Monkeys : शाहपुर नगर पंचायत में बंदरों की आबादी का निरंतर बढ़ना चिंता का विषय बन गया है। यह मुद्दा गंभीर होता जा रहा है।
- हाइलाइट : Monkeys
- नगर पंचायत शाहपुर को तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है:- पूर्व मुख्य पार्षद
- बंदरों को उनके प्राकृतिक वास में वापस भेजने के उपाय किए जाने चाहिये :- मुन्ना पांडेय
आरा/शाहपुर: पर्यावरण में होने वाले आवासीय परिवर्तनों के कारण, जंगलों में रहने वाले बंदर अब शहरों की ओर भाग रहे हैं। मानव विस्तार, वनों का विनाश और जलवायु परिवर्तन जैसे कारकों ने बंदरों के प्राकृतिक आवासों को नष्ट कर दिया है। इसके परिणामस्वरूप, ये बंदर अपनी प्रजाति की रक्षा के लिए शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं।
इधर, शाहपुर नगर पंचायत में बंदरों की आबादी का निरंतर बढ़ना गंभीर चिंता का विषय बन गया है। यह मुद्दा गंभीर होता जा रहा है। शाहपुर थाना के पुलिस कर्मियों सहित स्थानीय निवासियों के लिए यह एक बड़ी समस्या बन गया है। बंदरों द्वारा घरों में घुसना और नागरिकों पर हमले करने की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं।
पूर्व मुख्य पार्षद बिजय सिंह ने कहा कि नगर पंचायत शाहपुर को तत्काल कदम उठाने की आवश्यकता है। इसमें बंदरों के प्राकृतिक आवास में भेजकर नागरिकों को सुरक्षा प्रदान करना प्राथमिक कर्तव्यों में शामिल होना चाहिए।
समाज सेवी मुन्ना पांडेय ने कहा कि इस समस्या का समाधान हेतु वन विभाग व पर्यावरण विभाग के साथ मिलकर शाहपुर नगर पंचायत द्वारा कार्य योजना बनाई जानी चाहिए। इसके अंतर्गत बंदरों को उनके प्राकृतिक वास में वापस भेजने के उपाय किए जाने चाहिये।
स्थानीय शिक्षाविद् एवं बुद्धिजीवियों के अनुसार बंदरों के आतंक से निपटने के लिए एक व्यापक और दीर्घकालिक रणनीति की आवश्यकता है। यह न केवल स्थानीय निवासियों को राहत प्रदान करेगी, बल्कि प्राकृतिक संतुलन को भी बनाए रखने में मदद करेगी। इस समस्या पर त्वरित और प्रभावी कार्रवाई करके, शाहपुर नगर पंचायत एक आदर्श उदाहरण प्रस्तुत कर सकती है।