Government orders Flouting: भोजपुर जिले के शाहपुर नगर पंचायत में सफाई कार्य की स्थिति नगरवासियों के लिए एक संजीदा चिंता का विषय बनी हुई है।
- हाइलाइट : Government orders Flouting
- नपं के नियमित 9 सफाई कर्मियों द्वारा हर रोज बायोमेट्रिक हाजिरी भी लगाई जा रही है
- नियमित सफाई कर्मियों को मात्र 7,500 से 8,000 रुपए मासिक वेतन दिया जा रहा है
- सरकार के आदेश को ठेंगा दिखा रहा शाहपुर नगर पंचायत का सफाई एनजीओ
- बायोमेट्रिक हाजिरी में एनजीओ के 40 सफाई कर्मियों की अनुपस्थिति सामने आ रही है
- सफाई एजेंसी को हर माह 11 लाख 87 हजार से ज्यादा रुपयों का भुगतान किया जा रहा है
Government orders Flouting आरा/शाहपुर: भोजपुर जिले के शाहपुर नगर पंचायत में सफाई कार्य की स्थिति नगरवासियों के लिए एक संजीदा चिंता का विषय बनी हुई है। वही इस मामले में एक नई जानकारी निकलकर सामने आई है। नपं के नियमित 9 सफाई कर्मियों द्वारा शाहपुर नगर पंचायत में हर रोज सफाई कार्य किया जा रहा है। जबकि एनजीओ के 40 सफाई कर्मियों की अनुपस्थिति सामने आ रही है।
शाहपुर नगर पंचायत के नियमित 9 सफाई कर्मियों द्वारा हर रोज बायोमेट्रिक हाजिरी भी लगाई जा रही है। वही एनजीओ के 40 सफाई कर्मियों की बायोमेट्रिक हाजिरी प्रणाली के तहत इन कर्मियों की गुमशुदगी ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं, जिससे यह स्पष्ट होता है कि कहीं न कहीं व्यवस्थाओं में कमी है।
शाहपुर नगर पंचायत में कार्यरत सफाई एजेंसी प्रताप सेवा संकल्प गोविंद फूलकान, मुजफ्फरपुर की एनजीओ के 40 कर्मियों की अनुपस्थिति से सफाई के कार्य में अव्यवस्था, अनियमितता एक गंभीर समस्या बनी हुई है। एनजीओ की लापरवाही से नागरिक स्वास्थ्य की सुरक्षा से बड़ा खेलवाड़ किया जा रहा है। प्राप्त सूचनाओं ने इस स्थिति की गंभीरता को उजागर किया है।
नियमित सफाई कर्मियों को नहीं मिल रहा न्यूनतम मजदूरी
नगर पंचायत के नियमित सफाई कर्मियों द्वारा प्रस्तुत शिकायतें भी विचारणीय हैं। वे बताते हैं कि वे 10 वर्षों से अधिक समय से शाहपुर नगर पंचायत के सफाई कार्य में संलग्न हैं, फिर भी वेतन की अनियमितता एक गंभीर समस्या बनी हुई है। कई कर्मियों को मात्र 7,500 से 8,000 रुपए मासिक वेतन दिया जा रहा है, जो कि उनके कार्य और अनुभव के अनुरूप अत्यंत साधारण है। बिहार सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मजदूरी भी उन्हे नहीं दिया जा रहा है। सफाई कर्मियों ने कहा की इसे लेकर अब हमलोग चुप नहीं बैठेंगे।
वही एजेंसी के सफाई कर्मियों ने कहा एनजीओ खा रहा है हमारा पैसा
इधर, एनजीओ के सफाई कर्मियों ने बताया की हमारे पैसों को एनजीओ खा रहा है। शाहपुर नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी नेशात आलम द्वारा कोई कारवाई नहीं की जा रही है। मजदूरों ने कहा की एक साल होने को है अबतक ईपीएफ यूएन भी जेनरेट नहीं हो सका है और प्रतिमाह उनका पैसा भी काटा जा रहा है।
नगर की स्वच्छता को गंभीरता से ले नपं प्रशासन
नगर की उप चेयरमैन झुनीया देवी, पूर्व चेयरमैन बबीता देवी, समाजसेवी मुन्ना पांडेय, पूर्व उप चेयरमैन गुप्तेश्वर साह, कृष्ण कुमार, पार्षद सदस्य कामेश्वर कुमार राज, बंटी पांडेय, मंजी पांडेय ने कहा है की नगर पंचायत प्रशासन इस मुद्दे को गंभीरता से ले और आवश्यक कदम उठाए। इसके साथ ही, बायोमेट्रिक हाजिरी प्रणाली के तहत एनजीओ के 40 सफाई कर्मियों की उपस्थिति और जिम्मेदारी सुनिश्चित की जाये जिससे सम्पूर्ण नगर की स्वच्छता में सुधार किया जा सके।