बैठक में लिए प्रस्ताव को बोर्ड की मंजूरी आवश्यक है।
वार्ड पार्षद बबीता देवी ने कहा की शाहपुर के नागरिकों का विश्वास नगर प्रशासन एवं जनप्रतिनिधियों पर से उठता जा रहा है। जब सूचनाएं यह दर्शाती हैं कि आवश्यक वस्तुओं की खरीदारी बिना बोर्ड के अनुमति से की गई है। तो यह स्पष्ट रूप से संकेत करता है कि प्रशासनिक प्रणाली में खामियाँ मौजूद हैं। और प्रतिनिधियों द्वारा पद का दुरुपयोग किया जा रहा है।
वार्ड पार्षद कामेश्वर कुमार राज ने कहा की बोर्ड के मंजूरी के बिना करीब एक करोड़ से ज्यादा की हुई खरीदारी पर नव नियुक्त कार्यपालक पदाधिकारी निशांत आलम को इस मामले की गहनता से जांच करने की आवश्यकता है। सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि भविष्य में किसी भी प्रकार की खरीदारी या संविदा के लिए नगर पंचायत के बोर्ड की मंजूरी आवश्यक हो। इसके अतिरिक्त, पारदर्शिता और जवाबदेही को सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी उपायों को लागू करना आवश्यक है। जिससे पद का दुरुपयोग करने वाले प्रतिनिधि व पदाधिकारी पर करवाई हो सकें।