Shahpur NP Scam: भोजपुर जिला अंतर्गत शाहपुर नगर पंचायत के घोटालों की निष्पक्ष जांच कराने की मांग अब तेज हो गई है। उप मुख्य पार्षद सहित कुल 08 पार्षदों द्वारा कुल 22 बिंदुओ पर शिकायत पत्र का आवेदन भोजपुर डीएम को मिलकर दिया था।
- हाइलाइट :- Shahpur NP Scam
- भोजपुर डीएम को 22 बिंदुओ पर पार्षदों ने दिया था आवेदन
- जांच के निर्धारित समय बीतने के बाद कार्रवाई नहीं होने से पार्षदों में आक्रोश
आरा/शाहपुर: भोजपुर जिला अंतर्गत शाहपुर नगर पंचायत में हुए घोटालों की निष्पक्ष जांच कराने की मांग अब तेज हो गई है। उप मुख्य पार्षद सहित कुल 08 पार्षदों द्वारा कुल 22 बिंदुओ पर शिकायत पत्र का आवेदन भोजपुर डीएम को दिया था। तब डीएम द्वारा निष्पक्ष जांच कराने की बात कही गई थी, निर्धारित समय बीत जाने के बाद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं होने से पार्षदों में आक्रोश देखा जा रहा है। ऐसी स्थिति में पार्षदों ने घोटालों की जांच निगरानी से कराने हेतु स्वयं निगरानी को पत्र लिखेंगे।
नगर पंचायत शाहपुर में हुए घोटाले से सभी दंग हैं। यहां वित्तीय अनियमितता का जो खेल खेला गया है इसे रोकने के लिए सदन में कई पार्षद द्वारा सुझाव दिया गया। लेकिन, पूर्व कार्यपालक पदाधिकारी द्वारा कोई करवाई नहीं की गई। पार्षदों के अनुसार पूर्व कार्यपालक पदाधिकारी और मुख्य पार्षद के संलिप्त होने के कारण उस दिशा में कोई कार्रवाई नहीं हुई। पूर्व में भोजपुर डीएम को भी पत्र लिखकर सभी घोटालों की जांच करने की मांग की गई है।
मेरी बातों की अनसुनी कर दी गई- झुनीया देवी
उपमुख्य पार्षद झुनीया देवी ने कहा की हमेशा बोर्ड की बैठक में मेरे द्वारा घोटालों पर आवाज उठाई गई। लेकिन, हर बार मेरी बातों की अनसुनी कर दी गई। अगर समय रहते कार्रवाई की जाती तो आज इतना बड़ा घोटाला नहीं होता।
घोटालों की निगरानी जांच की जरूरत – कमेश्वर
वार्ड पार्षद कमेश्वर कुमार ने कहा की नगर पंचायत के अधिकारियों व प्रतिनिधियों की मिली भगत से घोटालों का खेल खेला गया है। बैठक में मेरे द्वारा इसके खिलाफ कई बार आवाज उठाई गई। लेकिन कोई सुनने को तैयार नहीं हुआ। सभी घोटालों की जांच निगरानी से कराने की जरूरत है। इसके लिए में शपथ पत्र भी दाखिल करूंगा।
जांच हुई तो कर्मियों के पास करोड़ों की संपत्ति होगी उजागर – बिजय कुमार सिंह
नगर के पूर्व मुख्य पार्षद बिजय कुमार सिंह ने कहा की नगर पंचायत में जो घोटाले उजागर हुए हैं, उससे ईमानदार पार्षदों व शाहपुर की काफी बदनामी हुई है। इसकी निष्पक्ष जांच निगरानी से ही संभव है। इसके लिए नव नियुक्त कार्यपालक पदाधिकारी को स्वयं पत्राचार करना चाहिए। साथ ही संबंधित दोषी कर्मियों की संपत्ति की जांच भी कराने की जरूरत है। अगर ऐसा होता है तो यहां कई कर्मियों के पास से करोड़ों की संपत्ति उजागर होगी।
सफाई के नाम पर मची है लूट – गुपतेश्वर साह
वही नगर के पूर्व उपमुख्य पार्षद गुपतेश्वर साह ने सफाई व्यवस्था पर कहा की अगर कार्यपालक पदाधिकारी प्रतिदिन वार्ड में सफाई कर्मियों की उपस्थिति पंजी में हस्ताक्षर दर्ज कराते हुए उपस्थिति पंजी एवं उपस्थित कर्मी की सामूहिक फोटोग्राफ भेजने के उपरांत ही कार्य लेना सुनिश्चित करेंगे तो यहां सफाई के नाम पर जो लूट मची है इसपर रोक लगेगी।
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